भाजपा नेता तरुण विजय के एक बयान पर बखेड़ा खड़ा हो गया है। हाल में भारत में अफ़्रीकी मूल के लोगों पर हमले हुए थे जिस पर सफ़ाई देते वक़्त वो कुछ ऐसा बोल गए जिस पर नया विवाद शुरू हो गया।
अल जज़ीरा चैनल की एक परिचर्चा में हिस्सा लेते हुए उन्होंने कहा, ''अगर हम नस्लीय होते तो दक्षिण भारतीयों के साथ क्यों रहते? आप जानते हैं ना उनके बारे में...तमिल, केरल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश. हम उनके साथ क्यों रहते फिर। हमारे यहां चारों तरफ़ अश्वेत लोग हैं।'' इस मामले ने जब तूल पकड़ा तो विजय ने सोशल मीडिया पर सफ़ाई दी।
उन्होंने टि्वटर पर लिखा, ''मैंने कहा था कि हम कृष्ण की पूजा करते हैं, जिनका मतलब ही अश्वेत है। हम किसी भी तरह के नस्लभेद का विरोध करने वाले पहले शुरुआती लोग थे। ये सुनने में काफ़ी ख़राब और बुरा है और हमारे यहां कभी कोई नस्लवाद नहीं था।''
भाजपा नेता ने आगे लिखा, ''देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरह के लोग रहते हैं और उनके ख़िलाफ़ कोई भेदभाव नहीं किया जाता। मेरे हिसाब से पूरा बयान ये था - हमने नस्लभेद से जंग लड़ी है और हमारे यहां अलग-अलग रंग और संस्कृति के लोग हैं।''
उन्होंने कहा कि जो बनाकर पेश किया जा रहा है, ऐसा उन्होंने कुछ कभी कहा ही नहीं। विजय ने कहा, ''मैं मर सकता हूं लेकिन अपनी संस्कृति के ख़िलाफ़ कुछ नहीं कह सकता। मेरे वाक्य का गलत मतलब निकालने से पहले सोचिए ज़रूर। और मैंने कभी दक्षिण भारत को अश्वेत नहीं कहा। गुस्सा जताने से पहले शो देख लीजिए।''
विजय अपने बयान पर सफ़ाई दे रहे हैं लेकिन सोशल मीडिया पर लोग इस बात पर नाराज़गी जता रहे हैं। सत्वहना हैंडल से लिखा गया है, ''समस्या ये है कि तरुण विजय को लग नहीं रहा कि उन्होंने कुछ गलत बोला है। नस्लवाद हमारे समाज में गहरे तक धंसा है।''
अमनदीप इस बयान पर काफ़ी गुस्सा हैं। उन्होंने लिखा है, ''दक्षिण भारत, तरुण विजय को जवाब में अपने यहां दाखिल मत होने दीजिए।'' अजीत के मुताबिक, ''तरुण विजय ने सेल्फ़ गोल कर दिया है।''
लोनरेंजर हैंडल से तंज़ करते हुए लिखा गया है, ''मैं नरेंद्र मोदी से आग्रह करती हूं कि सभी दक्षिण भारतीयों को बर्खास्त कर दें और तरुण विजय का समर्थन करें। कैबिनेट में सिर्फ़ गोरे लोगों को रखा जाए।''