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'संतों के साथ सेक्स नहीं मंज़ूर'

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, बुधवार, 22 फ़रवरी 2017 (18:49 IST)
उत्तरी मॉस्को के एक अंधेरे फ़िल्म स्टूडियो में एक अभिनेत्री पागल की तरह भाग रही है। उसकी भावनाएं बेकाबू हैं। आंखें फटी और सांस फूल रही है। वह ज़ोर से चीख़ती है। माइक्रोफोन के ज़रिए भावुक पंक्तियां बोल रही है।
वह रूस के आख़िरी ज़ार पर बन रही फ़िल्म में मुख्य महिला किरदार निभा रही हैं। इस फ़िल्म को रूस के जाने-माने निर्देशक अलेक्सी उचितो बना रहे हैं। अलेक्सी पास की गैलरी में अभिनेत्री के अभिनय की निगरानी कर रहे हैं। जब तक अलेक्सी संतुष्ट नहीं हो जाते हैं तब तक अभिनेत्री लाइनें दोहराती रहती हैं।
 
फ़िल्म का नाम 'मटिल्डा' है। इस फ़िल्म के रिलीज होने से पहले विवाद पैदा हो गया है। यहां के रूढ़िवादी इस फ़िल्म पर कड़ी आपत्ति जता रहे हैं। इनका कहना है कि यह फ़िल्म ईश निंदा के दायरे में है। इन्होंने इसी तर्क के आधार पर फ़िल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
 
यहां तक कि अतिवादियों के एक समूह ने सिनेमाघरों को सैकड़ों पत्र भेजे हैं। इन्होंने चिट्ठियों के ज़रिए धमकी दी है कि यदि इस फ़िल्म को प्रदर्शित करने का साहस दिखाया तो थियेटर में आग लगा दी जाएगी। रूस के एक प्रवक्ता ने इसे अस्वीकार्य बताया है। पुलिस को फ़िल्म के निर्देशक अलेक्सी की जांच करने के लिए कहा गया है।
 
'मटिल्डा' को लेकर कट्टरपंथियों का कला पर यह सबसे ताज़ा हमला है। रूस में इस तरह का प्रचलन बढ़ रहा है। कला से जुड़े सीनियर हस्तियों ने चेतावनी दी है कि रूस फिर से पुराने दौर में लौट रहा है जहां पाबंदी जैसी चीज़ें काफी लोकप्रिय थीं।
 
'आप संत को छू नहीं सकते' 
यह फ़िल्म रूस के आख़िरी ज़ार और डांसर 'मटिल्डा' की प्रेम कहानी पर आधारित है। यह कहानी निकोलस की शादी और सिंहासन पर काबिज होने से पहले की है। इंपीरियल बैले स्कूल से ग्रैजुएशन प्रस्तुति के बाद इनकी मुलाक़ात हुई थी। इस डांसर ने ख़ुद ही लिखा था कि पहली नज़र में ही दोनों एक दूसरे को भा गए थे।
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लेकिन 2000 में निकोलस II को रूढ़िवादी चर्च ने संत घोषित कर दिया। ऐसे में फ़िल्म का विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि निकोलस के निजी जीवन की चीज़ों को बाहर लाना उनका अपमान होगा।
 
'मटिल्डा' की रिलीज रोकने के लिए कैंपेन चला रहीं रूसी युवा सांसद नतालिया ने कहा, ''आप संत को छू नहीं सकते। आप यह नहीं दिखा सकते कि वह सेक्स कर रहे हैं क्योंकि इससे धर्मावलंबियों की आस्था पर चोट पहुंचेगी। नतालिया का ऑफिस आख़िरी ज़ार के पोस्टर से सजा है। नतालिया के ऑफिस में शिकायतों का अंबार लग रहा है। हर दिन फ़िल्म को रोकने के लिए शिकायतों की तादाद बढ़ती जा रही है।
 
नतालिया ने कहा, ''यह कोई सेंसरशिप नहीं है। यह लोगों के अधिकारों के उल्लंघन का मामला है। वह फ़िल्म को बैन करने की अपनी मांग का बचाव कर रही हैं। उन्होंने कहा कि कला की स्वतंत्रता की भी एक सीमा है। आप दूसरों के अधिकारों का हनन नहीं कर सकते।
 
हालांकि पिछले साल भी कट्टरवादी कार्यकर्ताओं ने एक म्यूज़िक कार्यक्रम को बंद करवा दिया था। इससे पहले एक ओपेरा को बैन कर दिया गया था और इसके निर्देशक को बर्ख़ास्त कर दिया गया था।
 
एक ग्रुप ख़ुद को 'ईसाई स्टेट' और 'होली रूस' कहता है और वह इस अभियान में लगा है। रूसी प्रशासन का भी कहना है कि लोग फ़िल्म से नाराज़ हैं। पिछले साल सितंबर में सैन्य वर्दी में कुछ पुरुषों ने एक अमरीकी फ़ोटोग्राफ़र की प्रदर्शनी को रोक दिया था।
 
इन्होंने प्रदर्शनी को अश्लील करार दिया था। जहां प्रदर्शनी थी वहां एक प्रदर्शनकारी ने दीवारों पर पेशाब फेंक दिया था। वह ऐसा करते हुए बोल रहा था कि रूसी संस्कृति का पालन करना होगा और यह सब नहीं चलेगा। रूस में इस तरह के हमलों में बढ़ोतरी हुई है।
 
फ़िल्म के निर्देशक अलेक्सी ने पूरे विवाद पर कहा, ''इस फ़िल्म को बनाने के लिए सरकार से फ़ंड मिला है। इसकी पटकथा की जांच भी की गई थी।'' उन्होंने इस बात से इनकार किया कि 'मटिल्डा' में निकोलस को किसी भी तरह अपमानित किया गया है। उन्होंने कहा, ''हां, निकोलस II और उनके परिवार वाले संत थे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं हुआ कि दुर्भाग्य से उनके मारे जाने के पहले हम उनके जीवन पर बात नहीं कर सकते।''
 
'मटिल्डा' इसी साल अक्टूबर में रिलीज़ होनी है। इस साल ज़ारशाही के ख़त्म होने की शताब्दी मनाई जा रही है। लेकिन फ़िल्म को लेकर छिड़ा विवाद अभी जारी है और ये रूस में कला की अभिव्यक्ति की आज़ादी को लेकर एक उदाहरण भी बनता जा रहा है।

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