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अरेंज्ड मैरेज टिप्स: विवाह के पहले 80 ईमेल्स

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, शुक्रवार, 16 दिसंबर 2016 (10:47 IST)
जो अरेंज्ड मैरेज की दहलीज़ पर हैं उनके लिए नज़रीन फ़ज़ल की फ़ेसबुक पोस्ट काम आ सकती है। अरेंज्ड मैरेज में क्या करें और क्या न करें को लेकर 24 साल की इस भारतीय महिला की फ़ेसबुक पोस्ट को लोगों ने हाथों हाथ लिया। इस पोस्ट को लोगों ने दो हज़ार से ज़्यादा बार शेयर किया है। साल भर से लेखिका नज़रीन फ़ज़ल पति अमीन के साथ रियाद में रह रही हैं।
नज़रीन ने कहा कि उन्होंने अपने होने वाले दूल्हे के साथ ये नुस्ख़े अपनाए थे। उन्होंने लिखा, ''जब पहली बार मुझे होने वाले पति से मिलवाया गया तो मैंने उन्हें मेल के ज़रिए दो पेज का अपना प्रोफ़ाइल भेजा। एक पेज में मैंने लिखा था कि मैं कौन हूं और दूसरे पेज में था कि मैं कैसा जीवनसाथी चाहती हूं।''
 
इसके बाद दोनों के बीच एक हफ्ते में 80 मेल का संवाद हुआ। फ़ज़ल ने कहा कि वह इस मामले में पूरा संवाद करना चाहती थीं। फिर दोनों के बीच शादी के बाद जीवन की प्राथमिकताओं को लेकर बात हुई। दोनों ने अपनी-अपनी अपेक्षाओं को एक-दूसरे के समक्ष रखा। फ़ज़ल लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से ग्रैजुएट हैं। वह मूल रूप से दक्षिण भारत की हैं। वह स्वीकार करती हैं कि उन्होंने संभावित शौहर पर कुछ सटीक सवालों के बौछार कर दिए थे।
 
फ़ज़ल ने पूछे ये सवाल:-
*आप कामकाजी महिलाओं के बारे में क्या सोचते हैं?
*आपके लिए 'अब्यूज़' (प्रताड़ना) का मतलब क्या है?
*आप बच्चे कब चाहते हैं?
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फ़ज़ल ने बीबीसी ट्रेंडिंग से कहा, ''हर प्रश्न का पूछा जाना किसी को समझना आसान बनाता है। ऐसे में आप जितना पूछेंगे उतना ही अच्छा रहेगा। आपके सवाल सही होने चाहिए। आपमें एक क़िस्म की जागरूकता होनी चाहिए तभी आप ज़रूरी सवालों को रख सकते हैं। हम अपनी जागरूकता से ही समझते हैं कि करियर, मज़हब और जीवन के बारे में दूसरे के नज़रिये में क्या ज़रूरी है या ग़ैरजरूरी।''
 
हालांकि फ़ज़ल ने इसकी जानकारी नहीं दी कि उन्हें उनके सवालों का क्या जवाब मिला था। हां, उन्होंने कहा कि जवाब वैसे ही थे जैसा वो सुनना चाहती थीं। फ़ज़ल की पोस्ट फ़ेसबुक पर काफ़ी चर्चित रही। कई लोगों ने अपने दोस्तों को इस पोस्ट के साथ टैग कर उनसे पढ़ने का आग्रह किया। अन्य लोगों ने महसूस किया कि फ़ज़ल का अनुभव उन लोगों के लिए काफ़ी अहम है जो आंख बंद कर विवाह कर बैठते हैं।
 
सैयद अब्बास नक़वी ने कहा कि शायद इस पोस्ट से किसी को मदद मिले। उन्होंने आगे कहा कि यह पोस्ट उन लोगों को बचा सकती है जो पारिवारिक नहीं हैं। हालांकि अन्य लोगों का कहना है कि इस पोस्ट में सब कुछ नहीं है।
 
हारिस अज़ीज़ ने लिखा है, ''आप चाहे जितने सवाल पूछ लें, इससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता। इसका भी कोई मतलब नहीं है कि आपकी चिंताएं क्या हैं। आख़िरकार शादी अपने आप में एक जोखिम भरा क़दम है।
 
भारत और क्षेत्र के मुल्कों में ज़्यादातर शादियां परिवारों की रज़ामंदी से होती है। एक अनुमान के मुताबिक़ भारत में 90 फ़ीसदी मामलों में शादी अरेंज्ड होती है। हालांकि फ़ज़ल ने कहा कि जो जोड़ियां स्वभाविक रूप से बनती हैं उनके लिए भी ये सवाल अहम हैं।
 
फ़ज़ल ने कहा, ''उस संस्कृति में तलाक़ ज़्यादा है जहां लोग ख़ुद से निर्णय लेते हैं। इसकी वजह यह है कि लोग एक दूसरे की प्राथमिकताओं के बारे में अवगत नहीं होते हैं। ज़ाहिर है लोग इन सालों में काफ़ी बदले हैं लेकिन हमारे लिए अब भी कई चीज़ें अहम हैं। हम लोग यूनिवर्सिटी के चुनाव और बिज़नेस में निवेश करने से पहले काफी सोचते हैं। इसी तरह मुझे लगता है कि रोमैंटिक रिलेशनशिप के बारे में फ़ैसला लेने से पहले भी काफ़ी सोचना चाहिए।''

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