- संजय रमाकांत तिवारी
उत्तरी महाराष्ट्र में धुले शहर के करीब चंदू चव्हाण का गांव बोरविहिर है। इस छोटे से गांव में अधिकतर किसान हैं। चंदू के बड़े भाई भूषण भी सेना में हैं। वे गुजरात के जामनगर में तैनात हैं। चव्हाण परिवार के नजदीकी मित्र योगेश पाटिल के अनुसार भारतीय सेना के दफ्तर से भूषण को घर पर फोन आया था कि एक दो दिन से चंदू लापता हैं।
योगेश पाटिल ने बताया, "इंटरनेट पर पाकिस्तानी अखबार की वेबसाइट पर चंदू का नाम पकड़े गए भारतीय सैनिक के रूप में छपा। इसके बाद चंदू के घर पर भी ऐसा ही फोन आया था।"
उन्होंने बताया कि चंदू के लापता होने की खबर सुनकर उसकी नानी की हालत खराब हो गई। उन्हें अस्पताल में भरती करवाया गया। वहां उनकी शुक्रवार की सुबह मौत हो गई। चंदू के घर के बाहर शुक्रवार को गांव वालों की भीड़ जुटी रही जहां मातम का माहौल है।
योगेश बताते हैं कि भूषण जामनगर से धूले के लिए निकल चुके हैं। उनके आने के बाद नानी का अंतिम संस्कार किया जाएगा। वो बताते हैं कि भूषण, चंदू और उनकी बहन जब छोटे थे तब उनके माता-पिता की मौत हो गई थी। तीनों को उनके नाना नानी ने पाला-पोसा और बड़ा किया।
योगेश के अनुसार 23 साल के चंदू बेहद सतर्क और होशियार शख्स हैं। वो एक अच्छे इंसान हैं। उनके पकड़े जाने की खबर से हम सब दुखी हैं। भूषण सबसे बड़े हैं। उनके बाद एक बहन है और चंदू सबसे छोटे हैं। सारा गांव उन्हें चंदू के नाम से ही पुकारता है। योगेश का कहना है कि चंदू बचपन से नटखट रहे हैं।
योगेश कहते हैं, "जब अहमदनगर में ट्रेनिंग पर थे तब उनसे मिलने जाते थे।" चंदू के लापता होने की ख़बर सुनकर योगेश और दूसरे दोस्त केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री डॉक्टर सुभाष भामरे के दफ्तर भी गए और उनके पीए से मुलाकात की। लेकिन फिलहाल चंदू के बारे में कोई नई जानकारी नहीं मिली है।