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भारत बनाम इंग्लैंड: विराट कोहली बन गए हैं टीम इंडिया की सबसे कमज़ोर कड़ी?

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BBC Hindi

, रविवार, 10 जुलाई 2022 (10:04 IST)
विमल कुमार, वरिष्ठ खेल पत्रकार
बर्मिंघम ट्वेंटी-20 मैच से ठीक पहले एक बेहद दिलचस्प नज़ारा इस लेखक को स्टेडियम के बाहर देखने को मिला। टीम इंडिया की बस एजबेस्टन के गेट नंबर-3 जो कि वीआईपी गेट है, वहां आकर रुकती है और टीम बस के एक गेट से रोहित शर्मा अकेले निकलते हैं तो दूसरे गेट से विराट कोहली, कोच राहुल द्रविड़ के साथ। कोहली और द्रविड़ के बीच किसी गंभीर मुद्दे पर चर्चा हो रही है और वो अंदर जाते हैं।
 
ये अपने आप में एक अनूठी बात थी क्योंकि अब तक हर दिन जब भी टीम इंडिया बस से उतरकर मैदान में प्रवेश करती थी तो कोहली अकेले होते थे और द्रविड़ अकेले। लेकिन, दूसरे टी-20 मैच से पहले गहन चर्चा इस बात पर हो रही थी कि रोहित शर्मा का ओपनिंग पार्टनर कौन होगा।
 
कयास ये लगाये जा रहे थे कि ईशान किशन की जगह कोहली ओपनर की भूमिका निभा सकते हैं। वो पिछले साल इंग्लैंड के ख़िलाफ़ घरेलू सीरीज़ में रोहित के साथ ओपनिंग कर चुके हैं। लेकिन, द्रविड़ ने शायद कोहली को मैच से पहले ये समझा लिया कि उन्हें नंबर-3 पर ही बल्लेबाज़ी करनी होगी और वो ऋषभ पंत को टेस्ट क्रिकेट के अंदाज़ में बल्लेबाज़ी करने के लिए कहेंगे।
 
इसके बाद जब टॉस हुआ और इंग्लैंड ने भारत को बल्लेबाज़ी के लिए न्योता दिया तो कप्तान रोहित शर्मा और ऋषभ पंत ने उसी बेफ़िक्र अंदाज़ में बल्लेबाज़ी की जिसका क्रिकेट प्रेमी पिछले कई साल से इंतज़ार कर रहे थे।
 
छह ओवर यानी पावरप्ले के बाद सिर्फ़ एक विकेट के नुकसान पर 61 रन, भारत के आक्रामक इरादे की झलके दे रहा था। पहली बार एक साथ ओपनिंग करने वाली रोहित-ऋषभ की जोड़ी ने 29 गेंदों पर 49 रनों की साझेदारी की, जिसने एक बड़े स्कोर का आधार रखा।
 
बदल गया है टीम इंडिया के खेल का तरीक़ा
लेकिन, इंग्लैंड भला कहां शांत बैठने वाला था। पावर-प्ले के बाद मेजबानों ने गेंद के साथ अपना पावर दिखाया और जल्द ही टीम इंडिया का स्कोर पांच विकेट पर 89 रन हो गया।
 
ये स्कोर 'पुरानी टीम इंडिया' को डिफेंसिव बना सकता था लेकिन राहुल द्रविड़-रोहित शर्मा की टीम मिडल ओवर्स में विकेट गिरने के बावजूद तेज़ी से रन बनाने का इरादा छोड़ती नहीं है।
 
जनवरी 2020 से लेकर पिछले साल के टी-20 वर्ल्ड कप तक भारत पावर-प्ले ओवर्स में आठ रन प्रति ओवर से भी कम की रफ्तार से रन बनाता था और इस दौरान 20 फ़ीसद से भी कम शॉट बाउंड्री वाले होते थे। लेकिन, अब रोहित शर्मा- राहुल द्रविड़ वाले दौरे में पावर वाले में रन रेट करीब 8।50 और बाउंड्री का प्रतिशत करीब 25 है।
 
बेहतरीन शुरुआत के बाद अब दारोमदार विराट कोहली के अनुभवी कंधों पर था। लेकिन, कोहली एक बार फिर से खुद को साबित करने और एक बड़ी पारी खेलने के दबाव में दिखे और बहुत जल्दी ही अनावश्यक जोखिम लेने की कोशिश की। नतीजा एक और नाकामी।
 
दरअसल, इन दिनों मैदान पर किस्मत भी उनसे रुठी चल रही है क्योंकि जहां रोहित और रविंद्र जडेजा को जीवनदान मिल जाते हैं वहीं कोहली को कोई भी एक मौका तक नहीं देता है।
 
भारत ने 10 गेंदों के भीतर कोहली, रोहित और पंत के विकेट खो दिये। हार्दिक पंड्या और सूर्यकुमार यादव भी इस बार बहुत ख़ास नहीं कर पाए। दबाव भारत पर था। लेकिन, दिनेश कार्तिक की नाकामी के बावजूद जडेजा ने भारत को एक ऐसे स्कोर तक पहुंचने में मदद की जहां पर शानदार गेंदबाज़ी आक्रमण से मैच जीतने के बारे में सोचा जा सकता था।
 
भुवनेश्वर का गेंद से कमाल
भुवनेश्वर कुमार ने हमेशा की तरह सदाबहार अंदाज़ में स्विंग का जलवा बिखेरा। ओपनर जेसन रॉय को खाता खोलने का मौका नहीं दिया। बटलर भी सिर्फ़ 4 रन बनाकर भुवनेश्वर का ही शिकार बने।
 
अगर दो लगातार मैचों में ख़तरनाक ओपनर की जोड़ी बिल्कुल नाकाम हो जाए तो ऐसी टीम के सीरीज़ हारने पर हैरानी नहीं होनी चाहिए।
 
इंग्लैंड की टीम 11वें ओवर तक 61रन पर छह विकेट गंवा चुकी थी और मैच वहीं ख़त्म हो गया। भले ही इस औपचारिकता को पूरा होने में थोड़ा वक्त लगा। लेकिन पहले मैच में 50 रन के अंतर से जीत के बाद इस मैच में 49 रन के अंतर से जीत ने ये दिखा दिया कि टीम इंडिया अब टी-20 वर्ल्ड कप की तैयारी को लेकर गंभीर फ़ैसले ले रही है।
 
मैच से ठीक एक दिन पहले टी-20 में खेलने वाले किसी भी खिलाड़ी ने अभ्यास नहीं किया था। लेकिन, जडेजा ने कोच द्रविड़ की निगरानी में करीब एक घंटे तक बल्लेबाज़ी की थी। लंबे-लंबे छक्के लगाने के बीच जडेजा संभलकर खेलने वाले शॉट्स भी दिखाते और कुछ वैसा ही उन्होंने मैच में भी कर किया।
 
जडेजा भले ही अर्धशतक नहीं बना पाए लेकिन उनकी पारी दोनों टीमों के बीच सबसे बड़ा फ़ासला साबित हुई। जडेजा ने हमें अभ्यास के बाद अनौपचारिक बातचीत में बताया था कि कुछ ही दिनों में उनकी बेटी इंग्लैंड आ रही है और शायद इसलिए 'डैडी' जडेजा ने उन्हें खुश करने के लिए अभी से तैयारी शुरु कर दी है।
 
आख़िर में चलते-चलते एक और अहम बात, जसप्रीत बुमराह और युजवेंद्र चहल की गेंदबाज़ी पर। दोनों ने मिलकर 5 ओवर में सिर्फ़ 20 रन दिए और 4 विकेट झटके। मिडल ओवर्स में इन दोनों ने मेज़बान बल्लेबाज़ों को किसी भी तरह की छूट लेने नहीं दी और नतीजा ये रहा कि टीम इंडिया ने नाटिंघम का सफर पूरा करने से पहले ही सीरीज़ अपने नाम कर ली।
 
विराट कोहली... आगे क्या
मैच ख़त्म होने के बाद जब टीम इंडिया बस में जा रही थी भारतीय समर्थकों की भीड़ जमा थी। सिर्फ़ हार्दिक पंड्या और रोहित शर्मा ही दो ऐसे खिलाड़ी रहे जिन्होंने दर्शकों की तरफ देखते हुए उनका अभिवादन स्वीकार किया।
 
कोहली के लिए सबसे ज़्यादा शोर मच रहा था लेकिन इस बार कोहली अकेले चुपचाप बस में चढ़कर बैठ गए। कोहली को शायद ये एहसास हो रहा हो कि टी-20 वर्ल्ड चयन वाली बस भी कहीं उनसे आगे छूट तो नहीं जाएगी क्योंकि फिलहाल मौजूदा टीम के पास कोहली की फॉर्म के अलावा कोई और समस्या नहीं दिखती है।

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