Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

यूट्यूब वीडियो से सीखकर विमान बनाने वाला मैकेनिक

हमें फॉलो करें यूट्यूब वीडियो से सीखकर विमान बनाने वाला मैकेनिक
, शुक्रवार, 9 जून 2017 (12:06 IST)
यूट्यूब पर रातें गुज़रती रहीं, हवा में कलाबाजियां खाने वाले विमान बनाने का सपना पनपता रहा...और फिर एक दिन, उन्होंने छोटे-छोटे नट-बोल्ट जोड़कर विमान बनाकर खड़ा कर दिया। ये कहानी है कंबोडिया के कार मैकेनिक पेन लोंग की। वह बचपन से ही विमानों को लेकर उत्सुक रहे हैं।
 
पेन लोंग तीन साल तक अपनी पत्नी के सो जाने के बाद घंटों जागते रहते थे। वो घंटों तक यूट्यूब वीडियो देखते रहते थे। लेकिन ये पॉप संगीत या वॉयरल क्लिप्स के वीडियो नहीं थे, जैसे कि आमतौर पर लोग देखते हैं।
 
दीवानगी
कंबोडिया के दक्षिण-पूर्वी ग्रामीण क्षेत्र में एक हाइवे के किनारे रहने वाले लोंग की तो बस एक ही दीवानगी है- विमान। वो कहते हैं, "शुरुआत में मैं जेट कीवर्ड टाइप करता था।" यूट्यूब में ये कीवर्ड उन्हें विमानों के उड़ान भरने और लैंड करने के वीडियो तक ले जाता।
 
साथ ही उन्हें फ़्लाइट सिम्यूलेटर और विमान बनाने वाली फैक्ट्रियों को भीतर से दिखाने वाले वीडियो भी दिखते। लोंग एक किसान परिवार में उस समय पैदा हुए जब कंबोडिया ख़मेर रूज के शासनकाल में हुई बर्बादी से उबर रहा था। वो कभी भी किसी भी प्रकार के विमान में नहीं बैठे थे।
webdunia
चाहत
वो बताते हैं कि छह साल की उम्र में उन्होंने हेलिकॉप्टर देखा था और तब से ही उड़ान भरने की चाहत उनके मन में बैठ गई। दशकों तक वो उड़ने के बारे में सोचते रहे। लोंग याद करते हैं, "मुझे हर रात विमान में उड़ान भरने का सपना आता। मैं हमेशा से चाहता था कि मेरे पास मेरा अपना विमान हो।"
 
शुरुआत में ये सिर्फ़ एक सपना ही था। लोंग की स्कूली पढ़ाई बीच में ही छूट गई और वो एक मैकेनिक बन गए। उस समय उस इलाक़े के युवाओं के पास खेतीबाड़ी के अलावा रोज़गार के दूसरे विकल्प के रूप में कार मैकेनिक बनना ही था। अब तीस वर्ष के हो चुके लोंग ने पास के प्रांत में अपना गैराज खोल लिया। लेकिन उड़ान भरने का सपना उन्हें अब भी रातों में जगाता रहा। आख़िरकार उन्होंने अपना निजी विमान बनाने का फ़ैसला कर ही लिया।
 
लोंग कहते हैं, "मैंने विमान बनाना शुरू कर दिया, शुरुआत में मैं छुपकर ये काम करता था क्योंकि मुझे डर था कि कोई देखेगा तो मेरा मज़ाक बनाएगा। इसलिए मैं कभी-कभी छुपकर रात में भी काम करता।"
 
लोंग को लगा कि हेलीकॉप्टर की नकल करना ज़्यादा मुश्किल होगा तो उन्होंने विमान बनाने का फ़ैसला किया। उन्होंने दूसरे विश्व युद्ध के जापानी लड़ाकू विमान को अपना मॉडल बनाया। लोंग ने पुराने सामान का इस्तेमाल करते हुए एक इंजन और 5.5 मीटर के डैनों वाला विमान एक साल की कड़ी मेहनत के बाद बना लिया।
webdunia
उनकी पायलट सीट एक प्लास्टिक कुर्सी है जिसकी टांगे काट दी गई हैं। कंट्रोल पैनल कार का एक डैशबोर्ड है और विमान की बॉडी एक पुराने गैस कंटेनर से बनाई गई है। 8 मार्च को लोंग ने अपने विमान का परीक्षण किया। दोपहर में तीन बजे के क़रीब उन्होंने विमान का इंजन चालू किया।
 
तीन लोगों की मदद से विमान को 'रनवे' पर धकेला गया। ये कच्ची सड़क मुख्य मार्ग से धान के खेतों में जाती है। गांव वालों के मुताबिक 200-300 लोग उनकी उड़ान को देखने इकट्ठा हुए। हालांकि लोंग ये संख्या क़रीब दो हज़ार बताते हैं।
 
सुरक्षा के लिए लोंग ने मोटरसाइकिल पर लगाया जाने वाला हेलमेट पहना और कॉकपिट में बैठ गए। विमान ने गति पकड़ी और कुछ देर के लिए हवा में भी उड़ा। लोंग कहते हैं कि विमान पचास मीटर तक की ऊंचाई पर गया और ज़मीन पर आ गिरा।
 
भावुक
जब अपनी पहली उड़ान के बाद लोंग ज़मीन पर गिरे तो लोग उन पर हंस रहे थे। वो याद करते हैं, "मेरी आंखों से आंसू निकल आए। मैं बहुत भावुक हो गया था क्योंकि वो सब जो बातें मेरे बारे में कह रहे थे उन्हें सुनना मेरे लिए मुश्किल था।" लोगों ने उड़ान की नाकामी की वजह उनके विमान का वज़न बताया जो पांच सौ किलो था। लेकिन इस नाकामी ने उन्हें और अधिक दृढ़ निश्चयी बना दिया है। लोंग ने अब अपना ध्यान नए प्रोजेक्ट पर लगा दिया है।
 
उम्मीद
अब वो पानी से उड़ान भरने वाला विमान बनाने पर काम कर रहे हैं। लोंग को उम्मीद है कि इस बार वो विमान को हवा में उड़ने लायक बना ही देंगे। ये अलग बात है कि प्रे च्चोर इलाक़े में स्थित उनका गांव समुद्र से 200 किलोमीटर दूर है। वो नए प्रोटोटाइप को ट्रक के ज़रिए स्वे रींग नदी तक ले जाएंगे और वहां से उड़ान भरने की कोशिश करेंगे।
 
लोंग अनुमान लगाते हैं कि पहले मॉडल पर उनके करीब दस हज़ार डॉलर ख़र्च हुए थे। अपने सीप्लेन पर वो अब तक तीन हज़ार डॉलर ख़र्च कर चुके हैं। कंबोडिया जैसे देश के लिए ये बड़ी रकम है जहां औसतन वेतन 153 डॉलर प्रति महीना है। यहां 13.5 फ़ीसदी आबादी ग़रीबी रेखा से नीचे रहती है।
 
लोंग इतने पैसों में अपने परिवार को आलीशान विदेशी यात्रा करा सकते थे। वो कहते हैं, "मैंने कभी किसी और चीज़ पर पैसा ख़र्च करने के बारे में सोचा ही नहीं। न ही मुझे कभी अपना सारा पैसा विमान पर ख़र्च कर देने का दुख हुआ।"
 
उत्साह
कुछ लोग उनका मज़ाक बनाते हैं लेकिन ऐसे भी लोग हैं जो अपने ज़िद्दी पड़ोसी को लेकर उत्साहित भी हैं। 44 वर्षीय दुकानदार सिन सोपहीप कहते हैं, "मैं लोंग जैसे व्यक्ति से कभी नहीं मिला हूं जिसके पास ऐसा आइडिया हो।"
 
लोंग के घर के पास सड़क किनारे रेस्तरां चलाने वाली 29 वर्षीय मेन फेरी कहती हैं, "ये मेरे लिए असामान्य है क्योंकि हम कंबोडियाई लोगों में कोई और ऐसा कुछ नहीं करेगा।"
 
लोंग की 29 वर्षीय पत्नी हिंग मोएहेंग कहती हैं कि उन्हें अपने पति की सुरक्षा को लेकर चिंता रहती है। उनके दो छोटे-छोटे बेटे हैं। बावजूद इसके वो अपने पति का पूरा समर्थन करती हैं। 
 
वो चिंता ज़ाहिर करते हुए कहती हैं, "मैं नहीं जानती हूं कि विमान कैसे काम करते हैं और वो किसी विशेषज्ञ को भी नहीं जानते हैं जो उनकी मदद करें। मैंने डर की वजह से उनसे कई बार ये काम बंद कर देने के लिए कहा है लेकिन वो कहते हैं कि कुछ नहीं होगा और मुझे उनका साथ देना पड़ता है।"
 
लोंग जुलाई की अपनी टेस्ट फ़्लाइट को पानी पर करेंगे ताकि ख़तरे को कुछ कम किया जा सके लेकिन वो भलीभांति जानते हैं कि उनकी सपनों की उड़ान में बहुत ख़तरे भी हैं, जिनमें से कुछ उनके नियंत्रण से बाहर हैं। खतरे के बारे में लोंग कहते हैं, "'ख़तरा', हम इसके बारे में पहले से नहीं बता सकते।"

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

LIVE: ब्रिटेन में त्रिशंकु संसद, उल्टा पड़ा मध्यावधि चुनाव का दाँव