अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के ट्वीट के जिस शब्द Cofefe में ज्यादातर लोग उलझ गए, उस शब्द के सही उच्चारण और स्पेलिंग बताने में भारतीय मूल की अनन्या विनय को जरा भी दिक्कत नहीं हुई। अनन्या विनय अमेरिका के कैलिफॉर्निया के फ़्रेस्नों की रहने वाली हैं। हाल ही में अनन्या ने कठिन स्पेलिंग बताने वाली प्रतियोगिता 'स्पेलिंग बी' जीती थी।
अनन्या का सीएनएन को दिया एक इंटरव्यू विवादों में है। इस इंटरव्यू में एंकर एलिसिन कैमेरोटा अनन्या से पूछती हैं, ''ये शब्द हाल ही में लोकप्रिय हुआ है। इसकी परिभाषा ये है कि बकवास शब्द है, जिसे हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इस्तेमाल किया था। ये शब्द है Cofefe। इसकी स्पेलिंग बताइए।''
अनन्या इस शब्द की सही स्पेलिंग बताती हैं। सही जवाब सुनकर प्रोग्राम में मौजूद दूसरे एंकर कहते हैं- वाह, इस शब्द का सिर्फ यही एक अच्छा जवाब है, जिसे हमने सुना है। वहीं एलिसिन कहती हैं, ''ये एक नॉनसेंस (बकवास) शब्द है। मैं इस बात को नहीं जानती हूं कि इस शब्द का ओरिजिन संस्कृत है, जिसे शायद आप बोलतीं हों।'' सोशल मीडिया पर सीएनएन के इंटरव्यू के इस हिस्से की काफी आलोचना हो रही है।
एंकर की बात पर बोलीं अनन्या- आई डोंट केयर
बीबीसी हिंदी से खास बातचीत में अनन्या ने इस मुद्दे पर कहा, ''आई डोंट केयर।'' यानी मुझे परवाह नहीं। ये कहते हुए अनन्या हंसने लगती हैं। अनन्या ने आगे कहा, ''प्रतियोगिता जीतकर मुझे बहुत अच्छा लगा। सीएनएन के इंटरव्यू में एंकर की संस्कृत को लेकर कही बात मेरे लिए मायने नहीं रखती। ये इतनी बड़ी बात नहीं थी। मैं अब अपने भविष्य को लेकर प्लानिंग कर रही हूं। मुझे डॉक्टर बनना है। ''फ़िल्मों या घूमने के बारे में अनन्या कहती हैं- मैं पहले कुछ बन जाऊं, फिर इस बारे में सोचूंगी।
'एंकर की कही बात सिर्फ मज़ाक'
अनन्या की मां अनुपमा ने कैलिफॉर्निया से बीबीसी हिंदी से बात करते हुए कहा, ''कम उम्र में बिटिया का अमेरिका में इतनी बड़ी प्रतियोगिता जीतना बड़ी बात है। सीएनएन की एंकर ने जो कहा, उसे सिर्फ मज़ाक की तरह ही लेना चाहिए। वो जोक्स कहते हुए बस यूं ही कह दी गई बात थी। हमें किसी बात के सकरात्मक पहलू को देखना चाहिए। छोटी बातों को तूल नहीं देना चाहिए।
अनन्या की इंग्लिश अच्छी है। पर चूंकि हम लोग केरल से हैं तो हिंदी तो अनन्या को बिलकुल नहीं आती है। लेकिन हां, अनन्या मलयालम समझती हैं। संस्कृत वाली बात इतनी बुरी नहीं है। अनन्या बहुत पॉजिटिव है।''
सोशल मीडिया पर लोग बोले- रेसिस्ट
जेरेमी लिखते हैं, ''12 साल की अनन्या से सीएनएन ने Cofefe की स्पेलिंग पूछी और नस्लीय टिप्पणी की।'' विनय विनायक कहते हैं, ''सीएनएन का कहना है कि अनन्या घर पर संस्कृत बोली होंगी।''
एलेक्स ने ट्वीट किया, ''बेफिजूल का कमेंट किया है। एलिसिन ने ये साबित किया कि सीएनएन कभी खबरों में नहीं रह सकता। भारत में इंग्लिश और हिंदी बोली जाती है, न कि संस्कृत।''
'स्पेलिंग बी' क्यों है खास?
इस प्रतियोगिता में दुनिया के करीब एक करोड़ 10 लाख से ज़्यादा छात्रों ने हिस्सा लिया था। अनन्या से पहले भी 13 बार इस प्रतियोगिता को जीतने वाले भारतीय मूल के छात्र ही थे। अनन्या को इनाम में 40 हजार डॉलर यानी 25 लाख 73 हजार रुपए मिले हैं। अनन्या कहती हैं कि इनाम की रकम से कुछ पैसे वो अपने भाई को देंगी और कुछ आगे की पढ़ाई के लिए बैंक खाते में जमा करवाएंगी।