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अगर आप भी टाइट जींस पहनते हैं तो...

हमें फॉलो करें अगर आप भी टाइट जींस पहनते हैं तो...
, बुधवार, 15 मार्च 2017 (11:50 IST)
ऐसी हिदायतें दी जाती रही हैं कि फ़ैशनेबल पहनावा आपके उठने-बैठने और चलने पर असर डालने के साथ साथ पीठ और गर्दन में दर्द का कारण बन सकता है। ब्रिटिश काइरोप्रैक्टिक एसोसिएशन (बीसीए) के अनुसार, बेहद टाइट यानी स्किनी जींस, हाई हील्स और हैंड बैग हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
हालांकि चार्टर्ड सोसाइटी ऑफ़ फ़िजियोथेरेपी और अन्य विशेषज्ञों द्वारा इस आशंका को ख़ारिज भी किया जाता रहा है। यहां उन पांच पहनावों के बारे में बात हो रही है, जोकि बीसीए के अनुसार हमें नुकसान पहुंचा सकते हैं।
 
स्किनी जींस : बीसीए का दावा है कि स्किनी जींस हमारी कार्यशीलता को कम कर देती है। इसके अनुसार, "ऐसे पहनावे आपके जोड़ों पर दबाव पैदा करते हैं और इससे छलांग लगाने की क्षमता और चहलकदमी के दौरान झटके सहन करने की प्राकृतिक शक्ति कम हो सकती है।"
 
बड़े बैग : बीसीए का दावा है कि भारी बैग, महिलाओं में पीठ के दर्द का सबसे मुख्य कारण है। इसके अनुसार, हमें कुहनी में फंसा कर बैग लेकर चलने से बचना चाहिए क्योंकि इसके भार से उस कंधे पर अधिक जोर पड़ता है और वो दूसरे की तुलना में झुक जाता है।
 
बड़े हुड वाले कोट : बीसीए का दावा है कि सिर पर बड़े आकार के फर वाले गरम कोट पहनने से बचना चाहिए क्योंकि आस पास देखने के दौरान इससे गर्दन पर जोर पड़ता है।
 
हाई हील्स : बीसीए का दावा है कि हाई हील्स हमें शरीर को एक खास स्थिति में रखने को मजबूर करता है जिससे रीढ़ की हड्डी में तनाव पैदा होता है।
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बैकलेस जूते : बीसीए का दावा है कि ऐसी चप्पलें जिनके पीछे का हिस्सा खुला होता है यानी एड़ी की ओर सपोर्ट नहीं होता है, उनसे पैरों और गर्दन के नीचे तनाव पैदा होता है। बीसीए की हिदायत है कि ज़रूरत से ज़्यादा बड़ी बांह, भारी भरकम ज्वैलरी और टेढ़े मेढ़े किनारे वाले वस्त्र भी पहनने वालों के लिए समस्या पैदा कर सकते हैं।
 
वास्तविकता क्या है : बीसीए ने 1,062 लोगों पर सर्वे किया था जिसमें पाया गया कि 73 प्रतिशत को पीठ के दर्द की परेशानी है जबकि 33 प्रतिशत लोग इस बात से अनजान थे कि उनका पहनावा गर्दन और भंगिमा पर असर डाल सकता है। एसोसिएशन के अनुसार, इस तरह के पहनावे आपकी गतिविधि पर असर डालने के अलावा, अजीब तरह से खड़े होने या चलने की समस्या पैदा कर सकते हैं।
 
उसकी सलाह है कि जब भी कपड़े ख़रीदें तो अपनी पीठ और गर्दन का ध्यान रखें। आप ऐसे कपड़े चुनें जो आपकी गतिविधि के लिहाज से ठीक हो और जब भी भारी चीजें साथ रखनी हों, बैकपैक का इस्तेमाल करें। हालांकि लाइमरिक यूनिवर्सिटी में बैक पेन विशेषज्ञ डॉ मैरी ओ कीफ़े का कहना है कि यह शोध डराने वाला है और इसमें कोई भी वैज्ञानिक सच्चाई नहीं है।
 
'अपने पहनावे से न डरें' : चार्टर्ड सोसाइटी ऑफ़ फ़िजियोथेरेपी के प्रमुख स्टीव टोलन का कहना है कि लोगों को जो भी अच्छा लगे वो पहनना चाहिए, चाहे स्किनी जींस हो या हुड वाले कोट।
 
डॉ ओ. कीफ़े का कहना है, "जींस और बैग को लेकर धारणाएं ग़लत ही नहीं हो सकती, बल्कि हानिकारक भी हो सकती हैं, क्योंकि डर के मारे महिलाएं वो सब पहनने से हतोत्साहित होती हैं, जो उन्हें पसंद है।" उनके अनुसार, "बैक पेन को लेकर तमाम मिथकों की लंबी सूची में ये भी हैं। बैक पेन के कारण और इलाजज को लेकर बड़े पैमाने पर ग़लत धारणाएं हैं।"
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पीठ के दर्द को कम करने की सबसे अच्छी सलाह क्या है?
*विशेषज्ञों की सलाह।
*खुद को सक्रिय रखें।
*अच्छी नींद लें।
*जहां तक संभव हो तनाव कम करें।
*वज़न को अनुपात में रखें।
*अधिकांश मामले में बैक पेन अपने आप ठीक हो जाता है, इसलिए ज़्यादा चिंता न करें।
*बैक पेन के बारे में अधिक से अधिक जानकारी रखें।
*अगर कुछ हफ़्तों में ये ठीक न हो या असहनीय तब मदद लें।

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