-जेम्स स्टीवर्ट
स्टेफ एक अंतरराष्ट्रीय चियरलीडर हैं लेकिन आम एथलीट्स के मुकाबले में उनकी एक विशेषता उन्हें खास बनाती है। ये है उनकी आंख की रोशनी का न होना। वो पैराचियर कॉम्पटीशन में टीम इंग्लैंड की सदस्य हैं, जहां विकलांग और स्वस्थ एथलीट्स एक साथ प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं।
फ़्लोरिडा में 2017 वर्ल्ड चियरलीडिंग चैंपियनशिप आयोजित की जा रही है, जिसमें दुनिया भर की कई पैराचियर टीमें शामिल हो रही हैं। हालांकि एक खेल के तौर पर चियरलीडर की प्रतियोगिताएं होती रही हैं लेकिन ऐसा पहली बार जब है, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पैराचियर चैंपियनशिप आयोजित हो रही है।
ऊंचाई का अंदाज़ा नहीं लगता : हालांकि टीम का हिस्सा बनने में स्टेफ खुद को गौरवान्वित महसूस करती हैं लेकिन उनका सफ़र इतना आसान नहीं था। स्टेफ बताती हैं, मेरी बायीं आंख में रोशनी बिल्कुल नहीं है। इसलिए मुझे उंचाई का अंदाज़ा नहीं होता। उनके अनुसार, हालांकि दाहिनी आंख से मैं हाथ भर देख सकती हूं, लेकिन मुझे नहीं पता होता है कि इससे आगे क्या है। मुझे नहीं मालूम कि स्वस्थ व्यक्ति के लिए इससे कोई फर्क पड़ता है या नहीं।
चमकीले कपड़े का इस्तेमाल : स्टेफ कहती हैं, पैराचियर में हम हर उस विकलांगता का एडॉप्टेशन करते हैं जो हममें है। ये केवल मेरे लिए नहीं है बल्कि सभी एथलीट्स के लिए है, जो चुनौतियों से जूझ रहे हैं। हम इन चुनौतियों को अडॉप्ट करते हैं।
वो रोशनी और अंधेरे का अंदाज़ा लगा सकती हैं। इसीलिए उनकी टीम चमकने वाली सामग्रियां इस्तेमाल करती है।
स्टेफ अपने सहयोगी के बारे में बताती हैं, सैमी मेरे लिए बेस का काम करते हैं, यानी वो मुझे हवा में छलांग लगाने में मदद करते हैं। वो अपने कंधे पर चमकीला कपड़ा बांधे रहते हैं ताकि जब मैं नीचे आऊं तो पता रहे कि वो कहां हैं।
पहली बार प्रतियोगिता : वो कहती हैं, छलांग लगाते समय मुझे नहीं पता होता कि मैं कहां हूं। इसलिए जब मैं ज़मीन पर कलाबाज़ी करती हूं तो अंतिम छोर पर कोई नियोन फ्लैग लिए खड़ा रहता है, ताकि मैं दिशा पहचान सकूं और इससे मुझे सीधे जाने में मदद मिलती है। इन चुनौतियों के बावजूद वो अपना मेकअप खुद करती हैं।
स्टेफ का कहना है, पैराचियर मेरे परिवार जैसा बन गया है और मुझे गर्व है कि मैं इसका हिस्सा हूं। वो कहती हैं, हम लोग ऐसा कुछ कर रहे हैं जैसा इससे पहले किसी ने नहीं किया था और इससे मुझ में बहुत आत्मविश्वास पैदा होता है।
तालमेल पर आधारित स्कोर : बीते रविवार को वर्ल्ड चैंपियनशिप के पहले फ़ाइनल परफ़ार्मेंस का आयोजन था। पैराचियर चैंपियनशिप का यह पहला साल है, जहां टीमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिस्सा लेंगी। टीमों को इस आधार पर प्वाइंट दिए जाएंगे कि उनके टीम में विकलांग एथलीटों के साथ बाकी खिलाड़ियों का तालमेल कैसा है।
चियरलीडिंग को एक खेल के रूप में ओलंपिक में भी शामिल किए जाने की मांग उठती रही है। इसके लिए इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी की ओर से फंड मुहैया कराए जाने की भी मांग उठ चुकी है।