दीपक मंडल, बीबीसी संवाददाता
दिल्ली सरकार की पुरानी एक्साइज पॉलिसी से जुड़े मनी लॉड्रिंग केस में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज होने के साथ ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी ईडी ने समन जारी किया है। उन्हें भी दिल्ली सरकार की पुरानी एक्साइज पॉलिसी से जुड़े मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। उन्हें 2 नवंबर को ईडी के सामने पेश होना है।
आम आदमी पार्टी की नेता और मंत्री आतिशी ने आशंका जताई है कि उन्हें गिरफ़्तार किया जा सकता है। वहीं पार्टी प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज का कहना है कि केंद्र आम आदमी पार्टी को खत्म कर देना चाहता है।
पिछले कुछ वक़्त से केंद्र सरकार की एजेंसियां आम आदमी पार्टी पर हमलावर हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार के तीन मंत्रियों- सत्येंद्र जैन, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को दिल्ली शराब नीति से जुड़े मामलों में गिरफ़्तार किया जा चुका है।
अब जबकि ईडी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली सरकार की पुरानी एक्साइज पॉलिसी से जुड़ी पूछताछ के लिए समन जारी किया गया है तो आशंका जताई जा रही है कि उन्हें भी गिरफ़्तार किया जा सकता है।
आम आदमी पार्टी का मानना है कि वही एक ऐसी पार्टी है जो नरेंद्र मोदी मोदी की बीजेपी को कड़ी चुनौती देने की स्थिति में है। लिहाजा उसे परेशान किया जा रहा है।
क्या बीजेपी आम आदमी पार्टी को मिटाना चाहती है?
पार्टी नेताओं का कहना है कि बीजेपी अरविंद केजरीवाल की राजनीतिक हत्या करना चाहती है। वो आम आदमी पार्टी को खत्म कर देना चाहती है।
आख़िर आम आदमी पार्टी के इस आरोप में कितना दम है? क्या बीजेपी ऐसे हालात पैदा कर रही है जिससे एक पार्टी के तौर पर आम आदमी पार्टी का अस्तित्व ख़तरे में पड़ सकता है।
वरिष्ठ पत्रकार शरद गुप्ता कहते हैं, 'अदालत बार-बार पूछ रही है कि दिल्ली एक्साइज पॉलिसी से जुड़े मामले में मनी ट्रेल का सुबूत कहां हैं। लेकिन अभी तक न तो सीबीआई और न ही ईडी कोई मनी ट्रेल पेश कर पाई है?'
तो जब अदालतें तक कह रही हैं कि जांच एजेंसियां आम आदमी पार्टी के गिरफ़्तार नेताओं के ख़िलाफ़ पुख्ता सुबूत पेश नहीं कर पा रहे हैं तो फिर जांच लंबी क्यों खिंची जा रही है। जमानत में बार-बार अड़ंगा क्यों डाला जा रहा है? इसके बावजूद ईडी के समन के मायने समझ में आ सकते हैं।''
ऐसी भी आशंका जताई जा रही है कि 2 नवंबर को अगर पूछताछ के बाद अरविंद केजरीवाल को हिरासत में लिया जाता है तो पार्टी के लिए बड़ा ख़तरा पैदा हो जाएगा। क्योंकि पार्टी के लगभग सभी बड़े नेता इस समय जेल में हैं।
शरद गुप्ता कहते हैं, 'ऐसे हालात में आम आदमी पार्टी के सामने विकल्प सीमित हो जाएंगे। ऐसे हालात में पार्टी का भविष्य डांवाडोल हो जाएगा।'
क्या बीजेपी आम आदमी पार्टी के ख़िलाफ़ इसलिए आक्रामक है क्योंकि ये उसे सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी के तौर पर लग रही है?
शरद गुप्ता कहते हैं, 'मध्य प्रदेश और राजस्थान में आम आदमी पार्टी अपने उम्मीदवार खड़े कर बीजेपी की ही मदद कर रही है। जबकि यहां इसका कोई जनाधार नहीं है। गुजरात में भी इसने यही काम किया था। साफ है कि इससे कांग्रेस के वोट कटेंगे। इससे बीजेपी को ही मदद मिलेगी। लेकिन विडंबना ये है कि बीजेपी की मदद करने के बावजूद आम आदमी पार्टी उसकी मार झेल रही है।'
क्या आम आदमी पार्टी बीजेपी के लिए सबसे बड़ा खतरा है?
तो फिर आख़िर क्या वजह है कि आम आदमी पार्टी बीजेपी के लिए बड़ा ख़तरा न होते हुए भी उसके हमले की शिकार है।
शरद गुप्ता कहते हैं, 'बीजेपी एक सफल राजनीतिक पार्टी है। और एक सफल राजनीतिक पार्टी की निशानी यही है कि वो अपने विपक्षी दलों को थोड़ा भी पनपने का मौका न दे। बीजेपी यही कर रही है। वो अपने विपक्षियों को कुचलने के मामले में बेहद निर्मम है।'
शरद गुप्ता कहते हैं, 'मोदी और अमित शाह की आलोचना करने वालों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनके वित्तीय लेन-देन साफ सुथरे हों। लेकिन दिक्कत ये है कि आम आदमी पार्टी सरकार में शराब नीति को लेकर गड़बड़ी हुई है। और ऐसे में मोदी सरकार आम आदमी पार्टी को कहां छोड़ने वाली है।'
शरद गुप्ता कहते हैं कि आम आदमी पार्टी ये दावा कर रही है कि जो शराब नीति उसने बनाई थी वही हरियाणा में भी चल रही है। लेकिन मोदी सरकार उसे निशाना बना रही है। अगर ऐसा है तो आम आदमी इसका पर्दाफाश क्यों नहीं करती। सिर्फ ये कहने से काम नहीं चलेगा कि मोदी सरकार केजरीवाल सरकार को निशाना बना रही है।
आम आदमी पार्टी के आरोपों में कितना दम?
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज के इस आरोप में कितना दम है कि अरविंद केजरीवाल को ईडी का समन पार्टी को खत्म करने की साजिश है?
आम आदमी पार्टी को लंबे समय तक कवर करने वाले पत्रकार कृष्ण मोहन शर्मा ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी के सामने खतरे काफी बढ़ गए हैं।
कृष्ण मोहन शर्मा कहते हैं, 'सत्येंद्र जैन, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह जैसे पार्टी के बड़े नेताओं का जेल में होना और अब पार्टी के संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी के समन से आम आदमी पार्टी के हाशिये पर चले जाने का खतरा पैदा हो गया है।'
वो कहते हैं, 'सूत्रों के मुताबिक़ ईडी के पास अरविंद केजरीवाल के ख़िलाफ़ इतने सुबूत हैं कि उनकी गिरफ़्तारी हो सकती है। अगर उनकी गिरफ़्तारी होती है तो यह आम आदमी पार्टी की रीढ़ तोड़ देगी। उनकी जगह केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल, सौरभ भारद्वाज या आतिशी को सीएम बनाया जा सकता है लेकिन इससे बात नहीं बनेगी।'
उनका कहना है, 'अरविंद की गिरफ़्तारी आम आदमी पार्टी को भारी मुश्किल में डाल सकती है। इनमें से कोई भी शख्स दिल्ली का नेतृत्व करने की क्षमता नहीं रखता। ऐसे में ये मान लेना चाहिए कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी से आम आदमी पार्टी पतन के रास्ते पर बढ़ सकती है।'
क्या बीजेपी आम आदमी पार्टी के ख़िलाफ़ ज्यादा आक्रामक इसलिए है कि वो इसे अपने लिए सबसे बड़ा ख़तरा मानती है।
कृष्ण मोहन शर्मा कहते हैं, 'ऐसी बात नहीं है। दिल्ली में बीजेपी के पास सातों संसदीय सीट हैं। नगर निगम में भी इसके पास 104 सीटें हैं। जबकि पहले इतनी सीटें आने की उम्मीद नहीं थी। बीजेपी एक मजबूत पार्टी है। इसलिए उसके लिए आम आदमी पार्टी सबसे बड़ी चुनौती नहीं है।'
आम आदमी पार्टी हमलावर तेवरों का खमियाजा भुगत रही है?
क्या बीजेपी आम आदमी पार्टी को इसलिए टारगेट कर रही है कि ये मोदी सरकार के ख़िलाफ़ बहुत ज्यादा मुखर है। और बड़े ही आक्रामक अंदाज में मोदी और अमित शाह जैसे बड़े नेताओं पर आरोप लगाती है?
कृष्ण मोहन शर्मा कहते हैं, 'आम आदमी पार्टी सभी को भ्रष्ट बताती रही है। इनमें राहुल गांधी, शीला दीक्षित, सोनिया गांधी, अदानी और अंबानी सभी शामिल हैं। लेकिन इनके ख़िलाफ़ उसके पास सुबूत कभी नहीं रहे। अब वही आम आदमी पार्टी कह रही है कि बगैर सुबूत के उसके नेताओं को जेल में भरा जा रहा है। लेकिन ये भी सही है कि अगर इन नेताओं के ख़िलाफ़ सुबूत नहीं थे तो अदालतों ये केस इतने दिनों तक कैसे टिकते।'
शर्मा कहते हैं, 'सुप्रीम कोर्ट ने भी मनी ट्रेल की बात कही है। हो सकता है कि आप नेताओं के ख़िलाफ़ कुछ साजिश हो लेकिन इतनी साजिश नहीं हो सकती है कि सादे कागज पर सबको आरोपी बना कर जेल भेज दिया जाए।'
शरद गुप्ता कहते हैं कि आम आदमी पार्टी कह रही है उसके नेताओं को झूठे और मनगढ़ंत मामलों में फंसाया जा रहा है। लेकिन यही काम वो पंजाब में काम कर रही है। यहां वो कांग्रेस के नेताओं को झूठे मामलों में फंसा रही है। यानी आम आदमी खुद शीशे के घर में बैठ कर दूसरों पर पत्थर फेंक रही है।
क्या है मामला?
दिल्ली सरकार की शराब नीति सीबीआई इस साल अप्रैल में केजरीवाल से पूछताछ कर चुकी है। हालांकि सीबीआई की एफआईआर में केजरीवाल को अभियुक्त नहीं बनाया गया था।
अब इसी मामले में ईडी ने केजरीवाल को तलब किया है। इसी मामले में डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया और संजय सिंह की गिरफ़्तारी हुई है। सोमवार ने सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
ईडी ने केजरीवाल को जारी समन में कहा गया है कि इस मामले में 338 करोड़ रुपये के मनी ट्रेल के सुबूत हैं।