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भारत-पाक बातचीत होनी चाहिए, पर इसे कमजोरी न समझें- बासित

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, बुधवार, 30 नवंबर 2016 (15:50 IST)
भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने बीबीसी से बातचीत में कहा है कि भारत के साथ दो-तरफ़ा बातचीत को लेकर कोई प्रोग्राम तय नहीं है, अभी कोई ऐसा संकेत नहीं है।
 
उन्होंने कहा कि ये पाकिस्तान के हित में नहीं है कि नियंत्रण रेखा पर कोई मुश्किलें पैदा हों, क्योंकि पाकिस्तान ने तो संयुक्त राष्ट्र में ही सुझाव दिया था कि एलओसी के बारे में कोई स्थायी एग्रीमेंट हो जाए लेकिन भारत ने कोई जवाब नहीं दिया।
 
कुछ ही दिन में अमृतसर में होने वाली 'हार्ट ऑफ़ एशिया कॉन्फ़्रेंस' में पाकिस्तान के भाग लेने के संदर्भ में उन्होंने ये कहा है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज इसमें भाग लेने भारत आने वाले हैं।
 
बीबीसी दिल्ली के स्टूडियो से बीबीसी उर्दू के फेसबुक लाइव के दौरान अब्दुल बासित ने कहा, 'अभी कोई दो-तरफा मुलाकात तय नहीं है। हम चाहते हैं कि जो बातचीत हो उसका नतीजा निकले। जहां तक शर्त की बात है, तो हमारी तरफ से भी शर्त हो सकती है कि जब तक पाक में दहशतगर्दी जारी है तब तक भारत से बातचीत नहीं हो सकती। मतभेद बातचीत से ही दूर हो सकते हैं, शर्तें तो हम भी लगा सकते हैं, कश्मीर पर, सियाचिन पर... '
 
उनका कहना था, 'बुनियादी फैसला करना है कि हम इस पैटर्न से निकलें, एक कदम आगे, दो पीछे.....इससे बाहर निकलना है. हम जो हर रोज कहते हैं कि हमें बात करनी है, उसे हमें कमजोरी न समझें। शायर ने कहा है- ...पानी को अब तो सर से गुज़र जाना चाहिए, कुछ फैसला अब तो हो जाना चाहिए।'

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