Dharma Sangrah

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

सबसे गहरी जगह तक पहुंचा इंसानी कचरा

Advertiesment
हमें फॉलो करें Sea
, बुधवार, 15 फ़रवरी 2017 (11:25 IST)
समंदर में 10 किलोमीटर की गहराई में सूर्य का प्रकाश भी ठीक से नहीं पहुंच पाता, लेकिन इंसान का कचरा वहां भी मौजूद है। मारियाना ट्रेंच, यह धरती की सबसे गहरी जगह है। वहां समुद्र 10,994 मीटर गहरा है। यानि करीब 11 किलोमीटर की गहराई। इतनी गहराई में इक्का दुक्का पनडुब्बियां ही पहुंच पाती हैं। वहां सूर्य का प्रकाश भी ना के बराबर पहुंचता है। लेकिन वहां भी इंसानी कूड़ा पहुंच चुका है।
वैज्ञानिक मारियाना ट्रेंच की गहराई में फैले इंसानी प्रदूषण से हैरान हैं। वहां विषैले रसायनों की काफी मात्रा मिली है। एक रोबोटिक पनडुब्बी ने इस कूड़े की तस्वीरें भी ली हैं। रिसर्च का नेतृत्व करने वाले यूके की न्यूकासल यूनिवर्सिटी के एलन जैमिसन कहते हैं, "हमें अब भी लगता है कि गहरा समुद्र बहुत ही दुर्गम है और प्राकृतिक अवस्था में है, इंसान का असर उस पर नहीं है, लेकिन हमारी रिसर्च दिखाती है कि ये सच नहीं है। वहां मिला प्रदूषकों का स्तर दिखाता है कि जिन चीजों को हम घर में इस्तेमाल करते हैं, वे आखिरकार कहां पहुंच सकती हैं। यह दिखाता है कि इंसान का धरती पर क्या असर पड़ा है।"
 
वैज्ञानिकों को मुख्य रूप से दो ऐसे रसायन मिले, जिन पर 1970 के दशक में पाबंदी लगा दी गई थी। इन्हें पीओपी यानी परसिस्टेंट ऑर्गेनिक पॉल्युटैंट्स कहा जाता है। यह प्रकृति में जैविक रूप से विघटित नहीं होते। यह तत्व कनाडा के आर्कटिक की किलर व्हेलों और पश्चिमी यूरोप की डॉल्फिनों के शरीर में भी पाए गए। पीओपी का उत्पादन 1930 से 1970 के दशक तक बड़े पैमाने पर हुआ। माना जाता है कि पीओपी के कुल उत्पादन का एक तिहाई यानि करीब 1.3 टन समुद्र में घुल चुका है। मारियाना ट्रेंच की एक ढलान को साइरेना डीप भी कहा जाता है। अमेरिकी वैज्ञानिकों को वहां बियर के कैन, टिन के डिब्बे और प्लास्टिक बैग भी मिले।
 
रिपोर्ट:- ओंकार सिंह जनौटी

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

हो क्या रहा है अयोध्या की 'राम मंदिर कार्यशाला' में