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दिल्ली में सिख ड्राइवर और पुलिसकर्मियों के बीच क्यों हुई मारपीट: ग्राउंड रिपोर्ट

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, बुधवार, 19 जून 2019 (08:47 IST)
सरबजीत धालीवाल, बीबीसी संवाददाता
'पुलिस ने मुझे और मेरे बेटे को बुरी तरह पीटा और अगर मेरे से एक या दो वार पुलिस पर हो गए तो इसमें गलत क्या है।' ये शब्द हैं दिल्ली के मुखर्जी नगर में ऑटो चलाने वाले ड्राइवर सरबजीत सिंह के।
 
सरबजीत सिंह वही ऑटो ड्राइवर हैं जिनकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। इन वीडियोज में कहीं सरबजीत सिंह तलवार लेकर पुलिस के पीछे भागते हैं तो कहीं पुलिस वाले सरबजीत को पीटते हुए दिखाई देते हैं।
 
इस घटना के तीन दिन बाद बीबीसी ने सरबजीत से मुलाकात की उस दौरान उनके हाथ में पट्टी बंधी हुई थी। उनके अनुसार उनका और उनके बेटे का दर्द से बुरा हाल है। उन्होंने हमें बताया कि हमने पुलिस से बचने की काफी कोशिश की लेकिन पुलिस ने हमें बख्शा नहीं।
 
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, सरबजीत सिंह ने पुलिसकर्मियों पर तलवार से हमला किया। जबकि सरबजीत सिंह की दलील है कि पुलिस ने पहले हमसे अभद्र व्यवहार किया और फिर उनके बेटे और उनके साथ बुरी तरह मारपीट की।
 
पुलिस का पक्ष
दिल्ली पुलिस द्वारा जारी की गई प्रेस रिलीज के मुताबिक, दोनों पक्षों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पहली एफआईआर सरबजीत के खिलाफ ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों पर तलवार से हमला करने के लिए हुई है जबकि दूसरी एफआईआर उन पुसिलकर्मियों के ख़िलाफ़ की गई है जिन पर मारपीट करने का आरोप लगा है।
 
इस मामले में दिल्ली पुलिस ने तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। इस मामले की जांच अब दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है।
 
पूरा मामला
घटना दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके की है जहां पर 16 जून को ऑटो चालक सरबजीत सिंह और उनके 15 साल के बेटे की पहले दिल्ली पुलिस के कुछ कर्मचारियों के साथ बहस हुई फिर दोनों पक्षों में मारपीट हो गई।
 
सरबजीत सिंह बताते हैं, 'दिल्ली पुलिस के कर्मचारियों ने मेरे साथ इस तरह की अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया कि मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ। इसके बाद मैंने देखा कि कुछ पुलिसकर्मी मेरी तरफ डंडे लेकर बढ़ रहे हैं तो मैंने आत्मरक्षा के लिए तलवार निकाली। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।'
 
वर्तमान स्थिति
16 जून शाम करीब 6 बजे ये घटना हुई। उसके बाद सरबजीत के समर्थन में बहुत सारे सिख समुदाय के लोग मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों की कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए आ जाते हैं।
 
घटना के तीन दिन बीत जाने के बाद अभी भी इलाके में इस घटना को लेकर काफी चर्चा है। लोग मोबाइल में इस घटना की वीडियो को देखकर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए नजर आए। जहां ये घटना हुई उसी के पास कपड़े की दुकान चलाने वाले नवीन कुमार ने बताया इस घटना का असर उनके काम पर भी पड़ा है। माहौल अशांत हो जाने के कारण लोग खरीदारी के लिए कम आ रहे हैं।
 
नवीन ने इस घटना कि निंदा करते हुए कहा, 'सरदार जी ने कुछ गलत किया था तो पुलिस कानूनी तरीके से कार्यवाही करती। सड़क पर पीटना गलत है।'
 
बीबीसी की टीम गांधी विहार सरबजीत के घर भी पहुंची। तंग-सी गली से गुज़रते हुए जब हम उनके मोहल्ले में पहुंचे तो उनके घर पर ताला लगा हुआ था। वहां रहने वाले लोगों ने बताया कि सरबजीत अपने बेटे के साथ ऑटो चलाकर गुज़ारा करता है। जबसे ये घटना हुई तबसे सरबजीत बहुत कम समय के लिए घर आया है। वहां रहने वाले लोगों ने भी पुलिस की कार्यवाही की निंदा की है।
 
सरबजीत का तलवार उठाना
हमने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह से इस बारे में बात की। उन्होंने इस घटना के बारे में कहा, 'पुलिस पर इस तरह तलवार उठाना पूरी तरह से गलत है।'
 
लेकिन सरबजीत का पक्ष लेते हुए उन्होंने कहा, 'इस घटना में सरबजीत ने तलवार का इस्तेमाल आत्मरक्षा के लिए किया है। जब पुलिस वाले एक बेटे के सामने पिता को बुरी तरह पीट रहे हों तो ऐसी स्थिति में क्या हो सकता है इसका अंदाजा वीडियो देखकर लगाया जा सकता है।'
 
'पुलिस ने इस घटना को ठीक से नियंत्रित नहीं किया जिसका नतीजा सबके सामने है। कुछ सिख नौजवानों की तरफ़ से पुलिस पर हमले किए गए हैं जो पूरी तरह से गलत है।'

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