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क्या है फेसबुक का भविष्य?

- सुशील झा (दिल्ली)

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, बुधवार, 17 अप्रैल 2013 (12:33 IST)
पिछले कुछ दिनों से मैंने एक बात नोटिस की है। अपने फोन पर जब भी फेसबुक खोलता हूं तो किसी रेस्तरां का ऐप बार-बार न्यूज फीड में आ जाता है।

BBC
मैंने न तो इस ऐप को लाइक किया है और न ही कभी किसी ऐसे पन्ने पर क्लिक किया है फिर भी पता नहीं क्यों ये ज़ोमाटो.कॉम बार बार न्यूज फीड में आता है। वैसे कमाल ये है कि डेस्कटॉप पर ऐसा कुछ नहीं होता। आपके साथ भी अगर ऐसा हो रहा है तो मैं जवाब खोज लाया हूं आपके लिए।

फेसबुक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सैली सैंडबर्ग ने पिछले दिनों लंदन में संवाददाताओं से बातचीत में बताया कि कंपनी के लिए सबसे महत्वपूर्ण दो चीजों में एक मोबाइल और दूसरा विज्ञापन है।

मोबाइल में भी फेसबुक का अधिक ध्यान एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म पर है। जब बीबीसी के टेक्नोलॉजी संवाददाता रोरी जोन्स ने सैली से पूछा कि क्या आईफोन को दिक्कत होने वाली है तो सैली का कहना था, ‘हम ऐपल के साथ मिलकर काम कर रहे हैं लेकिन फेसबुक का असली मजा फेसबुक होम पर ही आएगा जो एंड्रॉयड से जुड़ा हुआ है।’

सैली ने ये भी साफ किया कि फेसबुक पर विज्ञापन भी जरूरी हैं और ये टेलीविजन जितना महत्वपूर्ण नहीं तो उससे कम भी नहीं है। जाहिर है अब आप समझ गए होंगे कि आपके मोबाइल पर फेसबुक देखने पर क्यों विज्ञापन आपके न्यूजफीड में आ जाता है।

लेकिन फेसबुक के लिए भी विज्ञापन और मोबाइल क्यों है इतना जरूरी?

जरा इन आंकड़ों को देखिए...

पूरी दुनिया में फेसबुक का इस्तेमाल करने वालों की संख्या एक अरब से अधिक है। सिर्फ भारत में ही 6.38 करोड़ लोग फेसबुक पर हैं।

इसका एक बड़ा हिस्सा मोबाइल और स्मार्टफोन के जरिए सोशल मीडिया या फेसबुक का इस्तेमाल करता है। चौबीस घंटों में लोग जितना समय टीवी पर नहीं देते उतना समय फोन पर बिताते हैं।

नील्सन के एक सर्वे में लोग दिन में ढाई घंटा समय अपने स्मार्टफोन को देते हैं। जिसमें वो ऐप डाउनलोड करते हैं, संगीत सुनते हैं ब्राउजिंग करते हैं। अब मोबाइल से बातचीत और मैसेज बहुत कम होता है।

भारत में मोबाइल के जरिए इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या है करीब चार करोड़। अब अगर स्मार्टफोन की बात करें और फेसबुक के एंड्रॉ़यड संबंधी बयान को ध्यान में रखें तो आप पाएंगे कि आखिर फेसबुक किस दिशा में जा रहा है।

इंटरनेशनल डाटा कॉरपोरेशन यानी आईटीसी जो दुनिया भर में मोबाइल के आंकड़े जुटाता है- उसके अनुसार भारत में 2013 में स्मार्टफोन बाजार में 38.8 प्रतिशत पर सैमसंग का कब्जा है जबकि 15.5 प्रतिशत पर ऐपल का। नोकिया तीसरे नंबर पर 7.7 प्रतिशत लोगों के पास है।

सैमसंग जाहिर है कि एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म का प्रयोग करता है और फेसबुक इसी वर्ग पर अपनी नजरें जमा रहा है।

यानी इन आकड़ों से ये समझा जा सकता है कि फेसबुक मूल रूप से एंड्रॉयड फोन के बढ़ते बाजार के साथ अपनी पैठ बनाना चाह रहा है और अगर ऐसा दिन आए कि जब डेस्कटॉप पर फेसबुक न दिखे तो घबराइएगा नहीं।

फेसबुक मोबाइल पर उपलब्ध होगा और वो भी बेहतर फॉर्मेट के साथ।

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