Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

बहन को सरप्राइज़ देने के लिए भाई ने जोड़े 55 हज़ार के चिल्लर

हमें फॉलो करें बहन को सरप्राइज़ देने के लिए भाई ने जोड़े 55 हज़ार के चिल्लर
, मंगलवार, 7 नवंबर 2017 (11:00 IST)
- विकास त्रिवेदी, सर्वप्रिया सांगवान
'मेली दीदी की छादी में जुलूल जुलूल आना।' शादी के कार्ड में छोटे-छोटे अक्षरों में बहनों की शादी में गोलू, चिंटु जैसे नामों वाले भाइयों की तरफ से ये लाइन अक्सर लिखी रहती है।
 
जयपुर में एक भाई यश ने अपनी पारुल दीदी की 'छादी में जुलूल-जुलूल आना' जैसी कोई लाइनें तो नहीं कहीं, लेकिन ट्यूशन से आने-जाने के लिए अपनी दीदी को स्कूटी गिफ्ट करने का ऐसा सरप्राइज़ प्लान किया कि शायद आप भी बचत करने के लिए अब बैंक की बजाय गुल्लक का रुख़ करने लगें।
 
13 साल के यश ने इस भैया दूज पर बीते दो साल की बचत के बाद अपनी बहन रूपल को स्कूटी गिफ्ट की है। स्कूटी की कीमत बैंक चेक, क्रेडिट कार्ड या नोटों से नहीं, यश के नन्हीं गुल्लकों से निकले दस-दस के सिक्कों से चुकाई गई है। यश ने दो साल में दस-दस के सिक्कों को जोड़ते हुए क़रीब 55 हज़ार रुपये जोड़े हैं।
 
स्कूटी सरप्राइज प्लान करने की कहानी, यश की ज़ुबानी
''मेरी सबसे बड़ी दीदी के पास स्कूटी है। लेकिन रूपल दीदी के पास नहीं थी। इसी वजह से मैं दो साल से स्कूटी के लिए अपनी पॉकेटमनी से दस-दस के सिक्के जोड़ने लगा। इस बारे में सिर्फ मैं और मेरी सबसे बड़ी दीदी कोमल को पता था। मैं चुपचाप अपनी गुल्लकों में पैसे जोड़ने लगा। कई बार जब घर पर खुले पैसे की ज़रूरत पड़ती तो हम गुल्लक से निकाल भी लेते थे। मेरा कुछ लेने का मन करता तो वो मैं पापा से कह देता।
 
कोमल दीदी ने भी इस स्कूटी के लिए पैसे जोड़े थे। हमने 55 हज़ार के आस-पास रुपये जोड़ लिए थे। दस-दस के सिक्के इतने ज़्यादा हो गए थे कि हम अपने मामा की कार में सिक्कों का बैग रखकर स्कूटी के शोरूम में गए।
 
शोरूम वालों ने बोला कि आप इतने सिक्के लाए हो। थोड़ा इंतज़ार करो। हमें वहां पर दो-तीन घंटे इंतज़ार करना पड़ा। जब शोरूम में भीड़ कम हुई तो चार-पांच लोगों ने हमारे सिक्के गिने। उन्हें गिनने में दो-तीन घंटे लगे। हमने क़रीब 55 हज़ार रुपये जोड़ लिए थे। स्कूटी खरीदने में जो रुपये कम पड़े वो पापा ने मिला दिए। रूपल दीदी को हमने शोरूम जाने से पहले बताया कि आपको स्कूटी गिफ्ट करेंगे।
 
यही हमारा रूपल दीदी को सरप्राइज था। मम्मी, पापा को भी इस बात से काफी प्राउड फील हुआ। स्कूल में टीचर्स ने भी इस बारे में मुझे बधाई दी। मुझे लगता है कि अब रूपल दीदी भी शायद मुझे कुछ सरप्राइज देने का प्लान कर रही हैं, छिप- छिपकर ''
webdunia
अब बहनें देंगी भाई को सरप्राइज़?
ज़ाहिर है कि यश की दी हुई स्कूटी पर सवार होकर अपने घर पहुंची रूपल इस सरप्राइज़ से खुश हैं। रूपल ने बीबीसी को बताया, ''बड़ी दीदी और यश चुपचाप ये प्लान कर रहे थे। मैं स्कूल में बिज़ी रहती थी।
 
भैया दूज पर यश ने बोला कि स्कूटी के शोरूम चलना है। साथ में मामा और घर के लोग थे। जब मैं शोरूम पहुंची तो मामा ने बोला कि यश तुझे कुछ सरप्राइज देना चाहता है। यश ने कहा कि आप अपने लिए स्कूटी ले लीजिए, मैं आपको गिफ्ट देना चाहता हूं। ये मेरे लिए तगड़ा सरप्राइज था। पर्सनल स्कूटी मिलना मज़ेदार है। अब हमने भी पॉकेटमनी जोड़ना शुरू कर दिया है। कोशिश है यश के जन्मदिन पर कुछ सरप्राइज दें। हम क्या देंगे, ये तो अभी नहीं सोचा।'

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

क्या है पैराडाइज पेपर्स खुलासा, पढ़ें 10 जानने योग्य बातें...