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पाकिस्तान में इतने गधे क्यों बढ़ रहे हैं?

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, शुक्रवार, 27 अप्रैल 2018 (14:28 IST)
पाकिस्तान ने साल 2017-18 के आर्थिक सर्वेक्षण के नतीजे जारी कर दिए हैं। गुरुवार को वित्त मामलों पर प्रधानमंत्री के सलाहकार मिफ्ताह इस्माइल और योजना और विकास मंत्री अहसान इक़बाल में इस्लामाबाद में एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में 2017-18 के लिए पाकिस्तान का आर्थिक सर्वेक्षण जारी किया।
 
अहसान इक़बाल ने कहा कि देश की विकास दर अब 5.8 फीसदी हो गई है जो बीते 13 सालों में सबसे अधिक है। उनका कहना था कि सरकार की आर्थिक नीतियों से देश को फायदा पहुंचा है और वो विकास से रास्ते आगे बढ़ रहा है। 
 
इस रिपोर्ट में दिए आंकड़ों के अनुसार बीते एक साल में देश में जानवरों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। रिपोर्ट के अनुसार बीते साल देश में जहां बकरियों की संख्या में करीब 2 लाख बढ़ी है वहीं भेड़ों की संख्या क़रीब 40,000 बढ़ी है और गधों की संख्या में एक लाख का इजाफ़ा हुआ है।
 
2015-16 के दौरान गधों की संख्या 51 लाख थी, वहीं 2016-17 में ये संख्या बढ़कर 52 लाख और 2017-18 में इनकी संख्या बढ़कर 53 लाख हो गई है।
 
पाकिस्तान में जानवरों की अनुमानित संख्या
जानवर 2015-16 2016-17 2017-18
भैंस 366 लाख 377 लाख 388 लाख
भेड़ 298 लाख 301 लाख 305 लाख
बकरी 703 लाख 722 लाख 741 लाख
ऊंट 10 लाख 11 लाख 11 लाख
घोड़े 4 लाख 4 लाख 4 लाख
गधे 51 लाख 52 लाख 53 लाख
 
पाकिस्तान में करीब 80 लाख परिवार पशुपालन के काम में लगे हुए हैं जिनकी आय का 35 फीसदी हिस्सा इसी काम से आता है। पाकिस्तान सरकार के अनुसार ये ना केवल नकद कमाई का ज़रिया है बल्कि ये ग्रामीण इलाकों में ग़रीबी हटाने और विदेशी मुद्रा कमाने का भी अहम ज़रिया है।
 
रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान से होने वाले निर्यात का बड़ा हिस्सा जिन 10 देशों में जाता है वो हैं- अमेरिका, चीन, संयुक्त अरब अमीरात, अफ़ग़ानिस्तान, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, बांगलादेश, इटली और स्पेन। बीते साल में चीन के साथ होने वाले पाकिस्तान के निर्यात में कमी आई है। जहां वित्त वर्ष 2015 में ये नौ फीसदी था 2018 में ये सात फीसदी ही रह गया है।
 
चीन जाते हैं पाकिस्तान के गधे
पाकिस्तान ने 2017 में देश में 'गधा विकास कार्यक्रम' में अरबों रुपए का निवेश किया है। ये निवेश ख़ैबर-पख़्तूनख़्वाह में चीन के निवेशकों को आकर्षित करने के लिए किया गया है।
 
पाकिस्तान पंजाब की एक रिपोर्ट के अनुसार गधे के निर्यात से मिलने वाली आय का सकल राष्ट्रीय उत्पाद का अहम हिस्सा है। बताया है कि चीन में गधों की खाल काफी उपयोगी मानी जाती है और इसका इस्तेमाल हेल्थ फ़ूड और पारंपरिक दवा बनाने में किया जाता है।
 
गधे की खाल से जिलेटिन बनता है जिसे चीन में इजीयो भी कहते हैं। पुराने समय से इसका उपयोग ब्लड सर्कुलेशन बेहतर बनाने वाली चीनी दवाई के तौर पर किया जाता है। गधे के मांस की भी चीन में काफी मांग है, लेकिन हाल के सालों में इनकी आबादी में आई बड़ी गिरावट और सुस्त प्रजनन क्षमता के कारण आपूर्तिकर्ताओं को अन्य विकल्प तलाशने पर विवश कर दिया था।
 
जानवरों के अधिकारों पर काम करने वाली संस्था पेटा के अनुसार चीन में 5 महीने तक के गधों को मार कर उनकी खाल दवा कंपनियों को बेच दी जाती है। पेटा के अनुसार इसके लिए गधे के सिर पर हथौड़े से मारा जाता है जिसके बाद उसके शरीर का ख़ून निकाला जाता है। गधे की खाल को उबाल कर दवाई बनाई जाती है।

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