डेविड ब्राउन, बीबीसी न्यूज़
रूस लगातार ये कह रहा है कि यूक्रेन पर हमला करने की उसकी कोई योजना नहीं है, लेकिन अमेरिका और ब्रिटेन का कहना है कि रूस "किसी भी वक़्त" यूक्रेन पर हमला कर सकता है।
शनिवार को ब्रितानी प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बीबीसी से कहा कि सभी सबूत ये संकेत दे रहे हैं कि रूस यूरोप में "1945 के बाद सबसे बड़ी जंग" की तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि सारे संकेत ये हैं कि कुछ मायनों में रूस ने अपनी इस तैयारी को अंजाम देना भी शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि सब देख सकते हैं कि हमले के लिए रूस के पास संभावित रास्ते क्या हो सकते हैं।"
अमरीकी सरकार की ओर से जारी किए ताज़ा अनुमान के अनुसार यूक्रेन की सीमा पर अब तकरीबन 1 लाख 69 हज़ार से 1 लाख 90 के बीच रूसी सैनिक तैनात हैं। ये सैनिक रूस और पड़ोसी देश बेलारूस में मौजूद हैं। लेकिन इनमें पूर्वी यूक्रेन के विद्रोही गुट के लोग भी शामिल हैं।
सैन्य विश्लेषक भी इस बात से सहमत हैं कि यूक्रेन की सीमा के पास लगभग डेढ़ लाख सैनिकों की तैनाती के बाद रूस के पास हमला करने के लिए कई विकल्प हैं।
बेलारूस का विकल्प
अमरीका के सीएनए रिसर्च ऑर्नाइज़ेशन के माइकल कॉफ़मैन के मुताबिक, अगर रूस का लक्ष्य यूक्रेन की पूरी सत्ता को बदलना है, तो उत्तर से आक्रमण की संभावना सबसे ज़्यादा हो सकती है।
संयुक्त सैन्य अभ्यास के लिए रूस ने बेलारूस में अपने 30 हज़ार सैनिक तैनात किए हुए हैं। इन सैनिकों के पास छोटी दूरी की मिसाइल इस्कांदर और बड़ी संख्या में रॉकेट लॉन्चर हैं। इसके अलावा इन सैनिकों के पास Su-25 ग्राउंड अटैक एयरक्राफ़्ट और Su-35 लड़ाकू विमान भी हैं।
कॉफ़मैन कहते हैं, "पूर्वी इलाके में, रूसी क्षेत्र के अंदर मॉस्को की सेना की पूरी 41वीं बटालियन सीमा पर प्रतीक्षा कर रही है।"
बेलारूस के रास्ते कीव की ओर बढ़ने से चर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र के पास अपवर्जन क्षेत्र में जाने से भी बचा जा सकता है।
सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक ऐंड इंटरनेशनल स्टडीज़ के सेथ जोन्स के मुताबिक, रूस की ओर से बात करें तो वे अपने सैनिकों को नोव्ये युरकोविची और त्रोयबोर्तनो से आगे बढ़ा सकता है।
क्राइमिया वाला रास्ता
इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज़ के बेन बैरी के मुताबिक, अगर रूस ने आक्रमण किया तो ये "लगभग निश्चित" है कि वो क्राइमिया के रास्ते करे।
बेन बेरी के अनुसार, अगर ज़मीन पर युद्ध हुआ इसमें ताकतवर सैन्य टुकड़ियां शामिल होंगी जो मारक हथियारों की मदद लेंगी और तेज़ी से यूक्रेन के भीतर तक पहुंचने की कोशिश करेंगी। उन्होंने कहा कि क्राइमिया के रास्ते यदि रूस कीव की ओर बढ़ता है को इससे बड़ी संख्या में यूक्रेनी सैनिक नाइपर नदी के पूर्व में फंस सकते हैं।
पश्चिम, पूर्व, उत्तर और क्राइमिया में रूसी सैनिक होने की वजह से यूक्रेनी सैनिक हर ओर से घिर जाएंगे। रूसी सैनिक संभवतः पश्चिम में खरसोन और ओडेसा और पूर्व में मेलिटोपोल और मेरियोपोल पर कब्ज़ा करने की कोशिश करेंगे। इससे क्राइमिया और रूसी अलगाववादियों द्वारा नियंत्रित इलाकों के बीच आवाजाही सुगम हो जाएगी।
यदि रूस हमला करता है तो वो वर्तमान में काले सागर में मौजूद अपने नौसेना बल को भी शामिल कर सकता है। यहां मौजूद रूसी जहाज़ सैनिकों, बख्तरबंद वाहनों और युद्धक टैंकों को तैनात करने में सक्षम हैं।
पूर्व से हमला
रूस समर्थित विद्रोहियों ने वर्ष 2014 में दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों, लुहांस्क और दोनेत्स्क पर कब्ज़ा कर लिया था। अनुमान के मुताबिक़, लुहांस्क और दोनेत्स्क में करीब 15 हज़ार अलगाववादी हैं जो हमले की स्थिति में रूस की मदद कर सकते हैं। यूक्रेन के अनुसार, विद्रोहियों की संख्या इससे ज़्यादा है।
रूस ने पहले ही रोस्तोव क्षेत्र में स्थायी तौर पर अपने 10 हज़ार सैनिकों को तैनात किया हुआ है और इनकी संख्या हाल ही में बढ़ी भी है। अगर रूस पूर्व से हमला करता है तो ये संभव है कि सैनिक क्राइमिया की ओर बढ़ें, और यूक्रेन के दक्षिण-पूर्वी तट के साथ एक रास्ता बना सकते हैं।
रूसी सैनिक बेलगोरोद से कारकीव और करमेन्चुक की ओर भी जा सकते हैं। विद्रोहियों के कब्ज़े वाले इलाके में रूस के समर्थकों को सुरक्षित रखने के मकसद से पूर्व से हमला किया जा सकता है।
विश्लेषकों का कहना है कि रूस की ओर से किए जाने वाले किसी भी आक्रमण के लिए कई विकल्प हैं। इसके साथ ही वो साइबर हमले, दुष्प्रचार और मिसाइल हमलों को भी शामिल कर सकता है।
विश्लेषक कहते हैं कि रूस के पास एक सबसे सीमित विकल्प ये भी है कि वो यूक्रेन पर कब्ज़ा किए बिना बड़े साइबर हमलों के ज़रिए उसके बुनियादी ढांचे को पंगु बना दे।
कॉफ़मैन के अनुसार, आख़िर में किसी भी हमले की सटीक जानकारी मॉस्को के राजनीतिक लक्ष्यों पर निर्भर करती हैं। और ये अभी तक अस्पष्ट है।