23 साल की अमियाडा मिकलॉकलिन हमेशा ख़ुद में यौन उत्तेजना महसूस करती हैं। 2013 में पता चला कि वह पर्सिस्टेंट जेनिटल अराउज़ल डिसऑर्डर (पीजीएडी) नाम की बीमारी से पीड़ित हैं।
कई सालों तक अमियाडा और उनकी मां नहीं समझ पाईं कि यह आख़िर है क्या। किसी भी व्यक्ति के लिए हमेशा यौन उत्तेजना से ग्रसित होना आसान नहीं होता है।
अमियाडा ने बीबीसी थ्री को बताया, ''13-14 साल की उम्र से ही मैं सेक्स उत्तेजना से ग्रसित रहने लगी थी। यह किसी ख़ास पल में नहीं, बल्कि लगातार हावी रहता है। हमेशा ऐसा लगता है कि मुझे सेक्स की ज़रूरत है। मुझे ऑर्गेज्म चाहिए। 18 साल की उम्र तक तो मैं ख़ुद को इस मामले में असामान्य टीनेजर पाने लगी।''
अमियाडा की मां विक्टोरिया कहती हैं, ''मुझे पहली बार तब पता चला जब वह सेक्शुअली सक्रिय हुई। वह सेक्स को लेकर कुछ ज़्यादा ही उत्सुक रहती थी।''
अमियाडा ने कहा, ''लोगों को लगता था कि मैं सेक्स की लत का शिकार हूं। हर दिन मेरे लिए ख़ुद से जूझने की तरह होता था। सब कुछ अजीब लगता था। मैं सोशल मीडिया से दूर रहती थी और कुछ भी करने में मन नहीं लगता था।''
आज की तारीख़ में अमियाडा को उनके मंगेतर जो जो इससे उबरने में मदद कर रहे हैं। दोनों की एक साल पहले मुलाक़ात हुई थी और अब भी साथ बने हुए हैं। अमियाडा ने कहा उन्हें जोजो से काफ़ी मदद मिली है। उन्होंने कहा, ''जोजो मेरे ऊपर कोई टिप्पणी नहीं करता है।''
जो जो ने कहा, ''मैं अमियाडा को कई स्तरों पर मदद करता हूं। चाहे हॉस्पिटल जाना हो या इंजेक्शन लगाना हो, मैं हमेशा साथ रहता हूं। उसे जो भी चाहिए मैं मदद के लिए तैयार रहता हूं।''
मिशिगन यूनिवर्सिटी की प्रोफ़ेसर प्रियंका गुप्ता अमियाडा का इलाज कर रही हैं। वह 30 अलग-अलग तरीक़े से इलाज कर रही हैं ताकि हालात में सुधार हो सके। डॉक्टर प्रियंका ने बीबीसी थ्री से कहा कि इसकी वजह क्या हो सकती है इसके बारे में कुछ भी ठीक-ठीक नहीं कहा जा सकता है। डॉक्टर प्रियंका ने कहा कि वह अमियाडा को कई तरह की थैरपी दे रही हैं।
पीजीएडी के बारे में कहा जाता है कि इसका फैलाव कोई सीमित नहीं है। इस समस्या के कारण न केवल तनाव और परेशानी का सामना करना पड़ता है बल्कि इसे शुरू में समझना आसान नहीं है। कई बार इसकी वजह से लोगों को शर्मिंदगी भी झेलनी पड़ती है। इस गड़बड़ी से पीड़ित होने वालों की कोई उम्र नहीं होती है। यह बूढ़े और जवान दोनों में हो सकती है।
कोई पीजीएडी से पीड़ित है इसकी पहचान पांच आधार पर कर सकते हैं:-
*यौन उत्तेजना की अवधि काफ़ी लंबी हो जाती है। यह घंटों, हफ़्तों और महीनों तक हो सकती है।
*यौन उत्तेजना एक या दो बार के सेक्स से भी पूरी तरह से ख़त्म नहीं होती है।
*इसमें यौन उत्तेजना बिल्कुल अनियंत्रित, अनचाही और अनुचित होती है।
*पीजीएडी से न केवल यौन गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है बल्कि इससे अलग भी उत्तेजना का अहसास होता है।
*इससे पीड़ित लोग काफ़ी तनाव महसूस करते हैं।
*इससे इंसान अवसादग्रस्त होता है और यह इतना बढ़ जाता है कि व्यक्ति ख़ुदकुशी की हद तक पहुंच जाता है।