पिछले साल अक्टूबर महीने में नाइज़र में घात लगाकर हुए हमले में चार अमेरिकी सैनिक मारे गए थे। ये अमरीकी सैनिक माली की सीमा पर एक ऑपरेशन को अंजाम दे रहे थे।
अमेरिका के लिए यह किसी झटके से कम नहीं था। पश्चिम अफ़्रीका का यह ऐसा इलाक़ा है जहां शायद ही किसी को पता था कि यहां भी अमेरिकी सैनिकों का अभियान चल रहा है। ब्रह्मांड के सबसे ताक़तवर देश अमेरिका के दो लाख से ज़्यादा सैनिक दुनिया भर के 180 देशों में फैले हुए हैं। हालांकि इनमें से केवल सात देश ही हैं जहां अमेरिकी सैनिक सक्रिय रूप से सैन्य अभियान में शामिल हैं।
यह बात एक गोपनीय रिपोर्ट से सामने आई है जिसे ट्रंप सरकार ने अमेरिीक कांग्रेस को भेजी थी। यह रिपोर्ट न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी है। हम आपको यहां उन सात देशों के बारे में बता रहे हैं-
अफ़ग़ानिस्तान
अफ़ग़ानिस्तान में 13,329 अमेरिकी सैनिक हैं। 11 सितंबर, 2001 को वॉशिंगटन और न्यूयॉर्क में तालिबान और अल-क़ायदा के हमले के बाद अमेरिकी सैनिकों को यहां भेजा गया था। अमेरिका को यहां तालिबान से लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी है, लेकिन अब भी युद्ध ख़त्म नहीं हो पाया है। दुनिया के सबसे ताक़तवर देश अमेरिका के लिए अफ़ग़ानिस्तान की लड़ाई अब भी सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। अमेरिका को यहां अल-क़ायदा, तालिबान, इस्लामिक स्टेट और हक़्क़ानी नेटवर्क से कड़ी चुनौती मिल रही है।
इराक़
सद्दाम हुसैन के अंत के बाद इराक़ में अमेरिकी सेना अब इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों से जू़झ रही है। सद्दाम हुसैन के मारे जाने के बाद से इराक़ बुरी तरह से अशांत है और इस्लामिक स्टेट के कारण देश भर में हिंसा जारी रही। हालांकि यह हिंसा अब भी नहीं थमी है और अमरीकी सैनिक यहां भी इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों से जूझ रहे हैं।
सीरिया
सीरिया में अमेरिका के नेतृत्व वाले अंतरराष्ट्रीय बलों ने 2017 में लाखों लोगों को चरपंथियों के क़ब्ज़े से मुक्त कराया है। इराक़ और सीरिया में चरमपंथी समूहों के 98 फ़ीसदी क़ब्ज़े को ख़त्म कर दिया गया है। सीरिया में कम से कम डेढ़ हज़ार सैनिक मौजूद हैं और ये अपने अभियानों को अंजाम दे रहे हैं। हालांकि सीरिया में अब भी स्थिति सामान्य नहीं हो पाई है और अमेरिका के बरक्स रूस दूसरा पक्ष बनकर मैदान में खड़ा है।
यमन
अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी यमन में भी है। ये यहां भी अल-क़ायदा से मोर्चा ले रहे हैं। ट्रंप सरकार ने अमेरिकी कांग्रेस को जो रिपोर्ट भेजी है उसमें बताया गया है कि अमेरिका आंशिक रूप से यमन में हूती विद्रोहियों के ख़िलाफ़ सऊदी अरब के नेतृत्व वाले बल को मदद कर रही है। यह मदद केवल सैन्य स्तर पर ही नहीं है बल्कि ख़ुफ़िया सूचनाओं के आदान-प्रदान के स्तर पर भी है।
सोमालिया
सोमालिया में अमरीका के 300 लोग हैं। ये सोमालिया स्थित चरमपंथी संगठन अल-शबाब के ख़िलाफ़ ऑपरेशन को अंजाम दे रहे हैं। 1993 में सोमालिया में अमेरिकी बलों को कड़वे अनुभव से गुज़रना पड़ा था। तब अमेरिकी सैनिक मोहम्मद फ़राह अईदीद को पकड़ने के लिए अभियान चला रहे थे। इस ऑपरेशन के दौरान ही साबित हो गया था कि सोमालिया में सैन्य अभियान चलाना कितना मुश्किल है। इस अभियान में 18 अमेरिकी सैनिका मारे गए थे।
लीबिया
लीबिया में अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी बहुत छोटी है। अमेरिकी कांग्रेस को भेजी रिपोर्ट में ट्रंप प्रशासन ने बताया है कि अमेरिकी सैनिक इस्लामिक स्टेट के ख़िलाफ़ लड़ रहे हैं। लीबिया में गद्दाफ़ी का शासन ख़त्म होने के बाद से यहां अशांति का माहौल बना हुआ है।
नाइज़र
नाइज़र में अमेरिकी के क़रीब 500 सक्रिय सैनिक मौजूद हैं। अक्टूबर 2017 में चार अमेरिकी सैनिकों के मारे जाने के बाद से यहां इस्लामिक स्टेट के ख़िलाफ़ अभियान जारी है। अमेरिका में इन सैनिकों की मौत को लेकर बहस भी हो रही है। अमेरिका के लिए पश्चिमी अफ़्रीकी देश नाइज़र में सैनिकों मौजदूगी बिल्कुल नई बात थी।