Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

वरुण गांधी का फिर बीजेपी पर तंज, क्या बगावती तेवर से कटेगा लोकसभा का टिकट?

हमें फॉलो करें Varun Gandhi

BBC Hindi

, गुरुवार, 31 अगस्त 2023 (08:01 IST)
कीर्ति दुबे, बीबीसी संवाददाता
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से बीजेपी के सांसद वरुण गांधी का एक वीडियो क्लिप वायरल हो रहा है, जिसमें वो एक जनसभा के दौरान मंच पर साधु से बात कर रहे हैं।
 
वीडियो में वरुण गांधी मंच से कार्यकर्ताओं को संबोधित करते दिखते हैं, तभी पास में खड़े साधु फ़ोन पर बात करने लगते हैं। जब मंच पर खड़े बाक़ी लोग साधु को ऐसा करने पर टोकते हैं, तो वरुण गांधी कहते हैं- “अरे, उन्हें टोको मत, क्या पता कब महाराज सीएम बन जाएँ।”
 
वरुण गांधी भाषण बीच में रोक कर कहते हैं, “महाराज जी, ले लीजिए फ़ोन, क्या फ़र्क पड़ता है, हो सकता है कोई ज़रूरी कॉल हो।”
 
इसके बाद मंच पर खड़े साधु को दूसरे कार्यकर्ता किनारे करने लगते हैं, जिस पर वरुण गांधी साधु को अपने पास बुलाते हैं और कार्यकर्ताओं से कहते हैं, “आप बिल्कुल इनके साथ ऐसा मत करो, कल को मुख्यमंत्री बन जाएँगे तो हमारा क्या होगा। समय की गति को समझा करो।”
 
इसके बाद वरुण गांधी साधु से कहते हैं- 'महाराज जी मुझे लगता है कि समय अच्छा आ रहा है'।
 
बीजेपी सांसद वरुण गांधी कई बार अपनी पार्टी और सरकार के ख़िलाफ़ बयानों के कारण हमेशा सुर्ख़ियों में रहते हैं। पार्टी में अलग-थलग पड़ चुके वरुण गांधी के इस बयान को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज़ माना जा रहा है।
 
वरुण गांधी के बग़ावती तेवर
वरुण गांधी अक्सर ऐसे बयान देते हैं, जो बीजेपी की पार्टी लाइन से बिल्कुल मेल नहीं खाता। हाल ही में द हिंदू अख़बार के लिए लिखे लेख में उन्होंने देश के 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के मिशन पर कहा था कि देश को इससे पहले एक बेहतर लोक हितकारी व्यवस्था बनाने की ज़रूरत है।

देश में 91 फ़ीसदी लोग ऐसे सेक्टर में काम कर रहे हैं, जहाँ उन्हें कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं मिलती। वरुण गांधी का ये लेख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस दावे पर निशाना था, जिसमें वो देश को 2025 तक 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने की बात करते है।
 
पहले भी कई मौक़ों पर वरुण गांधी के स्टैंड ने बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी की हैं। उन्होंने कृषि बिल के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे किसानों का समर्थन किया था, वो किसान जो मोदी सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतरे थे।
 
कई रिपोर्ट्स में ये दावा किया जा रहा है कि वरुण गांधी की बयानबाज़ी उन पर भारी पड़ सकती है। ये भी दावा किया जा रहा है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में पीलीभीत से वरुण गांधी का टिकट कट सकता है।
 
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ साल 2021 से ही वरुण गांधी ने पार्टी से जुड़े आयोजनों में हिस्सा लेना बंद कर दिया है। वो अब ख़ुद की जनसभाएँ करते हैं।
 
बीते दिनों जब मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने पर बीजेपी ने 'महासंपर्क अभियान' चलाया था तो वरुण गांधी इसमें शामिल नहीं हुए थे। इससे बीजेपी हाईकमान उनसे नाराज़ है।
 
राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार शरद प्रधान कहते हैं कि बीजेपी में वरुण गांधी साइडलाइन कर दिए गए हैं और ये उन्हें भी पता है।
 
प्रधान बताते हैं, “आज से चार साल पहले मैंने वरुण गांधी से पूछा था कि वो पार्टी के लाइन से अलग राय रखते हैं, इसका उन्हें नुक़सान हो सकता है तो उन्होंने कहा था मैं तो वो कहता हूँ जो मुझे लगता है। वरुण गांधी ऐसे नेता हैं जिनकी जनता के बीच तगड़ी पकड़ है और ऐसे नेता मौजूदा बीजेपी को ख़ासे पसंद नहीं आते। वरुण गांधी स्मृति ईरानी, हरदीप सिंह पुरी, पीयूष गोयल जैसे नेता नहीं हैं। जनता के बीच उनकी पकड़ भी है तो वो अपनी बात तथ्य और आँकड़ों पर बात करते हैं।”
 
हाल ही में कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने वरुण गांधी को लेकर कहा था कि उन्हें लगता है कि बीजेपी में रह कर वरुण गांधी अपने स्तर को कमज़ोर कर रहे हैं, वरुण गांधी को निश्चित रूप से इसे लेकर सोचना चाहिए।
 
शरद प्रधान मानते कहते हैं, “कुछ सालों पहले तक कांग्रेस वरुण गांधी को पार्टी में शामिल करने के पक्ष में थी ही नहीं क्योंकि ये डर था कि वो राहुल गांधी पर भारी पड़ सकते हैं। लेकिन भारत जोड़ो यात्रा के बाद राहुल गांधी का आत्मविश्वास तो बढ़ा ही है उनकी छवि भी काफ़ी मज़बूत हुई है, तो अब कांग्रेस उन्हें पार्टी में लेने को लेकर सोच सकती है लेकिन अगर वरुण गांधी को कांग्रेस में शामिल भी कर लिया जाए तो उन्हें कोई बहुत महत्वपूर्ण पद मिल जाए ऐसा नहीं लगता।”
 
हालंकि वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सिंह मानते हैं कि वरुण गांधी कांग्रेस में आएँगे या नहीं ये फ़ैसला सिर्फ़ गांधी परिवार का ही होगा, और इसके आसार बहुत कम है कि सोनिया गांधी इसके लिए कभी रज़ामंद हों।
 
'2024 में वरुण गांधी का टिकट कटना तय'
जानकार मानते हैं कि साल 2024 में वरुण गांधी को बीजेपी टिकट नहीं देने वाली है। वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सिंह कहते हैं, “वरुण गांधी के भीतर अहंकार बहुत हैं, वो एनटाइटलमेंट से भरे हुए हैं। लेकिन उनकी समस्या ये है कि कांग्रेस उनको लेगी नहीं और बीजेपी से उनका टिकट कटना तय है। ऐसे में बहुत मुश्किल है कि 2024 के बाद वो संसद में पहुँच पाएँ।”
 
शरद प्रधान ये तो मानते हैं कि 2024 में बीजेपी वरुण गांधी को टिकट नहीं देगी लेकिन वो कहते हैं कि वरुण निर्दलीय चुनाव जीतने की क्षमता रखते हैं।
 
हालांकि प्रदीप सिंह इस संभावना को ख़ारिज करते हुए कहते हैं, “सुल्तानपुर से उन्हें जिताने में बीजेपी को पापड़ बेलने पड़े। उन्हें सुरक्षित सीट पीलीभीत दी गई ऐसे में वो अपने दम पर चुनाव जीत लेंगे ये होता नहीं दिखता।”
 
योगी और वरुण गांधी के बीच कैसे हैं रिश्ते
माना जाता है कि वरुण गांधी साल 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले ख़ुद को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार मानते थे।
 
लेकिन जब बीजेपी को राज्य में बहुमत मिला, तो जो दो नाम सामने आए वो थे मनोज सिन्हा और योगी आदित्यनाथ। वरुण गांधी का नाम दावेदारी की लिस्ट में भी नहीं था।
 
प्रदीप सिंह कहते हैं, “साल 2017 से पहले इलाहाबाद में बीजेपी की बैठक थी और इसमें वरुण गांधी सीएम पद का चेहरा हैं, इसके संकेत देते हुए पोस्टर लगाए गए। ये बात बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व को पसंद नहीं आई। इसके बाद वरुण गांधी को जनरल सेक्रेटरी के पद से हाटाया गया, राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटाया गया। इसके बावजूद वरुण गांधी लगातार ऐसे बयान देते आ रहे हैं जो पार्टी की लाइन से अलग है। योगी आदित्यनाथ और वरुण गाँधी के बीच कोई व्यक्तिगत मसला तो नहीं है, लेकिन ये मनमुटाव सीएम पद की कुर्सी को लेकर है।”
 
शरद प्रधान कहते हैं कि आज तक योगी आदित्यनाथ और वरुण गांधी के बीच शिष्टाचार मुलाक़ात की कोई तस्वीर नहीं सामने नहीं आई है।
 
“आम तौर पर राज्य के सीएम से सांसद मिलने जाते हैं लेकिन ऐसी कोई मुलाक़ात दोनों के बीच नहीं हुई। हालात ऐसे हैं कि वरुण गांधी बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से तो साइडलाइन कर ही दिए गए हैं, राज्य इकाई में भी उनकी कोई पूछ नहीं है ।”
 
एक क़िस्सा याद करते हुए प्रधान बताते हैं कि एक बार मैंने वरुण गांधी से पूछा था कि आपको बीजेपी जगह क्यों नहीं देती?
 
इस सवाल पर उन्होंने मुझसे कहा था- वो (बीजेपी नेतृत्व) नहीं चाहते कि उन्हें ये सुनना पड़े कि बीजेपी को गांधी का सहारा लेना पड़ा।

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

ग्रीस बनेगा भारत के लिए यूरोप का प्रवेश द्वार