भारत में किसके पास है सोने की कमीज?
, सोमवार, 15 अप्रैल 2013 (09:45 IST)
पुणे के दत्ता फुग्गे की अंगुलियां, गला और कलाइयां सोने के आभूषणों से लदी हुई हैं। लेकिन जो सबसे अधिक चमकने वाली चीज है, वो है उनकी सोने की कमीज। करीब तीन किलो तीन सौ ग्राम सोने से बनी ये दुनिया की सबसे महंगी कमीज है। इसकी कीमत है ढाई लाख डॉलर या करीब एक करोड़ 39 लाख रुपए।भारतीयों के सोने के प्रति प्रेम का ये एक बेहतरीन उदाहरण है। जैसा शौक वैसा नाम, तो दत्ता फुग्गे अब ‘गोल्ड मैन’ के उपनाम से भी जाने जाने लगे हैं।इसे असाधारण फैशन कहा जा सकता है। लेकिन फुग्गे ऐसा नहीं मानते। वो कहते हैं, 'कुछ लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं इतना अधिक सोना क्यों पहनता हूं। लेकिन मेरा यह सपना था। लोगों की अलग-अलग अभिलाषाएं होती हैं। कुछ धनी लोग ऑडी या मर्सिडीज कार खरीदना चाहते हैं और खरीद भी लेते हैं। तो मैंने सोने को चुना।'असाधारण फैशन : ऐसा नहीं है कि दत्ता फुग्गे के पास कार नहीं हैं, उनके पास पांच कारें हैं। वे सोने की इस खास कमीज को केवल पार्टियों और कुछ अन्य महत्वपूर्ण अवसरों पर ही पहनते हैं। लेकिन जब वे इसे पहन कर चलते हैं तो उनके साथ सुरक्षाकर्मियों का एक दस्ता चलता है।पुणे में आभूषणों की 133 साल पुरानी दुकान रत्नाकर ज्वेलर्स के तेजपाल रत्नाकर कहते हैं, 'हमारे सामने चुनौती इस बात की थी कि इसे एक आम कमीज की तरह पहनने में आरामदायक बनाना।'वे बताते हैं कि एक बार जब उन्होंने इसे बनाने का फैसला कर लिया तो इसके डिजाइन और पैटर्न पर शोध किया। उन्होंने कहा कि वो यह नहीं चाहते थे कि यह सोने की चादर पहनने जैसा लगे। रत्नाकर और उनके कारीगरों की टीम ने एक विशेष मशीन के जरिए इतालवी बुनाई के आधार पर सोने का कपड़ा बनाने का फैसला किया।इसका ख्याल उन्हें भारतीय राजाओं के कवच वाले चित्रों को देखने के बाद आया। शरीर को खरोंच से बचाने के लिए उन्होंने इसके नीचे मखमल का स्तर लगाया।बीबीसी संवाददाता ने भी जब इस कमीज को देखा तो पाया कि यह पहनने में भारी थी और थोड़ी टेढ़ी-मेढ़ी थी। इसे धोया नहीं जा सकता था, इसलिए इसे गंदा या अत्यधिक पसीने से बचाने के लिए ध्यान रखने की जरूरत थी।पद प्रतिष्ठा : फुग्गे कहते हैं कि इसे पहनने से उन्हें आनंद आता है। उनके लिए यह प्रचार का सबसे अच्छा तरीका है। इसने उन्हें समाज में पद-प्रतिष्ठा दिलाई। इसकी चाहत उन्हें उस समय से थी, जब वे युवा थे।वह कहते हैं, 'जब मैं कॉलेज में था तो लोग कहते थे कि अगर आप बड़े खानदान से हैं तो आपको सोना पहनना चाहिए। इसलिए 20 साल की उम्र से मैंने सोना पहनना शुरु कर दिया। मैं 10-15 ग्राम सोना पहनता था।'एक विनम्र पृष्ठभूमि वाले परिवार से आने वाले फुग्गे को प्रापर्टी के कारोबार में अच्छी सफलता मिली। इसके बाद वे पुणे के पास स्थित कस्बे पिंपरी चिंचवाड़ में सूद पर पैसे चलाने लगे।उन्होंने बताया कि हर छह या आठ महीने में जब उनकी कंपनी अच्छा मुनाफा कमाती थी तो वे सोने से बनी कोई न कोई चीज़ खरीद लेते थे। अब वे जो चीज खरीदना चाहते हैं, वो है पूरी तरह सोने से बनी मोबाइल और शायद सोने से बने जूते का एक जोड़ा।हालांकि कुछ खबरों में कहा गया था कि फुग्गे ने महिलाओं को लुभाने के लिए यह कमीज बनवाई है। लेकिन वे अपनी पत्नी सीमा के साथ सुखद वैवाहिक जीवन बिता रहे हैं।सीमा सरकारी नौकरी करती हैं और क़ीमती धातुओं में रुचि रखती हैं। फुग्गे बताते हैं, 'सीमा के पास आधा किलो सोना है। उनके लिए मैंने सोने के हार और बैग खरीदे हैं।'फुग्गे यह भी जानते हैं कि सोने में निवेश का मतलब क्या होता है। वो कहते हैं, 'अगर जरूरत पड़ी तो मैं कमीज़ को बेचकर पैसा भी ले सकता हूं।'भारतीयों का सोना प्रेम : दत्ता फुग्गे उन लाखों-करोड़ों भारतीयों में से एक हैं, जिन्हें सोने से प्यार है। दुनिया में सोने की खपत सबसे अधिक भारत में होती है।वित्तिय मामलों का विश्लेषण करने वाली कंपनी, 'इंडिया इंफो लाइन' के राजीव मेहता कहते हैं, 'हर भारतीय सोना खरीदता है। यह प्रतिष्ठा या संपत्ति का प्रतीक बन गया है। पिछले 10 सालों से हम देख रहे हैं कि लोग सोने के आभूषणों का बढ़-चढ़कर प्रदर्शन कर रहे हैं या भड़कीला बनने का प्रयास कर रहे हैं।'मेहता बताते हैं कि भारत में 18 हज़ार टन सोना है और इसका दो तिहाई हिस्सा गांवों में है। ऐसे लाखों लोगों जिनके पास किसी बैंक में खाता नहीं हैं, उनके लिए सोने में निवेश एक अच्छा विकल्प है।तेजपाल रत्नाकर बताते हैं कि लोग सोने के हैंडबैग और बेल्ट की फरमाइश कर रहे हैं। सोने की छड़ें खरीदने वाले भारतीयों की संख्या भी बढ़ रही है।चौबिस कैरट सोने से कलई करने वाली मुंबई के एक स्टूडियो के शहजाद खान कहते हैं, उनकी कपंनी से हाल ही में एक ग्राहक ने अपने शौचालय में सोने की कलई करने को कहा है। उन्होंने बताया कि भारत के सबसे धनी व्यक्ति मुकेश अंबानी के आलीशान घर ‘अंटालिया’ की सीढ़ियों पर सोने की कलई करने को कहा गया है।