केरल में एक प्रवेश परीक्षा में निरीक्षण के दौरान छात्राओं से बदसलूक़ी का मामला सामने आया है। आरोप है कि राष्ट्रीय योग्यता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) में छात्राओं से उनके इनर वियर उतरवाए गए, क्योंकि उनमें स्टील की बकल लगी हुई थी। केरल के कन्नूर ज़िले के एक गांव में यह घटना हुई। देश भर में ग्रेजुएशन स्तर के मेडिकल पाठ्यक्रमों में दाख़िले के लिए यह परीक्षा सीबीएसई की ओर से करवाई जाती है।
'टॉयलेट भी इस्तेमाल नहीं करने दिया'
बीबीसी ने उन छात्राओं से बात की जो टीआईएसके इंग्लिश मीडियम स्कूल में परीक्षा देने पहुंची थीं। उनके मुताबिक, जांच के दौरान स्टील बकल की वजह से मेटल डिटेक्टर से बीप की आवाज़ आई तो अधिकारियों ने उनसे इनरवियर उतारने को कहा। एक छात्रा ने पहचान न ज़ाहिर होने की शर्त पर कहा, 'उन्होंने मुझसे इनरवियर बदलकर आने को कहा। लेकिन एनईईटी के निर्देशों में कहीं इसका ज़िक्र नहीं है।'
छात्रा ने कहा, 'उस समय 9 बजकर 20 मिनट हो रहे थे और हॉल में जाने के लिए मेरे पास सिर्फ 10 मिनट का समय बचा था। मैंने इनरवियर बदलने के लिए उनसे टॉयलेट के इस्तेमाल की इजाज़त मांगी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। आसपास कोई घर भी नहीं था। शुक्र है कि वहां सिर्फ महिला निरीक्षक और स्टाफ़ ही मौजूद था। तो मैंने वहीं पर उसे उतार दिया।' छात्रा ने कहा कि वह इस परीक्षा के लिए साल भर से तैयारी कर रही थीं, लेकिन इस घटना ने उसके आत्मविश्वास को हिला दिया।
'आइंदा किसी के साथ ऐसा न हो'
ऐसी ख़बरें भी आई हैं कि कई और लड़कियों को ऐसी स्थितियों का सामना करना पड़ा, जिनमें से कई मौक़े पर ही रोने लगीं। छात्राओं ने एनईईटी के निर्देशों का हवाला दिया, जिसमें इनरवियर उतारने से जुड़ा कोई ज़िक्र नहीं है। लेकिन बच्चों के मां-बाप ने आरोप लगाए कि स्कूल प्रशासन अड़ा रहा और उसने परीक्षा हॉल के प्रवेश द्वार पर ही छात्राओं को इनरवियर उतारने पर मजबूर किया।
अभिभावक वीआर नायर का दावा है कि वह इस घटना के गवाह थे। उन्होंने कहा, 'यह पूरी तरह से उन लोगों की कॉमन सेंस की कमी है, जिन्हें परीक्षा संचालन का काम दिया गया था। किसी छात्र-छात्रा के साथ आइंदा कभी यह नहीं होना चाहिए।' उन्होंने कहा कि वह इसकी शिकायत प्रशासन से करेंगे।
ज़िला प्रशासन को शिकायत का इंतज़ार
ज़िला प्रशासन का कहना है कि वह घटना से वाक़िफ़ है, लेकिन इस बारे में अब तक कोई औपचारिक शिकायत नहीं मिली है। कन्नूर के ज़िलाधिकारी मीर मोहम्मद अली ने कहा, 'अगर वे (अभिभावक और छात्राएं) एक विस्तृत शिकायत लिखें तो हमें पूछताछ शुरू करने में आसानी होगी।'
केरल की महिला कांग्रेस अध्यक्ष बिंदू कृष्णा के मुताबिक, इन छात्राओं को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, 'हम इस घटना के बारे में मुख्यमंत्री को लिखेंगे और स्कूल प्रशासन के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की मांग करेंगे।' लगातार कोशिशों के बावजूद स्कूल प्रशासन इस घटना पर प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध नहीं हो सका।