Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

पाकिस्तान : नवाज़ शरीफ़ को आखिर हुआ क्या है?

हमें फॉलो करें पाकिस्तान : नवाज़ शरीफ़ को आखिर हुआ क्या है?

BBC Hindi

, बुधवार, 20 नवंबर 2019 (13:14 IST)
तरहब असग़र (बीबीसी उर्दू संवाददाता)
 
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ इलाज के लिए लंदन चले गए हैं। वो मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में पाकिस्तान की जेल में सज़ा काट रहे थे लेकिन तबीयत बिगड़ने पर लाहौर हाई कोर्ट ने 25 अक्टूबर को मेडिकल आधार पर उन्हें ज़मानत दी थी। क़तर के शाही खानदान की वीआईपी एयर एम्बुलेंस मंगलवार सुबह नवाज़ शरीफ़ को लेने पाकिस्तान के लाहौर शहर पहुंची थी।
 
सुबह क़रीब 10 बजे नवाज़ शरीफ़ को लेकर जहाज़ ने ब्रिटेन के लिए उड़ान भरी। उनका इलाज लंदन में होना है। शरीफ़ अपने भाई शहबाज़, निजी डॉक्टर और 2 नौकरों के साथ ब्रिटेन रवाना हुए। शरीफ़ का परिवार काफी वक्त से मांग कर रहा था कि उन्हें इलाज के लिए विदेश भेजा जाए लेकिन उनकी ये मांग मानी नहीं जा रही थी।
 
दरअसल, नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (नैब) ने नवाज़ शरीफ़ के ख़िलाफ़ 2 मामले दर्ज किए थे। नैब की अदालत ने उनके ख़िलाफ़ फैसला सुनाया था जिसकी वजह से नवाज़ शरीफ़ सज़ा काट रहे थे। इसके बाद नैब ने उन पर एक तीसरा केस दर्ज किया जिसकी वजह से उन्हें जेल से लाहौर स्थित नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो में बुलाया गया।
webdunia
कड़ी कोशिशों के बाद मिली विदेश जाने की इजाज़त
 
इस बीच नवाज़ शरीफ़ के निजी डॉक्टर ने ट्विटर पर लिखा और बार-बार शिकायत की कि हम उनके इलाज के लिए इजाज़त मांग रहे हैं और उन्हें देखना चाहते हैं, क्योंकि उनकी तबीयत ठीक नहीं है। लेकिन जब उन्हें इजाज़त मिली तो ये सामने आया कि नवाज़ शरीफ़ की तबीयत ठीक नहीं है। उसके बाद नवाज़ शरीफ़ को लाहौर के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
 
वहीं करीब 5 से 6 हफ़्तों तक उनका इलाज जारी रहा जिसमें ये बताया गया कि नवाज़ शरीफ़ के प्लेटलेट्स कम हो गए हैं। बताया गया कि उन्हें ऑटो इम्यून डिजीज़ है जिसकी वजह से उनके प्लेटलेट्स में कमी आती है। उन्हें दवाइयां दी गईं, इंजेक्शन भी दिए गए। कभी प्लेटलेट्स बढ़ भी जाते थे, लेकिन बार-बार वो गिर रहे थे।
 
सरकार ने एक मेडिकल बोर्ड बनाया था और उसने इस पूरे मामले में जांच की और कहा कि इनको इसके साथ-साथ और बहुत सारी बीमारियां हैं जिनमें इनको दिल की बीमारी भी है, शुगर है, किडनी के भी मसले हैं इसलिए डॉक्टर्स के लिए ये पता लगाना बहुत मुश्किल हो रहा था कि प्लेटलेट्स कम होने की असली वजह क्या है?
 
बीमारी का असल कारण?
 
कहा गया कि ऐसी भी कुछ समस्या हो सकती थी जिसके टेस्ट पाकिस्तान में नहीं होते हैं। इस वजह से सरकारी मेडिकल बोर्ड ने रेफर किया कि ये लंदन जाकर अपना इलाज कराएं। फिर नवाज़ शरीफ़ के भाई शहबाज़ शरीफ़ ने पाकिस्तान की सरकार से उन्हें विदेश जाकर इलाज करवाने देने की इजाज़त मांगी, क्योंकि नवाज़ शरीफ़ का नाम ईसील यानी एक्ज़िट कंट्रोल लिस्ट में शामिल है। इस लिस्ट में नाम होने की वजह से नवाज़ शरीफ़ देश छोड़कर नहीं जा सकते थे।
 
लेकिन पाकिस्तान की सरकार ने कहा कि ये कोर्ट का मामला है, इसलिए पहले वो कोई अथॉरिटी बॉन्ड दें। सरकार ने उनसे कहा कि अगर आप 7 अरब रुपए गारंटी के तौर पर रखवाते हैं कि आप मुल्क में वापस आएंगे और अपने ख़िलाफ़ लगे मामलों का सामना करेंगे, तो हम आपको एक बार इजाज़त दे देते हैं।
 
लेकिन नवाज़ शरीफ़ की पीएलएमएन पार्टी और खुद नवाज़ शरीफ़ ने इसे मानने से इंकार कर दिया और उन्होंने अदालत का दरवाज़ा खटखटाया। उन्होंने लाहौर हाईकोर्ट में अपील दायर की, उस पर सुनवाई के बाद जजों ने ये फ़ैसला दिया कि नवाज़ शरीफ़ को 4 हफ़्तों के लिए एक बार जाने की इजाज़त दी जाएगी। उस इजाज़त के बूते नवाज़ शरीफ़ पाकिस्तान से लंदन अपना इलाज कराने के लिए गए हैं।
 
चार हफ़्ते में इलाज पूरा न हुआ तो?
 
पीएलएमएन पार्टी के नेताओं के मुताबिक अदालत ने कहा है कि अगर इलाज के लिए इस 4 हफ़्ते की मियाद को बढ़ाना पड़ तो हम अपील दायर करके पूरी प्रक्रिया के साथ इस समयावधि को बढ़वा सकते हैं। इसके लिए उनकी मेडिकल रिपोर्ट्स अदालत में जमा करवानी होगी, डॉक्टर ने जो कहा है, वो अदालत को बताना होगा, इसके बाद इजाज़त मिल सकती है।
 
पार्टी नेताओं के मुताबिक नवाज़ शरीफ़ की गैरमौजूदगी में पार्टी का काम वैसे ही चलता रहेगा और ज़रूरत पड़ने पर फोन के ज़रिए नवाज़ शरीफ़ और शहबाज़ शरीफ़ से बातचीत की जाएगी। नवाज़ शरीफ़ की बेटी मरियम नवाज़ पाकिस्तान में ही हैं, हालांकि वो अभी भी नैब के मामलों का सामना कर रही हैं। फिलहाल वो ज़मानत पर बाहर हैं। अभी वो सियासी मामलों में कुछ बोल नहीं रही हैं। हालांकि पार्टी नेताओं का कहना है कि मरियम मौजूद हैं और ज़रूरत पड़ने पर लंदन फ़ोन के ज़रिए बात की जाएगी। इसके अलावा पार्टी का सिस्टम पहले जैसे ही चलता रहेगा।
 
नवाज़ कभी देश वापस न लौटे तो?
 
सत्ताधारी पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ़ की ओर से बार-बार कहा जा रहा था कि अगर नवाज़ शरीफ़ इलाज के बाद वापस नहीं आते तो वो कोर्ट के प्रति जवाबदेह होंगे। उनका कहना है कि अगर नवाज़ शरीफ़ ऐसा करते हैं तो उनके ख़िलाफ़ अदालत की अवमानना के तहत कार्रवाई होनी चाहिए।
 
लेकिन नवाज़ शरीफ़ की पार्टी के लोग बार-बार यही कह रहे हैं कि वो कोर्ट के कहे अनुसार ही सबकुछ करेंगे, ज़रूरत भी पड़ी तो कोर्ट से क़ानून प्रक्रिया के तहत ही आगे बढ़ेंगे। पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान ख़ान भी कह चुके हैं कि नवाज़ शरीफ़ की बीमारी पर सियासत नहीं करेंगे, लेकिन उन्हें अपने ख़िलाफ़ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करना पड़ेगा।

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

फ़ातिमा लतीफ़ : क्या जाति, धर्म के कारण हो रही हैं आईआईटी में आत्महत्याएं?