भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जेएनयू में हुई हिंसा पर कहा है कि वे जेएनयू में पढ़ते थे, जब उनके मुताबिक़ 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' नहीं हुआ करता था। जयशंकर जेएनयू के पूर्व छात्र रहे हैं और रविवार शाम कैंपस के भीतर छात्रों पर हुए हिंसक हमले की ख़बर आने के बाद उन्होंने इसकी कड़ी निंदा की थी।
अख़बार 'दैनिक जागरण' में छपी ख़बर के मुताबिक़ ओआरएफ़ की तरफ़ से आयोजित एक पुस्तक के विमोचन समारोह में जयशंकर से जब जेएनयू के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था, 'मैं आपको ज़रूर यह बता सकता हूं कि जब मैं अध्ययन करता था तो जेएनयू में 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' नहीं होता था।'
दक्षिणपंथी पार्टियां अपने विरोधी वामपंथी विचारधारा वाले नेताओं को 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' कहकर निशाना बनाती हैं। जेएनयू में 2016 में एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर इस तरह के नारे लगने की बात आई थी। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में तत्कालीन छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को गिरफ़्तार भी किया था लेकिन अभी तक उस केस में कोई ख़ास प्रगति नहीं हुई है। इस मौक़े पर उन्होंने ये भी कहा कि भारत महत्वपूर्ण मुद्दों को सुलझाने में काफ़ी समय लेता है।
जयशंकर ने कहा, 'नागरिकता संबंधी मुद्दा 50 वर्षों से व धारा 370 का मुद्दा अस्थायी था लेकिन हमने उसे सुलझाने में 70 साल लगाए, राम मंदिर को सुलझाने में 150 वर्ष लगा दिए। मुद्दे को आगे सरकाने की हमारी आदत बन गई थी। समाज में यह मानसिकता जब तक दूर नहीं होगी, हम आगे नहीं बढ़ेंगे।
इंकम टैक्स से मिल सकती है राहत
आने वाले बजट में मध्यम वर्ग के लोगों के लिए ख़ुशख़बरी हो सकती है। अंग्रेज़ी के अख़बार 'इंडियन एक्सप्रेस' में छपी एक ख़बर के अनुसार वित्त मंत्रालय ने आने वाले बजट में इंकम टैक्स में छूट देने की पूरी तैयारी कर ली है। अख़बार के अनुसार इंकम टैक्स स्लैब में इस तरह का बदलाव किया जाएगा कि टैक्स देने वालों को कम से कम 10 फ़ीसदी कम टैक्स देना होगा।
अख़बार ने वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के हवाले से लिखा है, 'हम लोग कई तरह के सुझाव पर विचार कर रहे हैं। एक सुझाव यह है कि मिडिल क्लास पर लगने वाले सारे सरचार्ज हटा दिए जाएं और इंकम टैक्स का स्ट्रक्चर बहुस आसान कर दिया जाए। टैक्स स्लैब में भी बदलाव के सुझाव हैं।'
उसी ख़बर के मुताबिक़ सरकार नए घर ख़रीदने वालों को भी कुछ छूट देने के बारे में विचार कर रही है। एक अधिकारी ने कहा कि रियल स्टेट एक महत्वपूर्ण सेक्टर है और उसका अर्थव्यवस्था पर बहुत असर पड़ता है।
ब्रितानी अख़बार ने नक़ाबपोश हमलावरों को बताया 'राष्ट्रवादी'
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जेएनयू के छात्रों पर हुए हमले से संबंधित ख़बर को 'ग़लत तरीक़े' से प्रकाशित करने के लिए ब्रिटेन के एक अख़बार की कड़ी निंदा की है।
अख़बार 'नवभारत टाइम्स' में छपी ख़बर के मुताबिक़ जावड़ेकर ने नक़ाबपोश हमलावरों को 'राष्ट्रवादी' कहने के लिए अख़बार की आलोचना की। 'फ़ाइनेंशियल टाइम्स' अख़बार ने जेएनयू के हमलावरों को 'राष्ट्रवादी' कहा था और शीर्षक दिया था, 'राष्ट्रवादी भीड़ ने दिल्ली के धर्मनिरपेक्ष विश्वविद्यालय में उपद्रव किया।'
इस पर जावड़ेकर ने कहा, 'मैं जानता हूं कि भारत को समझने की आपसे उम्मीद लगाना थोड़ा ज्यादा होगा, लेकिन आप एक कोशिश कर सकते हैं : आप कोई भी मौका मिलने पर भारत के टूटने का अनुमान लगाना बंद करें।'