'कोई कुछ कहे, तरक्की तो हुई है गुजरात में'
, मंगलवार, 15 अप्रैल 2014 (12:48 IST)
भारतीय जनता पार्टी 'गुजरात मॉडल' को विकास का प्रतीक बना कर चुनाव मैदान में है जबकि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जैसे राजनीतिक दलों का कहना है कि यह मॉडल नकली है। चुनावी शोर में इस मॉडल की खूब चर्चा हो रही है। इसके समर्थक इसके हक में सरगर्म हैं तो आलोचक इसे बराबर निशाना बना रहे हैं।इस मॉडल पर बीबीसी संवाददाता पवन सिंह अतुल ने अर्थशास्त्री गुरचरण दास से बात की।*मोदी ने गुजरात को जापान बना दिया है। इस दावे में कितना दम है?-
गुजरात में तरक्की तो बहुत हुई है। उल्लेखनीय यह है कि कृषि के क्षेत्र में बहुत प्रगति हुई है। दस साल के दौरान यह प्रगति 10 प्रतिशत प्रतिवर्ष रही है। यह अभूतपूर्व है।हरित क्रांति के दौरान भी पंजाब-हरियाणा में 10 प्रतिशत विकास दर 10 साल तक नहीं रही थी। सिर्फ चीन में छह साल, 1978 से 1984 तक, विकास दर 13 प्रतिशत रही थी। कृषि के क्षेत्र में इस सफलता को अशोक गुलाटी ने विश्लेषित किया है। यह सफलता इसलिए मिली है क्योंकि गुजरात में पानी और बिजली 24 घंटे मिल रही है।* मोदी के आने से पहले भी गुजरात अन्य राज्यों की तुलना में आगे ही था। सारा श्रेय एक व्यक्ति को देना कितना सही है?-
एक व्यक्ति को सारा श्रेय नहीं देना चाहिए। लेकिन कृषि क्षेत्र में जो तरक्की हुई है वो 10 साल में ही हुई है। भारत के किसी राज्य में ऐसा नहीं हुआ। मैं भी यह मानने को तैयार नहीं था जब तक कि अशोक गुलाटी ने मुझे आंकड़े नहीं दिखाए।
* रघुराम राजन, अशोक कोतवाल, मैत्रेय घटक जैसे अर्थशास्त्रियों का कहना है कि तरक्की भले ही हुई हो लेकिन विकास के अन्य मानकों पर गुजरात और अन्य राज्यों में कोई फर्क नहीं है।-
हो सकता है वे सही हों। लेकिन मैंने देखा है कि बहुत सारे मजदूर मध्यप्रदेश और बिहार से गुजरात जा रहे हैं क्योंकि वहां नौकरी मिल सकती है। जैसे पंजाब में प्रवास होता था बिहार से। अगर तरक्की न हो तो वह प्रवास नहीं होता।दूसरा बात यह है कि उद्योग-धंधे वहां क्यों जा रहे हैं। उद्योग-धंधे वहीं जाते हैं जहां उन्हें सुविधा मिलती है, समस्याएं कम होती हैं। इंस्पेक्टर राज, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार जैसी समस्याएं गुजरात में कम हो गई हैं। और सिर्फ बड़े उद्योगपति ही यह नहीं कहते बल्कि छोटे और मंझोले उद्योग भी यही कहते हैं। अगर भ्रष्टाचार कम कर दो तो व्यापारी तो खुश ही होंगे।
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* पिछले बीस साल में गुजरात में सड़कें, बिजली आपूर्ति बेहतर हुई हैं यह सभी मानते हैं। लेकिन विकास के पैमान- गरीबी, शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य के क्षेत्र में गुजरात बहुत आगे नहीं है। तमिलनाडु, केरल, हिमाचल के आंकड़े भी उससे कमज़ोर नहीं हैं।