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18 साल से ऊपर वालों को वैक्सीन: राज्य कितने तैयार, क्या पर्याप्त वैक्सीन है?

हमें फॉलो करें 18 साल से ऊपर वालों को वैक्सीन: राज्य कितने तैयार, क्या पर्याप्त वैक्सीन है?
, मंगलवार, 27 अप्रैल 2021 (13:50 IST)
-गुरप्रीत कौर, बीबीसी संवाददाता
भारत में एक मई से 18 साल से ज़्यादा उम्र वाले हर व्यक्ति को कोविड वैक्सीन मिल सकेगी। ये देश में कोरोना टीकाकरण का तीसरा चरण होगा, जिसमें अब 18 साल से 45 साल के उम्र के लोगों को भी शामिल कर लिया गया है। तीसरे चरण के रजिस्ट्रेशन 28 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं।
 
लेकिन राज्य इसके लिए कितने तैयार हैं और क्या इस अभियान को शुरू करने के लिए पर्याप्त वैक्सीन है? पढ़िए उन तमाम सवालों के जवाब जो आप जानना चाहते हैं।

वैक्सीन कितने रुपये में मिलेगी?
तीसरे चरण की शुरुआत के साथ अब राज्य सरकारें, निजी अस्पताल और टीकाकरण केंद्र, वैक्सीन निर्माता कंपनियों से सीधे वैक्सीन ख़रीद सकेंगे। निर्माता कंपनियां अपने स्टॉक का 50% हिस्सा केंद्र सरकार को बेचेंगी और बाक़ी बचे 50% में से राज्य सरकारों और निजी अस्पतालों को देंगी।

कोविशील्ड
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया ने कहा है कि वो कोविशील्ड वैक्सीन राज्य सरकारों को प्रति डोज़ 400 रुपये और निजी अस्पतालों को प्रति डोज़ 600 रुपये में देगी।

हर व्यक्ति को वैक्सीन की दो डोज़ चाहिए होती है, यानी राज्य सरकार को एक व्यक्ति के लिए 800 रुपये और प्राइवेट अस्पतालों को एक व्यक्ति के लिए 1200 रुपये में वैक्सीन ख़रीदनी पड़ेगी।

कंपनियां बाक़ी बची 50% डोज़ केंद्र सरकार को कम क़ीमत पर देंगी। सीआईआई के सीईओ अदर पूनावाला ने पहले कहा था कि केंद्र सरकार को कोवीशिल्ड 150 रुपये प्रति डोज़ के हिसाब से दी जा रही है। लेकिन उन्होंने अब कहा है कि केंद्र सरकार का मौजूदा ऑर्डर पूरा कर देने के बाद केंद्र सरकार को भी कोविशील्ड प्रति डोज़ 400 रुपये में ही दी जाएगी।

सीरम इंस्टीट्यूट ने बताया कि कोविशील्ड अभी खुले बाज़ार में मिलने में 4-5 महीने का वक़्त लगेगा।

कोवैक्सीन
वहीं भारत बायोटेक का कहना है कि वो स्वदेशी कोवैक्सीन राज्यों को प्रति डोज़ 600 रुपये में और प्राइवेट अस्पतालों को 1200 रुपये में देगा।

निजी अस्पतालों को अब तक केंद्र सरकार से जितने रुपये में कोवैक्सीन मिल जा रही थी, अब उससे आठ गुना ज़्यादा तक की क़ीमत में लेनी होगी। इसी तरह राज्यों को अब चार गुना ज़्यादा क़ीमत चुकानी होगी।

वहीं ध्यान देने वाली बात ये भी है कि निजी अस्पतालों को कोवैक्सीन, कोविशील्ड से दोगुनी क़ीमत में मिलेगी।
हालांकि भारत बायोटेक केंद्र सरकार को 150 रुपये प्रति डोज़ के हिसाब से ही वैक्सीन देना जारी रखेगी।

कंपनियां जिस क़ीमत पर राज्य सरकारों और निजी अस्पतालों को वैक्सीन दे रहीं हैं, क्या आपको वही क़ीमत चुकानी होगी?
नहीं। इसका फ़ैसला राज्य करेंगे कि जो वैक्सीन वो निर्माताओं से सीधे ख़रीद रहे हैं, उसे नागरिकों को कैसे देना है। यानी आबादी के किस हिस्से को इसे मुफ़्त में देना है और किससे चार्ज करना है।

उत्तर प्रदेश, असम और मध्य प्रदेश समेत कम से कम 17 राज्यों ने 18 साल से ज़्यादा उम्र वाले लोगों को मुफ़्त में वैक्सीन देने का फ़ैसला किया है।

लेकिन अगर बात निजी अस्पतालों की करें तो क्योंकि वो कोविशील्ड की एक डोज़ 600 रुपये और कोवैक्सीन की डोज़ 1200 रुपये में ख़रीदेंगे तो हो सकता है कि वो इसमें वैक्सीन लगाने का ख़र्च और अपना कुछ मुनाफ़ा भी जोड़ें।

केंद्र ने पहले के चरण में निजी अस्पतालों के लिए सीमा तय की थी कि वो लोगों से एक तय क़ीमत से ज़्यादा नहीं वसूलें। लेकिन निजी संस्थाओं के खुले बाज़ार से डोज़ ख़रीदने के मामले में केंद्र ने ऐसी कोई सीमा निर्धारित नहीं की है। अभी सिर्फ़ इतना कहा गया है कि प्राइवेट अस्पतालों को पहले से ही वैक्सीन की क़ीमत बतानी होगी।

अभी ये भी साफ़ नहीं है कि क्या इसमें राज्य हस्तक्षेप करेंगे और क्या वो सीधे ख़रीदी गई वैक्सीन को लेकर अस्पतालों के लिए कैप लगा पाएंगे।

तो मुझे कैसे पता चलेगा कि किस अस्पताल में वैक्सीन के लिए कितना भुगतान करना होगा?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने तीसरे चरण के टीकाकरण अभियान के लिए नियमों की जानकारी देते हुए बताया – हर प्राइवेट कोविड वैक्सीनेशन सेंटर को कोविन पोर्टल पर बताना होगा कि उनके पास कौन-कौन सी वैक्सीन है, वैक्सीन का कितना स्टॉक है और वैक्सीन के लिए नागरिकों से कितना पैसा वसूल करेंगे।

यानी जब आप रेजिस्ट्रेशन करने के लिए कोविन ऐप पर जाएंगे तो उसी वक़्त आपको पता चल जाएगा कि किस प्राइवेट सेंटर पर कितने में वैक्सीन लग रही है, आप उस हिसाब से चुनाव कर सकते हैं। इस चरण में टीका लगवाने के लिए लोगों को कोविन पोर्टल या आरोग्य सेतु एप पर जाकर वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन करना होगा, सीधे अस्पताल में जाकर रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकेगा।

हालांकि पहले और दूसरे चरण का टीकाकरण तीसरे चरण के साथ-साथ चलता रहेगा और 45 साल से ज़्यादा की उम्र के लोग 1 मई के बाद भी सीधे अस्पतालों में जाकर रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे।
 
अगर उम्र 45 साल से ज़्यादा है, तो भी यही क़ीमतें चुकानी होंगी?
केंद्र सरकार के केंद्रों पर स्वास्थ्य कर्मचारियों, फ्रंट लाइन कर्मचारियों और 45 वर्ष से अधिक उम्र की पूर्व निर्धारित श्रेणी के उच्च प्राथमिकता वाले पात्र लोगों के लिए टीकाकरण मुफ़्त रहेगा। साथ ही 45 वर्ष से अधिक उम्र के जिन लाभार्थियों की दूसरी ख़ुराक बक़ाया है, उन्हें टीकाकरण कार्यक्रम में प्राथमिकता दी जाएगी।

हालांकि ये हो सकता है कि निजी अस्पतालों में अब उन्हें प्रति ख़ुराक 250 रुपये के बजाए ज़्यादा का भुगतान करना पड़े, क्योंकि अब सभी निजी संस्थाओं को कंपनियों से सीधे वैक्सीन ख़रीदनी है, वो भी बढ़ी हुई क़ीमत पर।
वहीं केंद्र सरकार संक्रमण की स्थिति और टीकाकरण की गति को देखते हुए अपने हिस्से की वैक्सीन राज्यों और केंद्र सरकार को आवंटित करेगी। वैक्सीन की बर्बादी राज्य के कोटे को प्रभावित कर सकती है।

राज्य तीसरे चरण के लिए कितने तैयार? क्या इतनी वैक्सीन है?
केंद्र सरकार ने नई टीकाकरण रणनीति के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जिसमें राज्यों को अस्पताल में सुविधा बढ़ाने के लिए व्यापक कार्य योजना बनाने, कोविन ऐप पर स्टॉक और क़ीमतों की घोषणा करना शामिल है।

लेकिन चार ग़ैर-बीजेपी शासित राज्यों का कहना है कि वो 1 मई से ये टीकाकरण अभियान शुरू नहीं कर सकेंगे क्योंकि उनके पास इसके लिए पर्याप्त वैक्सीन नहीं है। इन राज्यों का कहना है कि हमें कहा गया है कि 15 मई के बाद ही वैक्सीन मिल सकेगी।

कांग्रेस शासित राजस्थान का कहना है कि उन्हें कोविशील्ड बनाने वाली सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया ने कहा है कि वो 15 मई से पहले डोज़ सप्लाई नहीं कर सकते।

राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा, “हमें सीरम इंस्टीट्यूट से बात करने के लिए कहा गया। उनका कहना था कि केंद्र सरकार से उन्हें जो ऑर्डर मिले हैं, उनकी आपूर्ति करने के लिए ही उन्हें 15 मई तक का वक़्त चाहिए। इसलिए वो हमें वैक्सीन देने की स्थिति में नहीं हैं। तो सवाल ये है कि अगर राज्य सीधे वैक्सीन ख़रीदना चाहें, तो प्रक्रिया क्या है? इस बारे में केंद्र सरकार को फ़ैसला करना चाहिए। हमारे सामने सवाल है कि, हमारे यहां 18-45 की उम्र के 3।13 करोड़ लोग हैं, हम उनका टीकाकरण कैसे करेंगे?”

शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार को एसआईआई और कोवैक्सीन बनाने वाली भारत बायोटेक को कहना चाहिए कि वो “राज्यों को इतनी ख़ुराक” सप्लाई करें।

छत्तीसगढ़, पंजाब, और झारखंड के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ प्रेस वार्ता करते हुए उन्होंने कहा, “हम भुगतान करने के लिए तैयार हैं, लेकिन क़ीमत सब के लिए एक जैसी होनी चाहिए। इस मामले को केंद्र सरकार को देखना चाहिए।”

चारों स्वास्थ्य मंत्रियों ने कहा कि वो एक मई से शुरू होने वाले टीकाकरण के चरण के लिए तैयार हैं, लेकिन वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों ने डोज़ देने में असमर्थता जताई है। इन चारों में से तीन राज्यों में कांग्रेस सत्ता में है और झारखंड में जेएमएम के साथ सत्ता में साझेदार है।

छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह ने तो ये भी कहा कि उन्होंने सुना है कि असम ने वैक्सीन का ऑर्डर देने की कोशिश की, लेकिन उसे कहा गया कि उन्हें वैक्सीन एक महीने बाद मिलेगी।

वहीं पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिधु ने कहा, “अगर वैक्सीन उपलब्ध नहीं है तो टीकाकरण देने का कोई तरीक़ा नहीं है। स्थिति बहुत ही साफ़ है। केंद्र कह रहा है कि टीकाकरण सबके लिए शुरू है, लेकिन वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। ऐसे में पूरे देश को गुमराह किया जा रहा है। एक तरह से राज्यों पर भार डालने और उन्हें बदनाम करने की कोशिश है... ये कहते हुए कि ‘देखो हमने तो टीकाकरण शुरू किया था।”

इस बीच पंजाब सरकार ने एक बयान में कहा था कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने 18-45 साल के समूह के लिए 30 लाख कोवीशिल्ड की डोज़ ऑर्डर की है।
 
वहीं झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने आरोप लगाया कि केंद्र ने निर्माताओं की उत्पादन क्षमता को हाईजैक कर लिया है, और एक डोज़ के लिए 150 रुपये की डील कर ली है। उन्होंने कहा, “सरकार एक संविधान, एक टैक्स की बात करती है, लेकिन अब वैक्सीन की अलग-अलग क़ीमत तय करके महामारी से मुनाफ़ा कमाने की कोशिश कर रही है।”

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने भी वैक्सीन की क़ीमतों पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि कोरोना वैक्सीन की क़ीमत केंद्र और राज्यों के लिए समान होना चाहिए।

हालांकी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया का कहना है कि वो आने वाले महीनों में वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाएगी। अदर पूनावाला ने सीएनबीसी टीवी-18 से कहा कि कोविशील्ड प्राइवेट अस्पतालों को मई के तीसरे या चौथे हफ़्ते में ही मिल सकेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि एसआईआई को केंद्र के पहले से मिले ऑर्डर की आपूर्ति करनी है।

वहीं भारत सरकार ने सीआईआई और कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक को 4,500 करोड़ की सहायता राशि देने की घोषणा की है।

कैसे करें रजिस्ट्रेशन
• सबसे पहले cowin।gov।in की वेबसाइट पर जाएं और अपना मोबाइल फ़ोन नंबर दर्ज करें।
• आपके नंबर पर आपको एक वन टाइम पासवर्ड मिलेगा। इस नंबर को वेबसाइट पर लिखे ओटीपी बॉक्स में लिखें और वेरिफ़ाई लिखे आइकन पर क्लिक करें। इससे ये वेरिफ़ाई हो जाएगा।
• इसके बाद आपको रजिस्ट्रेशन का पन्ना नज़र आएगा
• यहाँ अपनी जानकारी लिखें और एक फ़ोटो आईडी भी साझा करें।
• अगर आपको पहले से कोई बीमारी है जैसे- शुगर, ब्लड प्रेशर, अस्थमा अन्य तो इसकी जानकारी विस्तार से लिखें।
• जब ये जानकारी पूरी हो जाए तो रजिस्टर लिखे आइकन पर क्लिक करें।
• जैसे ही ये रजिस्ट्रेशन पूरा होगा आपको कम्प्यूटर स्क्रीन पर अपनी अकाउंट डिटेल नज़र आने लगेगी।
 

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