Manipur violence: द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने और गैंगरेप किए जाने की घटना की एफआईआर के दर्ज होने के दो दिन पहले इसी पुलिस थाने में ऐसी ही एक घटना के संबंध में एक और जीरो एफआईआर दर्ज की गई थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, दो कूकी ज़ोमी महिलाओं के अपहरण, बलात्कार और हत्या की इस एफ़आईआर को एक महीने बाद इंफाल ईस्ट जिले के संबंधित थाने में भेजा गया था।
इस घटना को हुए दो महीने से अधिक समय हो गया है। अखबार से बात करते हुए पीड़ित परिवार ने कहा है कि उन्हें नहीं पता है कि इस मामले में कोई कार्रवाई हुई है या नहीं। वहीं अखबार ने पुलिस सूत्रों के हवाले से लिखा है कि इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। हालांकि मणिपुर के डीजीपी राजीव सिंह ने जांच पर कोई टिप्पणी नहीं की है। इंफाल ईस्ट के पुलिस अधीक्षक ने कोई जवाब नहीं दिया।
16 मई को 21 साल और 24 साल की दो कूकी जोमी महिलाओं की हत्या के संबंध में सैकुल पुलिस थाने में ज़ीरो एफआईआर दर्ज की गई थी। ये इन युवतियों के गृह जिले कांगपोकपी में है। 21 वर्षीय युवती की मां की शिकायत पर अपहरण, गैंगरेप और हत्या के आरोप में एफ़आईआर दर्ज की गई।
शिकायत में कहा गया है कि ये दोनों लड़कियां इंफाल ईस्ट में एक कार वॉश में काम करती थीं। 5 मई को किराये के घर में उनकी बर्बरता से हत्या कर दी गई। शिकायत में कहा गया है, 'हत्या से पहले अज्ञात लोगों की भीड़ ने बलात्कार किया और टॉर्चर किया।'
इस एफआईआर को 13 जून को इंफाल ईस्ट के पोरोमपाट पुलिस थाने स्थानांतरित कर दिया गया था। मारी गई 21 वर्षीय युवती के एक रिश्तेदार ने अख़बार को बताया है कि परिवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी नहीं मिली है। नॉर्थ अमेरिकन मणिपुर ट्राइबल एसोसिएशन ने राष्ट्रीय महिला आयोग को जिन घटनाओं के बारे में जानकारी दी थी उनमें ये घटना भी शामिल थी।
इन लड़कियों के साथ रहने वाले एक नागा मूल के कर्मचारी ने परिवारों को घटना के बारे में बताया था। एक ही गांव की रहने वाली ये दोनों लड़कियां एक ही कार वॉश में काम करती थीं।
परिजनों के मुताबिक मारी गई लड़कियों के नागा मूल के सहकर्मी ने उन्हें बताया था कि 5 मई को भीड़ लड़कियों के किराये के घर के पास पहुंची थी और कहा था कि उन्हें पता है कि यहां दो कूकी लड़कियां रहती हैं।
नागा सहकर्मी ने बताया कि डर में एक व्यक्ति ने लड़कियों के कमरे की तरफ़ इशारा कर दिया। भीड़ लड़कियों को घसीटकर बाहर ले आई। उनके साथ बर्बरता की और फिर उनके मुंह में कपड़ा ठूंसकर एक हॉल में ले गए और दरवाजा बंद कर दिया। वो शाम 7.10 मिनट तक हॉल में थे। जब वो गए तो दोनों लड़कियों की जान जा चुकी थी।
एक और वीडियो से मणिपुर में बढ़ रहा है तनाव : हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ मणिपुर में शुक्रवार को सामने आए एक नए वीडियो के बाद तनाव और बढ़ गया है।
इस वीडियो में एक व्यक्ति का कटा हुआ सिर भाले पर लगा दिख रहा है। इससे पहले दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड किए जाने के वीडियो के बाद देशभर में मणिपुर के हालात को लेकर आक्रोश भड़क गया था। अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक मारा गया व्यक्ति कुकी समुदाय से था और ये माना जा रहा है कि ये घटना 2 जुलाई को हुई।
आदिवासी संगठनों के सदस्यों के मुताबिक मारे गए व्यक्ति का नाम डेविड थेक था और वो चूराचांदपुर के लाम्जा गांव के रहने वाले थे। कार्यकर्ताओं के मुताबिक़ डेविड परिवार में अकेले कमाने वाले थे और नौकरी के लिए मुंबई जाने का प्रयास कर रहे थे लेकिन नस्लीय हिंसा की वजह से फंस गए थे।
परिजनों के मुताबिक, महामारी से पहले वो मुंबई के होटल में वेटर थे। वो फिर से वहीं जानें का प्रयास कर रहे थे लेकिन हिंसा में फंस गए। अधिकारियों के मुताबिक डेविड गांव की सुरक्षा में स्वयंसेवा कर रहे थे जब हथियारबंद समूह ने उन पर हमला किया। थेक गांव के लोग बारी-बारी से पहरेदारी करते हैं क्योंकि इस गांव की सीमा मिश्रित आबादी वाले इलाकों से लगी हैं।
डेविड की हत्या से एक दिन पहले ही उनके गांव पर हमला हुआ था। एक अधिकारी ने अख़बार को बताया है कि डेविड समेत कई युवक हमले के समय पहरेदारी कर रहे थे। परिजनों के मुताबिक डेविड को पहले गोली मारी गई, फिर उनके सिर को काटकर चारदीवारी पर बांस में लगाकर टांग दिया गया। इस वीडियो के सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ा हुआ है। (प्रेस रिव्यू-बीबीसी)