संजीव चौधरी, बीबीसी हिंदी के लिए, सिवनी (मध्य प्रदेश) से
मध्य प्रदेश के सिवनी ज़िले के नजदीकी गांव डूंडा सिवनी में गोरक्षकों ने एक महिला समेत तीन लोगों की बेरहमी से पिटाई का मामला गरमाता जा रहा है।
डुंडा सिवनी थाना के प्रभारी जीएस उइके के अनुसार 22 तारीख की सुबह शुभम बघेल ने चार-पाँच साथियों के साथ तीन लोगों को मांस ले जाते हुए पकड़ा था। उन्होंने मारपीट की और फिर पुलिस को सूचना दी। पुलिस मौके पर पहुंची और मांस ले जाने वाले तीनों व्यक्तियों को गिरफ़्तार कर किया। उन पर मामला दर्ज करके उन्हें अदालत में पेश किया गया और फिर जेल भेज दिया गया।
सिवनी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोपाल खंडेल के मुताबिक, 'दिलीप मालवीय, अंजुम और तौसीफ खान के खिलाफ कथित रूप से गोमांस ले जाने का मामला दर्ज किया गया है। उन्हें मध्य प्रदेश गोवंश अधिनियम के तहत गिरफ़्तार किया गया और न्यायिक हिरासत में रखने के बाद अदालत में पेश किया गया और अदालत ने इन्हें जेल भेज दिया। इनका एक साथी शकील अभी भी फरार है। मांस के सैंपल को जाँच के लिए हैदराबाद लैब में भेजा गया है।'
सिवनी के पुलिस अधीक्षक ललित शाक्यवार ने बताया, 'शुभम बघेल ने 23 तारीख़ को फ़ेसबुक पर एक वीडियो अपलोड किया था और 23 तारीख़ को ही पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए इनकी गिरफ़्तारी सुनिश्चित कराई। हमें शाम चार बजे मामले का पता चला। उस वक़्त वोटों की गिनती चल रही थी फिर भी हमने तुरंत कार्रवाई की।"
पुलिस ने मारपीट करने वाले दूसरे पक्ष के खिलाफ धारा 341 , 294, 323, 147, 148 , 149 , 327, 354 भारतीय दंड विधान 25 और आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।
'मेरा भाई बेगुनाह है'
दिलीप मालवीय की बहन मनीषा कहती हैं, 'हम लोग सफाई का काम करते हैं। हमारी मां इस्तरी करती हैं। मेरा भाई शादी में भोमा गया था। शुभम ने उसे रोका, बातचीत में लगाया और फिर गाड़ी में क्या हुआ, ये मैं नहीं जानती। उन्होंने उसे बेदर्दी से मारा। मैंने थाने में रिपोर्ट की पर सुनवाई नहीं हुई। हम उससे मिलने जेल गए थे। वो बहुत तकलीफ में हैं लेकिन पुलिस उस पर ध्यान नहीं दे रही है। उसे बहुत चोट लगी है। उसे फंसाया गया है। ऑटो वाले को भी फंसाया गया है।'
ऑटो चालक तौसीफ खान के मामा मोहम्मद यासीन खान का कहना है कि उनका 18 वर्षीय भांजा बिल्कुल निर्दोष है। उन्होंने कहा कि वो तो गाड़ी चला रहा था। उसे बेरहमी से ना सिर्फ मारा गया बल्कि जेल भेज दिया गया। उसकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। वो 18 साल का बच्चा है। मालूम नहीं उसे इस तरह से क्यों मारा गया। उसे बहुत चोटें आई हैं, उसे इलाज की ज़रूरत है।
'पुलिस वालों की गो तस्करों से मिलीभगत'
मारपीट के मुख्य अभियुक्त शुभम बघेल की मां आशा बघेल भी अपने बेटे को पूरी तरह बेक़सूर मानती हैं। उनका आरोप है कि शुभम जब भी गोमांस पकड़ता है, पुलिस उसको घर भेजने के बाद अभियुक्तों से पैसे लेकर उन्हें छोड़ देती है।
'बेटा सो रहा था, अचानक ये सब हो गया'
शुभम के साथी रोहित यादव की मां छाया यादव भी अपने बेटे के जेल जाने से बहुत परेशान हैं। वो कहती हैं, 'मेरा बेटा तो घर में सो रहा था उसे अचानक बुलाया गया और फिर ये सब हो गया।'
सिवनी के एसपी ललित शाक्य बताते हैं कि शुभम को अक्टूबर, 2018 में ही जिलाबदर कर दिया गया था। उसकी अपील के बाद उसे 10 फरवरी को राहत दी गई और वो वापस आ गया। डूंडा सिवनी थाने के प्रभारी जीएस उइके कहते हैं कि शुभम बघेल आपराधिक प्रवृत्ति का है और उस पर थाने की निगरानी रहती है।
सिवनी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गोपाल खंडेल ने बीबीसी को बताया कि सिवनी ज़िले में हर महीने आठ से 10 ट्रक गायें पकड़ी जाती हैं जिन्हें मध्य प्रदेश के तमाम जिलों से लाकर गोवंश सिवनी के रास्ते महाराष्ट्र के नागपुर और दूसरे जिलों में भेजा जाता है।