Biodata Maker

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

लोकसभा चुनाव 2019: उत्तर प्रदेश: प्रियंका गांधी की गंगा यात्रा बदलेगी कांग्रेस की तकदीर?

Advertiesment
हमें फॉलो करें Lok Sabha Elections 2019
, शनिवार, 16 मार्च 2019 (11:19 IST)
- समीरात्मज मिश्र (लखनऊ से)
 
कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी अपने चुनावी अभियान की शुरुआत गांधी परिवार के पैतृक शहर प्रयागराज यानी इलाहाबाद से करेंगी। 18 मार्च से 20 मार्च तक वो प्रयागराज से वाराणसी के बीच गंगा नदी में जलमार्ग से यात्रा करेंगी और इस दौरान उनके जनसंपर्क और कई अन्य कार्यक्रम रखे गए हैं।
 
 
प्रियंका गांधी के इस दौरे को लेकर कांग्रेस पार्टी ख़ासी उत्साहित है। पार्टी को लगता है कि ये यात्रा चुनावी अभियान को गति देगी और संगठन को मजबूत करेगी। इसके जरिए पार्टी नए वोटरों को भी साथ ला सकती है।
 
 
कांग्रेस के लिए इस दौरे के सांस्कृतिक मायने भी हैं। प्रयागराज में गंगा-यमुना का संगम है। ये शहर नेहरू-गांधी परिवार की विरासत की कहानी भी सुनाता है। हालांकि, बीते कई बरसों से पार्टी की पकड़ यहां कमजोर हुई है।
 
 
प्रियंका गांधी की राजनीति में एंट्री के बाद से ही कांग्रेस कार्यकर्ता उनसे फूलपुर सीट से चुनाव लड़ने की मांग करते रहे हैं। कभी देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू संसद में इस सीट का प्रतिनिधित्व करते थे। वहीं, वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीट है। कांग्रेस नेताओं का दावा है कि पार्टी के नेताओं में प्रियंका गांधी ही हैं जो मीडिया कवरेज और लोगों के बीच उत्सुकता जगाने में प्रधानमंत्री मोदी को टक्कर दे सकती हैं।
 
 
यही वजह से है कि उनके इस दौरे का कार्यक्रम बहुत सोच समझकर तय किया गया है। इसमें गंगा, प्रयागराज और वाराणसी को जोड़ा गया है। बीते कई बरसों से भारतीय जनता पार्टी ऐसे सांस्कृतिक प्रतीकों के जरिए वोटरों के साथ भावनात्मक संपर्क बनाने का प्रयास करती रही है। प्रियंका के जरिए कांग्रेस इस मोर्चे पर भी बीजेपी को टक्कर देने की कोशिश में है।
 
 
काशी के अस्सी घाट पर कार्यक्रम
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखक प्रियंका के प्रयागराज से वाराणसी तक नदी मार्ग से मोटरबोट से यात्रा की अनुमति मांगी थी। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता ज़ीशान हैदर ने बीबीसी को बताया, "प्रियंका गांधी अपनी तीन दिवसीय इस यात्रा में करीब 140 किलोमीटर की दूरी तय करेंगी और इस दौरान विभिन्न स्थानों पर वह कार्यकर्ताओं और समाज के अलग-अलग वर्गों के लोगों से मुलाकात करेंगी।"
 
 
कार्यक्रम के आख़िरी दिन यानी 20 मार्च को वाराणसी के अस्सी घाट पर एक स्वागत समारोह भी रखा गया है और दिल्ली रवाना होने से पहले वो काशी विश्वनाथ के दर्शन भी करेंगी। प्रदेश कांग्रेस की कमेटी की ओर से भेजे गए कार्यक्रम के मुताबिक़, प्रियंका गांधी अपनी यात्रा संगम तट से 18 मार्च की सुबह शुरू करेंगी। इस दौरान वो जनसंपर्क के अलावा रास्ते में पड़ने वाले मंदिरों में दर्शन करेंगी और मज़ारों में भी मत्था टेकेंगी।
 
 
ज़ीशान हैदर के मुताबिक, "यह यात्रा गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतीक है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं, सामाजिक संगठनों और समाज के अन्य लोगों से मिलने के अलावा धार्मिक स्थलों पर भी जाएंगी। इस दौरान कई जगह उनके स्वागत कार्यक्रम भी रखे गए हैं।"
 
 
प्रियंका गांधी ने महासचिव का पदभार संभालने के बाद 11 फ़रवरी को लखनऊ आई थीं और रोड शो करने के बाद चार दिन तक कार्यकर्ताओं से मुलाक़ात की थी। 14 फ़रवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ़ काफ़िले पर हुए चरमपंथी हमले की वजह से उन्होंने अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस स्थगित कर दी थी। उसके बाद उनका अब चुनावी दौरे का कार्यक्रम बना है।
 
 
इसके बाद प्रियंका गांधी कुछ दिन मीडिया की सुर्खियों से दूर रहीं। कांग्रेस की मंगलवार को अहमदाबाद में हुई कार्यसमिति की बैठक में प्रियंका ने हिस्सा लिया और वो दोबारा सक्रिय होती दिखीं। उसी दिन हुई पार्टी की रैली में प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी का नाम लिए बिना उन पर तीखा हमला बोला। प्रियंका ने भाषण तो सिर्फ़ सात मिनट दिया लेकिन उन्होंने जो कुछ कहा, टीवी चैनलों ने उसे बार-बार दिखाया।
 
 
अगले ही दिन प्रियंका गांधी मेरठ में थीं। वो भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर रावण से मिलने अस्पताल पहुंचीं थी। इस मुलाकात ने भी राजनीतिक हलचल पैदा की और अब प्रियंका ने प्रचार का नया तरीका आजमाने का इरादा बनाया है।
 
 
ऐसा माना जा रहा था कि कुंभ के दौरान राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी संगम स्नान के लिए आ सकते हैं लेकिन तब उनका ये कार्यक्रम नहीं बन सका। लेकिन ये संभावना प्रबल थी कि प्रियंका गांधी चुनावी अभियान की शुरुआत प्रयागराज से कर सकती हैं क्योंकि ये शहर गांधी-नेहरू परिवार का पैतृक शहर भी है और एक समय में कांग्रेस की राजनीति का गढ़ भी हुआ करता था।
 
 
कांग्रेस को मिलेगा फ़ायदा
इलाहाबाद के वरिष्ठ कांग्रेस नेता अभय अवस्थी बताते हैं कि ये शायद पहला मौक़ा हो जबकि कोई नेता जलमार्ग से चुनावी अभियान पर निकला हो। जानकारों के मुताबिक, चुनाव का यह तरीक़ा प्रियंका गांधी को चर्चा में तो लाएगा ही, नदियों के किनारे बसने वाले कुछ पारंपरिक सामाजिक वर्गों से भी जनसंपर्क का पार्टी को राजनीतिक लाभ मिल सकता है। क्योंकि नदियों किनारे निषाद और मल्लाह जैसी कई पिछड़ी जातियां बड़ी संख्या में निवास करती हैं।
 
 
हालांकि इस संबंध में एक बात ये भी उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद से वाराणसी तक गंगा नदी में परिवहन के लिए अभी तक नाव और स्टीमर का प्रयोग नहीं हो रहा था। कुंभ के दौरान इसकी शुरुआत हुई है और इसे व्यावसायिक उपयोग के लिए भी खोला जा रहा है।
 
 
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने अकेले चुनाव लड़ने का फ़ैसला किया है और वो राज्य की सभी अस्सी लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। पार्टी ने उम्मीदवारों की एक सूची भी जारी कर दी है और माना जा रहा है कि कुछेक छोटे दलों के साथ आने वाले दिनों में वो गठबंधन भी कर सकती है।
 
 
प्रियंका गांधी को पूर्वी उत्तर प्रदेश और ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड के इलाक़ों का कांग्रेस पार्टी ने पिछले दिनों प्रभारी बनाया है।
 

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

भारत की वर्तमान राजनीति का सबसे बड़ा चाणक्य कौन है?