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हिमाचल चुनाव: रैली अमित शाह की, चर्चा मोदी, नेहरू और इंग्लैंड की

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BBC Hindi

, गुरुवार, 3 नवंबर 2022 (07:52 IST)
राघवेंद्र राव, बीबीसी संवाददाता
शाम पांच बजे का वक़्त है और शिमला शहर के बाहरी इलाक़े भट्टाकुफ़र के एक छोटे से मैदान में स्थानीय लोगों की भीड़ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सुनने का इंतज़ार कर रही है।
 
ये इलाक़ा कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र में आता है और इस बार यहां पिछली दो बार से विधायक रहे कांग्रेस के अनिरुद्ध सिंह के ख़िलाफ़ भारतीय जनता पार्टी की वर्तमान सरकार में मंत्री और शिमला विधानसभा क्षेत्र से लगातार चार बार विधायक रहे सुरेश भारद्वाज को चुनावी मैदान में उतारा है।
 
अमित शाह हिमाचल प्रदेश में दो दिन के चुनावी दौरे पर हैं और मंगलवार को उनके दिन की शुरुआत चम्बा के भटियात में एक चुनावी सभा से हुई। उनका अगला पड़ाव मंडी का करसोग विधानसभा क्षेत्र था जिसके बाद ही वो कसुम्पटी पहुंचने वाले थे।
 
हिमाचल प्रदेश में चुनावी तापमान भले ही उबाल पर हो, लेकिन सर्दियों का आग़ाज़ भी हो चुका है और चुनावी जनसभा के लिए शाम पांच बजे का समय स्थानीय लोगों को कुछ ज़्यादा उत्साहित करता नहीं दिख रहा।
 
लोगों में बढ़ती बेचैनी को देख ये भी साफ़ तौर पर महसूस किया जा सकता है कि लोग स्थानीय नेताओं के स्वागत भाषणों के बजाय मंच पर बैठे अमित शाह की बात सुनने के लिए ज़्यादा उत्सुक हैं।
 
क़रीब सवा पांच बजे अमित शाह अपना भाषण शुरू करते हैं और अगले पच्चीस मिनट में ये साफ़ हो जाता है कि भारतीय जनता पार्टी इस पहाड़ी राज्य में एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर ही चुनाव लड़ने जा रही है।
 
इस बात का सबसे महत्वपूर्ण सूचक ये है कि अपने पच्चीस मिनट के भाषण में अमित शाह 29 बार प्रधानमंत्री मोदी का नाम लेते हैं। वहीं दूसरी तरफ़, पार्टी उम्मीदवार सुरेश भारद्वाज के इक्का-दुक्का ज़िक्र के साथ शाह हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का नाम सिर्फ़ तीन बार लेते हैं।
 
भाषण की शुरुआत
भाषण की शुरुआत में ही अमित शाह कांग्रेस पर निशाना साधते हैं। वे कहते हैं, "भाजपा का मुक़ाबला कांग्रेस पार्टी से है। कांग्रेस पार्टी में माँ-बेटे के अलावा कोई बचा है क्या? बचा है? अरे भाई सिर्फ़ दिल्ली में नहीं, यहाँ पर भी माँ-बेटे के अलावा कुछ नहीं बचा है।"
 
सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी के अलावा शाह का तंज़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और उनके पुत्र विक्रमादित्य सिंह पर है।
 
प्रतिभा सिंह फ़िलहाल मंडी लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं और अपने पति और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन के बाद उन्हें राज्य में कांग्रेस की कमान सौंपी गई है। विक्रमादित्य सिंह फ़िलहाल शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं।
 
इस टिप्पणी के फ़ौरन बाद अमित शाह प्रधानमंत्री मोदी का ज़िक्र करते हैं। वे कहते हैं, "मोदी जी ने इस देश को सम्मान दिलाने के लिए, इस देश का गौरव दुनिया में बढ़ाने के लिए, भारत के प्रभाव को दुनिया में पहुँचाने के लिए आठ साल में... जो कांग्रेस पार्टी साठ साल में नहीं कर सकी, वो नरेंद्र मोदी जी ने आठ साल में कर के दिखाया है।"
 
और फिर शाह एक लंबी फ़हरिस्त गिनाते हैं जिसमें हर बात का अंत ज़्यादातर "ये काम नरेंद्र मोदी जी ने करके दिखाया है" से होता है।
 
राम मंदिर का ज़िक्र
अमित शाह मैदान में जुटी भीड़ से पूछते हैं, "मुझे आप बताइये, किसी को भी भरोसा था कि हमारे जीवन में हम राम मंदिर देख पाएंगे। किसी को भी भरोसा था क्या?" भीड़ में बैठे कुछ लोग 'न' में सिर हिलाते हैं।
 
शाह कहते हैं, "बाबर का तोडा हुआ राम मंदिर... इतने सालों से लाखों लोगों ने जीवन का बलिदान दिया, मगर वो बनने नहीं देती थी कांग्रेस पार्टी। आपने दूसरी बार, मोदी जी को देश का प्रधानमंत्री बनाया और आज मोदी जी ने राम मंदिर का शिलान्यास किया है।
 
अमित शाह कहते हैं, "2024 में हिमाचल वाले अपनी टिकटों की बुकिंग करा कर रखें। उसी स्थान पर अयोध्या में गगनचुंबी राम मंदिर के अंदर राम लल्ला के दर्शन होंगे। ये काम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने किया है।"
 
इसी बात को आगे बढ़ाते हुए शाह कांग्रेस पर निशाना साधते हैं। वे कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी ने तुष्टिकरण और अपने वोट बैंक की राजनीति के डर से न राम मंदिर की शुरुआत की, न ही काशी विश्वनाथ, महाकाल, बद्री धाम, केदार धाम का जीर्णोद्धार किया।
 
अमित शाह अपनी बात ख़त्म इस वाक्य से करते हैं, "इन सारे हमारे आस्था के केंद्रों को फिर से एक बार गौरवान्वित करने का काम अगर किसी ने किया तो हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने किया है।"
 
इंग्लैंड की बात
अमित शाह की अगली बात अर्थव्यवस्था से जुड़ी थी, लेकिन इस बात को शुरू करने से पहले वे कांग्रेस नेता राहुल गाँधी को "राहुल बाबा" पुकार कर कहते हैं कि वो हिमाचल तो आने वाले हैं नहीं, इसलिए उनकी बात का जवाब वे अपनी पदयात्रा से ही दे दें।
 
शाह कहते हैं, "अटल जी देश के अर्थतंत्र को 11वें नंबर पर छोड़ कर गए थे। दस साल तक सोनिया-मनमोहन की सरकार चली।।। देश के अर्थतंत्र को 11वें से 10वें नंबर पर आप नहीं ला पाए। एक ही उपकार किया कांग्रेस ने कि 11वें से 12वें पर नहीं जाने दिया।"
 
"आपने मोदी जी को 2014 में प्रधानमंत्री बनाया।। आठ साल में 11वें नंबर से पांचवें नंबर पर भारत के अर्थतंत्र को पहुँचाने का काम देश के प्रधानमंत्री ने किया है।"
 
इसके बाद आती है बात इंग्लैंड की। "और पांचवें नंबर पर कौन था? जिन्होंने हमारे ऊपर कई सालों तक, कई दशकों तक शासन किया... वो इंग्लैंड था।" "आज़ादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में इंग्लैंड को पांचवें नंबर से खिसका कर मोदी जी ने भारत को पांचवें नंबर पर रख कर उसका सम्मान बढ़ाने का काम किया है।"
 
सर्जिकल स्ट्राइक का आह्वान
शाह की अगली बात देश की सुरक्षा को लेकर है और पिछले कई चुनावों की तरह इस बार भी वो सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक का आह्वान करते हैं।
 
अमित शाह इस सबका सेहरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सिर पर बांधते हैं। लेकिन इसमें भी वे कांग्रेस नेता सोनिया गाँधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर कटाक्ष करना नहीं भूलते।
 
वे कहते हैं, "मोदी जी ने इस देश को सुरक्षित करने का काम किया है। 10 साल तक सोनिया-मनमोहन की सरकार थी। पाकिस्तान से आलिया, मालिया, झमालिया घुस जाते थे... हमारे जवानों के सर काटकर ले जाते थे।। दिल्ली में किसी की हिम्मत नहीं थी इसके ख़िलाफ़ बोलने की।"
 
"मोदी जी प्रधानमंत्री बने... पाकिस्तान ने उरी और पुलवामा में फिर से हमला किया, मगर पाकिस्तान ये भूल गया कि भारत में सरकार बदल गई है भाई.. कांग्रेस की सरकार नहीं है... अब भाजपा की सरकार है।"
 
"पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का मज़ाक़ उड़ाते हुए अमित शाह ने कहा, "मौनी बाबा मनमोहन सिंह अब प्रधानमंत्री नहीं हैं, नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं। 10 दिन के अंदर ही सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक कर के, पाकिस्तान के घर में घुस कर, बदला लेकर, हमारी सेना के जवान वापिस आ गए, भारत माता की जय के जयकारे के साथ।"
 
"आज पूरी दुनिया में मोदी जी ने एक सन्देश भेजा है कि भारत की सेना और भारत की सीमा।। इनके साथ छेड़ख़ानी नहीं करनी वर्ना परिणाम भुगतना पड़ता है।"
 
चुनाव में नेहरू का प्रवेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 में केंद्र सरकार बनने के बाद से कई मौक़ों पर भाजपा के नेता भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की आलोचना करते रहे हैं।
 
अमित शाह का भाषण भी नेहरू के ज़िक्र से अछूता नहीं रह पाता है जब वो बात करते हैं जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने की।
 
वे कहते हैं, "65-70 साल से नेहरू जी जो समस्या रख कर गए थे, उसे कांग्रेस पार्टी गोदी में रखकर बच्चे की तरह सहलाती थी। न जाने क्यों धारा 370... जो हमारे संविधान निर्माताओं ने कहा था कि ये टेम्पररी है, इसको हटाते नहीं थे।"
 
"आपने मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाया। पाँच अगस्त 2019 को संविधान में से धारा 370 और 35 ए के पन्ने को फाड़ने का काम नरेंद्र मोदी जी ने किया।"
 
शाह का अगला निशाना बनती हैं विपक्षी पार्टियां
वे कहते हैं, "ये कांग्रेस वाले... ये सपा, बसपा, कम्युनिस्ट सारे के सारे कहते थे... ख़ून की नदियां बह जाएँगी। अरे राहुल बाबा, ख़ून की नदियां तो छोडो, किसी की कंकड़ चलाने की भी हिम्मत नहीं हुई है। आज हमारा कश्मीर, भारत माता का मुकुट-मणि लोकतांत्रिक तरीक़े से विकास के रास्ते पर आगे बढ़ चुका है। धारा 370 समाप्त हो गई है।"
 
शाह कहते हैं, "हम जन संघ, भाजपा के कार्यकर्त्ता कहते थे... जहाँ हुए बलिदान मुखर्जी वो कश्मीर हमारा है।" फिर वे इसी नारे को दोहराते हुए "कश्मीर" शब्द पर रुक कर आख़िर के दो शब्द नहीं कहते। मैदान में जुटी भीड़ "हमारा है" कह कर इस वाक्य को पूरा करती है।
 
'सरकार ने कोरोना का टीका लगाया'
कोरोना महामारी की बात करते हुए शाह कहते हैं कि दुनिया भर में ये सवाल उठते थे कि भारत कोरोना से कैसे लड़ेगा, लेकिन पीएम मोदी ने "पूरी जनता को साथ में लिया... सभी राजनीतिक दलों की सरकारों को साथ में लिया"
 
फिर वे उपस्थित भीड़ से पूछते हैं, "मुझे बताओ कसुम्पटी वालों, सबका टीका हुआ है न.. ज़रा हाथ ऊपर करो। हुआ है? सबका हुआ है? किसी को पच्चीस पैसे भी देने पड़े हैं क्या?
 
सरकार ने कोरोना का टीका लगाया न? पूरे देश में 130 करोड़ लोग, चाहे धनवान हों चाहे ग़रीब हों, सबको मुफ़्त में टीका लगाने का काम इस देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है।"
 
साथ ही शाह कोरोना के समय चलाई गई केंद्र की मुफ़्त राशन योजना की बात करते हैं। "मोदी जी ने सवा दो साल तक देश के 80 करोड़ ग़रीबों को प्रति माह प्रति व्यक्ति पांच किलो अनाज मुफ़्त में देकर उनके घर के चूल्हे को जलाने का काम किया है।"
 
उपलब्धियों की सूची
अमित शाह का भाषण चलते हुए क़रीब 20 मिनट हो चुके हैं और भट्टाकुफ़र की हवा ढलती शाम के साथ-साथ और भी ठंडी होती जा रही है। पिछले कुछ मिनटों में बहुत से लोग उठकर जन-सभा से बाहर जा चुके हैं। शायद इसी का संज्ञान लेते हुए अमित शाह आते हैं भाजपा सरकार की उपलब्धियों की बात पर।
 
अमित शाह ने कहा, "एक ओर कांग्रेस के साठ साल, एक ओर हमारे आठ साल।" अमित शाह महिलाओं को सरकारी परिवहन के किराये में 50 प्रतिशत छूट की भी बात करते हैं।
 
वे कहते हैं कि उनकी सरकार ने शिमला को स्मार्ट सिटी बनाने का काम किया और वर्ल्ड बैंक के साथ मिल कर 1 हजार 800 करोड़ रुपये की शिमला के हर घर में 24 घंटे पेयजल योजना पर काम किया।
 
साथ ही वे कहते हैं कि पीएम कौशल योजना के तहत 16 हजार युवाओं को नौकरी दी जा चुकी है और पर्वत माला प्रोजेक्ट के तहत पहाड़ों पर 29 हजार करोड़ रुपये की लागत की सड़कें बनाई गईं।
 
वे कहते हैं कि भाजपा सरकार ने सेब की नस्ल सुधरने के लिए पैसा दिया, बिलासपुर में एम्स बनाया, रेणुका जी बाँध परियोजना बनाई, अटल टनल का काम पूरा किया और मेडिकल डिवाइस पार्क और बल्क ड्रग फ़ार्मा का पार्क हिमाचल को दिया।
 
भाषण के अंत की तरफ़ बढ़ते हुए शाह कहते हैं, "फिर से एक बार डबल-इंजन सरकार बनाइये, हिमाचल को ड्रग-मुक्त बनाने का काम भारतीय जनता पार्टी की सरकार करेगी।
 
मोदी जी ने संकल्प लिया है... आज़ादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में हम नशा-मुक्त भारत बनाएंगे। हम हिमाचल में इतनी कठोरता करेंगे कि ड्रग बेचने वाला और ड्रग सप्लाई करने वाला, कोई नहीं बचेगा।"
 
उपस्थित भीड़ में कुछ लोग आपस में बात करते सुनाई देते हैं। उनमें से एक का कहना है, "सर्जिकल स्ट्राइक तो ठीक है पर मंहगाई की भी तो बात होनी चाहिए।" उनके साथ खड़े लोग सिर हिला कर हामी भरते हैं।
 
हिमाचल प्रदेश चुनावों में पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली एक बड़े मुद्दे के रूप में उभरी है। लेकिन शाह अपने भाषण में इसका कोई ज़िक्र नहीं करते।
 
भाजपा झोंक रही पूरी ताक़त
हिमाचल का चुनावी इतिहास देखें तो पिछले कुछ दशकों से देखा गया है कि सत्तारूढ़ सरकार कभी भी लगातार दूसरी बार सत्ता नहीं हासिल कर पाती। शायद इसी चुनावी इतिहास की वजह से भाजपा इस चुनाव में अपनी पूरी ताक़त झोंक रही है।
 
"नया रिवाज बनाएंगे, फिर भाजपा लाएंगे" का नारा इसी बात की उम्मीद है कि भाजपा दशकों से चली आ रही चुनावी परंपरा को तोड़ने में कामयाब हो सके।
 
गृह मंत्री अमित शाह जैसे हाई-प्रोफ़ाइल नेता का हिमाचल प्रदेश जैसे छोटे राज्य में दो दिन में छह चुनावी जन-सभाएं करना अपने आप में दिखाता है कि पार्टी इस राज्य के चुनाव को कितनी गंभीरता से ले रही है।
 
इसी गंभीरता का एक और उदाहरण आने वाले दिनों में दिखेगा जब प्रधानमंत्री मोदी 5 से 9 नवम्बर के बीच राज्य भर में चुनावी रैलियां करेंगे। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या भाजपा इन दो बड़े नामों के सहारे हिमाचल प्रदेश में एक नया चुनावी इतिहास लिख पायेगी?

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