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आंखों के नीचे डार्क सर्कल से ना हों परेशान

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, शुक्रवार, 19 अगस्त 2016 (12:35 IST)
- जेसन जी गोल्डमैन (बीबीसी फ्यूचर)
 
आपने अक्सर लोगों की आंखों के नीचे स्याह धब्बे या डार्क सर्कल देखे होंगे। बहुत से लोग इसके लिए परेशान भी हो जाते हैं। तरह-तरह के इलाज कराते हैं। बहुतेरे नुस्खे अपनाते हैं। लेकिन नतीजा बहुत तसल्लीबख्श नहीं होता।
आपके लिए काम की बात है कि मेडिकल साइंस के नजरिए से ये बहुत परेशान होने वाली बात नहीं है। ये एक मामूली अमल है। लेकिन, ये लोगों को दिमागी तौर पर परेशान किए रखते हैं।
 
ब्राजील के एक रिसर्चर फरनेंडा मेगानिन फ्राइटेग ने 2007 में एक लेख लिखा था। उन्होंने लिखा था कि कुछ लोग डार्क सर्कल को कुछ ज्यादा ही हव्वा बना लेते हैं। उन्हें लगने लगता है इनकी वजह से उन्हें किसी खास तरह की दिमागी और जिस्मानी कमी का सामना करना पड़ रहा है।
 
और ये उनकी जिंदगी पर बुरा असर डाल रहा है। इंसान को चमड़ी की किसी भी बीमारी से दिमाग़ी और जज़्बाती दिक़्क़त हो सकती है। मेडिकल साइंस में डार्क सर्कल के लिए कोई खास शब्द नहीं है।
क्योंकि डर्मेटोलॉजी या त्वचा विज्ञान के क्षेत्र में इस मसले पर बहुत काम नहीं किया गया है।
 
लेकिन फिर भी इसे पीओएच नाम से जाना जा सकता है। अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के डर्मेटॉलिजी डिपार्टमेंट के हेले गोल्डबाख का कहना है कि हमारी आंखों के नीचे की स्किन काफी नाजुक होती है।
 
यहां तक कि खाल के नीचे की नसें भी बहुत बार दिखाई देने लगती हैं। और इसकी वजह से ही डार्क सर्कल दिखाई देने लगते हैं। डार्क पिगमेंटेशन की वजह से भी कई बार डार्क सर्कल बनने लगते हैं।
 
गोल्डबाख कहना है वो ऐसे केस में वो स्किन को फैला कर देखते हैं। अगर तब भी आंखों के नीचे झाइयां नजर आती हैं तो इसके लिए आंखों के नीचे की नसें ही जिम्मेदार होती हैं। या फिर चमड़ी का ढीला पड़ जाना भी इसकी एक वजह हो सकती है। हमारी नाक और आंख के दरमियान एक बहुत छोटा सा उभार होता है और इसमें एक बारीक सा छेद होता है। ये आंसुओं के निकलने का रास्ता है। डर्मेटॉलॉजी में इसे टियर ट्रॉफ कहते हैं।
 
गोल्डबाख कहते हैं कि बढ़ती उम्र के साथ यहां की चरबी ढीली पड़ने लगती है जिसकी वजह से टियर ट्रॉफ और भी नुमाया हो जाता है। डार्क सर्कल का नजर आना बहुत हद तक इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपके चेहरे पर रौशनी कितनी और किस तरह से पड़ रही है।
 
कुछ डर्मेटोलॉजिस्ट ने तो डार्क सर्कल को बताने के लिए रंगों का भी सहारा लिया है। मसलन अगर ये डार्क सर्कल गुलाबी, नीले और जामुनी रंग के नज़र आते हैं तो इसके लिए आपकी आंखों के नीचे से गुज़रने वाली नसें जिम्मेदार हैं।
 
और अगर कत्थई रंगे के डार्क सर्कल नजर आएं तो इसका मतलब ये हुआ कि आपकी त्वचा में मिलेनिन की मात्रा ज्यादा है। लेकिन डार्क सर्कल होने के लिए ये कोई ठोस वजह ना होकर दूर की कौड़ी भर है।
 
वैसे तो गोल्डबाख डार्क सर्कल के लिए मूल वजह बढ़ी उम्र के साथ चमड़ी के ढीले होने को ही मानते हैं। लेकिन इसके अलावा भी बहुत सी वजहें वो गिनाते हैं। जैसे ज्यादा नमक खाने से भी बहुत बार आंखों पर सूजन मालूम होती है।
 
सुबह उठने पर बहुत से लोगों की आंखें सूजी हुई मालूम होती हैं। इसकी वजह डार्क सर्कल भी हो सकते हैं और कोई दूसरी बीमारी भी। कुछ रिसर्चर अल्ट्रा वायलेट किरणों को भी इसकी एक वजह मानते हैं।
 
वहीं, कुछ शराब, तनाव, और सिगरेट पीने को भी डार्क सर्कल और आंखों की सूजन के लिए जिम्मेदार मानते हैं। कुल मिलाकर ये कि आंखों के नीचे धब्बे पड़ने की बहुत सी वजह हो सकती हैं। बुनियादी तौर पर इसे कॉस्मेटिक से जोड़ कर देखा जाता है।
 
अब चूंकि साइंस ने इस विषय पर बहुत रिसर्च भी नहीं की है तो कोई माकूल इलाज भी नहीं सुझाया जा सकता। अलबत्ता डार्क सर्कल से छुटकारा पाने के लिए ब्लीच क्रीम को एक विकल्प मान लिया गया है। ये आपकी स्किन की ऊपरी गहरी परत को उतार देती है। इसके अलावा कुछ कॉस्मेटिक दवाओं को इंजेक्शन की मदद से आपकी स्किन में डाल दिया जाता है ताकि आंखों के नीचे के काले धब्बों को कुछ कम किया जा सके।
 
एक रिसर्चर ने तो करीब दो महीने तक हफ्ते में एक बार कार्बन डाई ऑक्साइड के इंजेक्शन लिए। इसके काथफी अच्छे नतीजे भी सामने आए। बहुत से रिसर्चर विटामिन सी वाली क्रीम लगाने का मशविरा देते हैं। वहीं, कुछ अल्ट्रा वायलेट कोटेड धूप के चश्में लगाने के लिए कहते हैं। कुछ जानकार, धूप में निकलने से पहले अल्ट्रा वायलेट किरणों से बचने के लिए तरह-तरह की क्रीम लगाने को कहते हैं।
 
रिसर्चर रश्मि कहती हैं कि इन उपायों से चाहे थोड़ी राहत मिलती हो या ज्यादा पर, इससे मरीज की जेहनी हालत पर बहुत असर पड़ता है। अगर आपके चेहरे पर डार्क सर्कल हैं और कोई उपाय कारगर साबित नहीं हो रहा है तो ज्यादा परेशान न हों। 
 
इन काले धब्बों से निपटने के लिए जानकार जो सलाह दें, उन पर अमल करें। तब भी राहत न मिले तो इन काले धब्बों के साथ ख़ुशी-ख़ुशी जीना सीख लीजिए। आप जैसे भी नज़र आते हैं अपने आप से प्यार कीजिए। इन धब्बों की वजह से खुद पर से भरोसा खत्म न होने दें।


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