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अब कौन बनेगा नया पोप?

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, मंगलवार, 12 फ़रवरी 2013 (14:11 IST)
BBC
पोप बेनेडिक्ट सोलहवें अपना पद छोड़ने की घोषणा कर चुके हैं। इस फैसले को लेकर सब लोग सकते में हैं, लेकिन इसी बीच ये बहस भी शुरू हो गई है कि नया पोप कौन होगा।

अटकलें लगाई जा रही हैं कि अगले पोप लातिन अमेरिका से हो सकते हैं जहां विश्व के 40 फीसदी से ज्यादा रोमन कैथलिक रहते हैं।

जिन लोगों पर निगाहें टिकी हैं उनमें शामिल हैं- आर्चबिशप ऑफ साओ पाउलो, ओडिलो शेरर और अमेरिका के लियोनार्डो सांद्री।

अगर पोप अफ्रीका से चुने जाते हैं तो इन लोगों में से कोई एक पोप बन सकता है- घाना के कार्डिनल पीटर टर्कसन या नाइजीरिया के कार्डीनल फ्रांसिस एरिनजी।

इसके अलावा यूरोप से संभावित उत्ताराधिकारी में मिलान के आर्चबिशप, एंजलो स्कोला और क्रिस्टोफ शियोनबोर्न शामिल हैं। कनाडा के कार्निडल मार्क आउलेट पर भी नजर रहेगी।

लेकिन बीबीसी संवाददाता का कहना है कि इस समय किसी को भी उत्तराधिकारी बनने की इस प्रकिया में आगे या पीछे नहीं कहा जा सकता है।

पोप बेनेडिक्ट ने पद छोड़ने के पीछे खराब स्वास्थ्य को कारण बताया है। माना जा रहा है कि नया पोप चुनने से पहले स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों पर खास जोर दिया जाएगा।

नए पोप का चयन वैटिकन में सिसटीन चैपल में 117 लोगों का पैनल करेगा।

उत्तराधिकारी के चयन में दखल नहीं : रोम से बीबीसी संवादाता डेविड विली के मुताबिक पोप के बड़े भाई और निजी सचिव ही शायद ऐसे दो व्यक्ति थे जिन्हें पोप बेनेडिक्ट के इस्तीफे के बारे में पहले से जानकारी थी।

वेटिकन के आधिकारिक प्रवक्ता ने भी माना है कि वे भी पोप के इस्तीफे की खबर से हैरत में हैं।

पोप बेनेडिक्ट के भाई जिओर्ग रैटजिंगर ने जर्मनी से बताया कि नया पोप चुनने में किसी तरह का हस्तक्षेप नहीं होगा। उन्होंने बीबीसी से बातचीत में कहा 'जब उनकी जरूरत होगी तो वे हाजिर रहेंगे लेकिन अपने उत्तराधिकारी के चयन में वो दखल नहीं देंगे।'

जिओर्ग रैटजिंगर के मुताबिक पोप बेनेडिक्ट के डॉक्टर ने सलाह दी थी वे एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप के दौरे न करें और पोप कई महीनों से पद छोड़ने पर विचार कर रहे थे।

उम्मीद जताई जा रही है कि ईस्टर आने तक नए पोप का चयन हो जाएगा।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया : पोप के इस्तीफे की खबर पर अंतरराष्ट्रीय जगत में कई नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है। इटली के प्रधानमंत्री मारियो मोंटी ने पोप के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि पोप का ये फैसला उस भावना के तहत किया गया है कि वो अंतिम समय तक चर्च की सेवा करते रहेंगे।

वहीं जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल का कहना है कि यदि पोप ने खुद इस पद पर कार्य करने में असमर्थता जताई है तो मैं उनके इस फैसले का स्वागत करती हूं। उन्होंने कहा कि पोप हमारे समय के एक बहुत बड़े धार्मिक विचारक हैं और आगे भी रहेंगे।

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी सभी अमरीकियों की ओर से पोप के इस कदम का स्वागत किया है। उन्होंने पोप के साथ अपनी मुलाकात को याद करते हुए कहा कि चर्च ने अमेरिका समेत पूरी दुनिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ओबामा ने कहा कि जल्द ही हम सब पोप बेनेडिक्ट सोलहवें के उत्तराधिकारी के चुनाव के लिए एकत्र होंगे।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड केमरन ने पोप की प्रशंसा करते हुए कहा है कि उन्होंने ब्रिटेन के साथ चर्च के रिश्तों को बेहतर बनाए रखने में बिना थके हुए काम किया है। साल 2010 में उनकी ब्रिटेन यात्रा को यहां के लोग कभी भूल नहीं सकते। ब्रिटेन के लाखों लोगों को एक धार्मिक नेता के तौर पर उनकी कमी बहुत खलेगी।

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