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क्या शादीशुदा लोग ज़्यादा खुश होते हैं?

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, शुक्रवार, 21 दिसंबर 2018 (11:22 IST)
- मार्था हैनरिक्स
अगर आप ज़िंदगी के उस मोड़ पर हैं जब आपको अपनी ज़िंदगी में किसी को शामिल करना चाहते हैं तो ये संभव है कि आप नीचे लिखे सवालों से जूझ रहे हों।
 
 
*ऑनलाइन डेटिंग आपको ज़्यादा आकर्षक दिखा सकती है?
*क्या अपने साथी के अनुरूप होना ठीक होता है...?
*क्या शादीशुदा लोग ज़्यादा ख़ुश होते हैं?
*क्या सिर्फ़ एक साथी से जीवन भर साथ निभाने का वादा आपके लिए सबसे बेहतर है?.
 
 
इन सवालों के जवाब आपके लिए चौंकाने वाले हो सकते हैं। बीबीसी ने एक रिसर्च के आधार पर इन सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश की। डिज़िटल दुनिया में ऑनलाइन डेटिंग का चलन बहुत बढ़ गया है। आज लोग इंटरनेट पर पार्टनर तलाशने पर ज़ोर दे रहे हैं।
 
 
लेकिन, लाखों लोगों के बीच ख़ुद का अपना मिज़ाज आपके लिए भी डराने वाला हो सकता है। पर, परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। आप जब भी कोई नई तस्वीर देखते हैं, तो, वो पिछली तस्वीर से बेहतर नज़र आती है। यानी, ख़ूबसूरती को लेकर हमारी सोच पैदाइशी नहीं, बल्कि वक़्ती होती है। डेटिंग ऐप पर हर पल बदलती तस्वीरों के हिसाब से हमारा ख़ूबसूरती का पैमाना बदलता जाता है।
 
 
तो, अगर आपको तमाम ख़ूबसूरत लोगों के प्रोफ़ाइल देखकर हीनभावना हो रही है, तो उसे दिल से निकाल दें। ये बातें वक़्ती हैं, स्थायी नहीं। अक्सर तो एक झटके में ही लोग किसी तस्वीर पर फिदा हो जाते हैं। तो, ये मौक़ा आप के लिए भी अचानक आ सकता है।
 
 
हम जिन चेहरों को कम से कम देखते हैं, वो ही हमें ज़्यादा आकर्षक लगते हैं। मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि हम जिस चेहरे को सरसरी नज़र से देखकर आगे बढ़ जाते हैं, कई बार उन्हें दोबारा देखने का दिल करता है। इसके पीछे का मनोविज्ञान ये है कि कहीं हम अपने संभावित साथी को मिस न कर दें।
 
 
विपरीत मिज़ाज का शख़्स
कुछ ख़ास आदतें होती हैं, जो दोनों साथियों में हों तो अच्छा माना जाता है। लेकिन, ये सोच कि आपका मिज़ाज आपके साथी के विपरीत हो तो ज़्यादा ठीक है, ग़लत है। बहुत ज़्यादा चिड़-चिड़ करने की आदत किसे पसंद आएगी भला। और इसके मुक़ाबले अगर कोई हामी भरने में देर नहीं लगाता, तो ये आपके लिए फ़ायदेमंद हो सकता है।
 
 
जो लोग ज़्यादा फ़िक्रमंद होते हैं, वो ख़ुद को ख़ारिज किए जाने के डर से परेशान रहते हैं। ऐसे लोगों को अपने मिज़ाज के साथी मिलें, तो उन्हें तसल्ली होती है। रात में देर तक जगने या सुबह जल्दी उठने की आदत अगर दोनों पार्टनर को हो, तो वो भी मज़े की बात हो सकती है। इससे ज़्यादा वक़्त साथ बिताने का मौक़ा मिलेगा।
 
 
इससे दिक़्क़त भी हो सकती है। अब कोई अगर काम के प्रति कुछ ज़्यादा ही समर्पित हो और उसका साथी भी वैसा भी हो, तो बात बिगड़ सकती है। ऐसे में एक साथी अगर बेपरवाह हो तो ज़्यादा पटती है।
 
 
शादी से ख़ुशी बढ़ती है मगर
अगर आप और आपका जीवन साथी एक मिज़ाज के हैं, तो आप शादी कर लेते हैं। लेकिन, इसका आपकी ख़ुशी से कितना ताल्लुक़ है?
 
 
शादियों से हमारे किरदार में स्थायी बदलाव आता है। ये बात रिसर्च से साबित हो चुकी है। जर्मन लोगों पर हुई रिसर्च में पता चला कि शादी के बाद लोगों का खुलापन और बाहर घूमना-फिरना कम हो जाता है। ये शादी-शुदा लोगों के बीच अक्सर देखा जाता है।
 
 
हां, शादी के बाद लोग माफ़ करने में फ़राख़दिल हो जाते हैं। ख़ुद पर क़ाबू करना सीख जाते हैं। लंबे वक़्त तक किसी से मज़बूत रिश्ता बनाए रखने के लिए ये बहुत ज़रूरी ख़ूबियां हैं। शादी के बाद कुछ दिनों तक लोग संतुष्ट और ख़ुश दिखते हैं। मगर ये भाव स्थायी नहीं होता। शादी के कुछ साल बाद ही वो फिर से उसी हालात में पहुंच जाते हैं, जहां शादी से पहले होते हैं।....तो शादी से स्थायी ख़ुशी नहीं मिलती।
 
 
साथी से अलगाव का असर
जो लोग शादी से संतुष्ट होते हैं, वो अलगाव के बाद बड़ा बदलाव दिखाते हैं। तलाक़ के बाद महिलाएं खुले मिज़ाज की हो जाती हैं। वहीं, मर्दों के लिए अलगाव से पार पाना बहुत मुश्किल होता है। वो ज़्यादा सनकी बर्ताव दिखाते हैं। तलाक़ के बाद मर्द हो या औरत, दोनों कम भरोसेमंद रह जाते हैं।
 
 
साथी से अलगाव के बाद आप ख़ुद को कैसे संभालते हैं, ये बात आपके मिज़ाज पर निर्भर करती है। जो लोग बहिर्मुखी होते हैं, वो जल्द ही दूसरी शादी कर लेते हैं। लेकिन, जो सनक जाते हैं, वो तलाक़ के बाद कई लोगों से थोड़े-थोड़े वक़्त का रिश्ता बनाते हैं। यानी स्थायी संबंध बनाने में उन्हें दिक़्क़त होती है।
 
 
रोमांस भरा भविष्य
किसी एक साथी के साथ जीवन बिताना हर समाज में आदर्श माना जाता है। लेकिन, नए ज़माने का चलन एक ही वक़्त में कई लोगों से संबंध का है। ये धोखाधड़ी नहीं है। बल्कि किसी रिश्ते में शामिल लोग एक-दूसरे की रज़ामंदी से एक से अधिक लोगों से रिश्ता बनाकर रखते हैं।
 
 
प्यार के अलावा ऐसे रिश्ते रखने वालों के बीच मज़बूत दोस्ताना ताल्लुक़ होता है। ऐसे लोग ज़्यादा सुरक्षित सेक्स करते हैं। लेकिन, आप एक साथ कई लोगों से रिश्ते में नहीं हैं, तो निराश न हों। ऐसा नहीं है कि आप कोई चीज़ मिस कर रहे हैं। जो लोग एक साथ कई रोमांटिक संबंध रखते हैं, वो ज़्यादा खुले मिज़ाज के होते हैं। वहीं, जो लोग सिर्फ़ एक साथी के प्रति समर्पित होते हैं, वो किसी नुक़सान में नहीं होते। एक साथी के प्रति समर्पण भी आप को उतनी ही ख़ुशी देता है।
 

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