बुध ग्रह पर लोहे का भारी संग्रह
वैज्ञानिकों का कहना है बुध ग्रह पर भारी मात्रा में लोहा मौजूद है। नासा के खोजी यान मेसेंजर ने पाया है कि बुध ग्रह पर लोहे और टाइटेनियम का बड़ा संग्रह है। इससे पहले यह माना जाता था कि बुध ग्रह को ढँकने वाले सिलिकेट खनिज में थोड़ी मात्रा में लोहा है।मेसेंजर खोजी अभियान के प्रमुख शॉन सोलोमन ने कहा, 'यह लोहा ऐसे रूप में मौजूद है जो हमें अन्य ग्रहों में नहीं मिलता, इसलिए हमारे भूरसायन शास्त्रियों और शैलविज्ञानियों को और काम करना होगा।'इसके अलावा ग्रहों के निर्माण के मौजूदा सिद्धांतों को भी इस जानकारी पर ध्यान देना होगा। क्योंकि कुछ सिद्धांतों के अनुसार बुध ग्रह मुख्य रूप से उस पिंड का केंद्रीय अवशेष है, जिसकी ऊपरी परतें निर्माण के आरंभिक काल में एक जबरदस्त भिड़ंत के कारण अलग हो गई थीं।बुध की सतह : मेसेंजर खोजी यान के कैमरों और उपकरणों ने कई रंगीन तस्वीरें इकट्ठा की हैं, जिससे ग्रह की और 6 प्रतिशत सतह का पता चलता है, जो इससे पहले इतनी नजदीकी से कभी नहीं देखी गई थी।मेसेंजर यान बुध ग्रह की 98 प्रतिशत सतह देख चुका है, जिसके दौरान उसे एक गह्वर के चारों ओर का चमकदार क्षेत्र भी दिखाई दिया है, जो संभवत ज्वालामुखी रहा होगा। उसे दोहरे छल्ले वाला अपेक्षाकृत युवा कुंड भी मिला है, जिसका व्यास 290 किलोमीटर है।इस खोजी दल की सदस्य ब्रेट डेनेवी इसकी व्याख्या करते हुए कहते हैं, 'ग्रह भूविज्ञानियों के लिए युवा का मतलब कोई एक अरब साल पुराना हुआ। क्योंकि बुध ग्रह के अन्य कुंड तीन अरब साल पुराने हैं।'मेसेंजर खोजी यान ने बुध ग्रह के वायुमंडल का नया मापन भी किया है। बुध का वायुमंडल अत्यंत सूक्ष्म अणुओं के बादलों से बना है, जो सौर गतिविधियों और क्षुद्र उल्का पिंडों के टकराने के कारण ग्रह की सतह से उठते हैं।