Dharma Sangrah

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

क्या है ब्रिक्स?

- पवन सिंह अतुल (दिल्ली)

Advertiesment
हमें फॉलो करें ब्रिक्स
, मंगलवार, 12 अप्रैल 2011 (13:17 IST)
BBC
अंग्रेजी अक्षरों बी.आर.आई.सी.एस. से बना शब्द 'ब्रिक्स' दुनिया की पाँच उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है। जैसा कि नाम से अनुमान लगाया जा सकता है, ये देश हैं - ब्राजील, रुस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका।

इस वर्ष दक्षिण अफ्रीका के इस आर्थिक समूह से जुड़ने से पहले इसे 'ब्रिक' ही कहा जाता था। 'ब्रिक' शब्दावली के जन्मदाता जिम ओ'नील हैं। ओ'नील ने इस शब्दावली का प्रयोग सबसे पहले वर्ष 2001 में अपने शोधपत्र में किया था।

उस शोधपत्र का शीर्षक था, 'बिल्डिंग बेटर ग्लोबल इकोनॉमिक ब्रिक्स।' ओ'नील अंतरराष्ट्रीय वित्तीय कंसलटेंसी गोल्डमैन सैक्स से जुड़े हैं। गोल्डमैन सैक्स इसके बाद दो बार इस रिपोर्ट को अपडेट कर चुका है।

जिम ओ'नील के इस प्रसिद्ध शोधपत्र के आठ साल बाद ब्रिक देशों की पहली शिखर स्तर की आधिकारिक बैठक 16 जून 2009 को रुस के येकाटेरिंगबर्ग में हुई। लेकिन इससे पहले ब्रिक देशों के विदेश मंत्री मई 2008 में एक बैठक कर चुके थे।

इसके बाद वर्ष 2010 में ब्रिक का शिखर सम्मेलन ब्राजील की राजधानी ब्रासिलीया में हुई वर्ष 2011 में इस आर्थिक समूह का शिखर सम्मेलन चीन के सानया शहर में हो रहा है।

मतभेद और मुद्दे : ब्रिक्स देश आर्थिक मुद्दों पर एक साथ काम करना चाहते हैं, लेकिन इनमें से कुछ के बीच राजनीतिक विषयों पर भारी विवाद हैं। इन विवादों में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद प्रमुख है।

संबंधों में गर्मजोशी के बावजूद भारत और चीन एक दूसरे को एक विवादित और सैन्यीकृत सरहद के आर-पार खड़े पाते हैं। भारत चीन के पाकिस्तान के साथ संबंधों के बारे में भी असहज है।

इतना ही नहीं अभी इन पाँच देशों के बीच ब्रिक्स को औपचारिक शक्ल देने पर भी मतांतर हैं। मसलन ब्रिक्स का सैक्रेटेरिएट बनाने पर भी फिलहाल कोई सहमति नहीं हो पाई है। साथ ही इस विषय पर भी कोई साफ विचार नहीं है कि समूह में नए सदस्यों को कैसे और कब जोड़ा जाए। रुस और ब्राजील में हुए सम्मेलन किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुँचे थे।

इसके अलावा भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में मजबूत लोकतांत्रिक व्यवस्था है और ये देश अमेरिका के साथ अपने नजदीकी संबंधों के लिए जाने जाते हैं। लेकिन इसी समूह में चीन भी है जहाँ साम्यवादी शासन है और गैर-कम्यूनिस्ट राजनीतिक गतिविधियों के लिए सहनशीलता ना के बराबर है।

ब्राजील चीन की मुद्रा युआन को जानबूझ कर सस्ता रखे जाने पर चिंता व्यक्त कर चुका है। चीन ये बात साफ कर चुका है कि युआन का मुद्दा ब्रिक्स में बहस के लिए नहीं उठाया जा सकता।

webdunia
BBC
जानकारों की राय : कार्नेगी एंडॉओमेंट के अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र कार्यक्रम के प्रमुख यूरी डाडुश कहते हैं कि ब्रिक्स के देश नई वैश्विक अर्थव्यवस्था बनाना चाहते हैं और इस विषय में दुनिया में उनकी बात सुनी भी जा रही है, लेकिन डाडुश के अनुसार ये इन देशों में मतभेद भी हैं।

उन्होंने समाचार एजेंसी रायटर्स को बताया, 'आर्थिक मुद्दों को छोड़े दें तो ब्रिक्स के देशों के बीच बड़े मतभेद हैं। भारत और चीन के बीच एक बड़ी प्रतिस्पर्धा है। इसके अलावा भविष्य में चीन और रूस में भी प्रतिस्पर्धा के आसार हैं।'

चीन के सानया में हो रहे सम्मेलन से कुछ पुख्ता उपलब्धियाँ हों ये कहना मुश्किल है। लेकिन दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्थाओं में साझा आर्थिक मुद्दों पर समन्वय बनाए जाने की कोशिश तो जरूर होगी।

लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के क्रिस एल्डन ने रॉयटर्स को बताया, 'ये एक अहम बैठक है। इस वर्ष एक नया सदस्य ब्रिक्स से जुड़ा है। और इस समूह ने सियासी तौर पर खुद को प्रस्तुत करने की कोशिश की है। ये समूह समस्त उभरती और विकासशील दुनिया का प्रतिनिधित्व करना चाहता है। दक्षिण अफ्रीका को शामिल किया जाने के पीछे यही तर्क है।'

ब्रिक्स में दक्षिण अफ्रीका के जुड़ने से इस समूह ने विस्तार के संकेत दिए हैं और शायद इस सम्मेलन में नए देशों के प्रवेश को लेकर कोई साफ रुपरेखा तैयार हो पाएगी।

उभरते और विकासशील देशों की नुमाइंदगी करने का सपना पूरा करने के लिए इस समूह को एक औपचारिक संगठन बनाने की जरूरत से इनकार नहीं किया जा सकता।

ब्रिक्स : मुद्दे और मतभेद-
*भारत और चीन के बीच सीमा विवाद।
*भारत चीन के पाकिस्तान के साथ संबंधों के बारे में असहज।
*ब्रिक्स औपचारिक शक्ल देने पर आमराय नहीं, सैक्रेटेरिएट बनाने पर भी फिलहाल कोई सहमति नहीं।
*नए सदस्यों को के प्रवेश पर साफ नजरिया नहीं।
*पहले दो सम्मलनों का कोई ठोस नतीजा नहीं।
*चीन में गैर-कम्यूनिस्ट राजनीतिक गतिविधियों के लिए सहनशीलता ना के बराबर।
*इसके विपरीत भारत, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में सशक्त लोकतंत्र।
*ब्राजील चीन की मुद्रा युआन को जानबूझ कर सस्ता रखे जाने पर चिंतित।
*चीन युआन पर ब्रिक्स में बहस के लिए तैयार नहीं।

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi