Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

'इस्लामी क़ानून में वैध है किन्नरों की शादी'

Advertiesment
हमें फॉलो करें 'इस्लामी क़ानून में वैध है किन्नरों की शादी'
, सोमवार, 27 जून 2016 (16:37 IST)
पाकिस्तान पंजाब की राजधानी लाहौर के 50 से अधिक मुफ़्तियों ने फतवा दिया है कि किन्नरों का निकाह इस्लामी क़ानून के मुताबिक़ वैध है। यह फतवा संगठन इत्तेहाद-ए-उम्मत पाकिस्तान की अपील पर जारी किया गया है। संगठन के प्रमुख ज़िया उल हक़ नक्शबंदी के मुताबिक़ 50 से अधिक मुफ़्तियों ने फतवा दिया है कि 'ऐसे किन्नर जिनमें शारीरिक रूप से पुरुषों के अंग हैं, उनका ऐसे खोजे से निकाह जायज़ है जिसमें स्त्री के अंग मौजूद हों।'
फतवे के मुताबिक़ स्पष्ट अंग वाले किन्नर आम आदमी और औरत भी शादी कर सकते हैं। मुफ़्तियों ने यह स्पष्ट किया है कि जिन किन्नरों में पुरुष और महिला दोनों के अंग हैं, उनका निकाह जायज़ नहीं है। मुफ़्तियों ने फतवे के माध्यम से सरकार से अपील की है कि किन्नरों के अधिकार का पूरा ध्यान रखा जाए क्योंकि यह सरकार की ज़िम्मेदारी है। 
 
फतवे में कहा गया कि किन्नरों के अधिकार के लिए उलेमाओं की निगरानी में क़ानून बनाया जाए। फतवे में मांग की गई है कि इस्लामी क़ानून के मुताबिक़ किन्नरों का जायजाद में हिस्सा है। उन्होंने सिफ़ारिश की है कि ऐसे माता-पिता के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाए जो किन्नर बच्चों को संपत्ति से बेदखल करते हैं।
 
मुफ़्तियों ने ट्रांससेक्सुअल का मजाक उड़ाने और उन पर व्यंग्य करने पर इस्लामी क़ानून के मुताबिक़ पांबदी लगाई है। फतवे में सरकार से मांग की गई है कि किन्नरों को पहचान-पत्र जारी किए जाएं ताकि उन्हें पहचान मिले और वो भी अन्य पाकिस्तानी नागरिकों की तरह नौकरी, व्यापार और सामाजिक गतिविधियों में भाग ले सकें। पाकिस्तान के प्रांत खैबर पख्तूनख्वाह की सरकार ने अपने सालाना बजट में किन्नरों के विकास के लिए 20 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं।

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

आपातकाल एक क्रूर शिक्षक, सिखाए पांच सबक