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फिल्ममेकर्स ने सराही 'थैंक्स माँ'

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BBC
निर्देशक इरफान कमल की पहली फिल्म 'थैंक्स माँ' की विशेष स्क्रीनिंग के लिए बॉलीवुड के कई दिग्गज फिल्ममेकर्स पहुँचे। ये कहानी 12 साल के एक बेघरबार बच्चे की है जिसे रास्ते में दो साल का एक बच्चा मिलता है। फिर वो कई मुश्किलों का सामना करते हुए इस बच्चे को अपनी माँ तक पहुँचाता है।

इरफान कमल इस विषय पर फिल्म बनाने के बारे में काफी समय से सोच रहे थे। उन्होंने बीबीसी को बताया कि मैं हमेशा से ही सोचता था कि अगर किसी का बच्चा बिछड़ जाए और वो किसी बेघरबार बच्चे के हाथ लग जाए तो वो उसे उसके माँ-बाप तक कैसे पहुँचाएगा। फिर मैंने एक लेख पढ़ा जिसमे मुझे पता चला कि हिंदुस्तान की सड़कों पर करोड़ों बच्चे रहते हैं। तो इस फिल्म को बनाने के लिए मैंने और खोज की और इसे एक व्यावसायिक जामा पहनाया।

इस फिल्म में मुख्य किरदार में दिखेंगे बाल कलाकार शम्स पटेल और साथ ही होंगे आलोक नाथ, रघुबीर यादव, संजय मिश्रा, रणवीर शोरी और थियेटर की जानी-मानी हस्ती बैरी जॉन।

'थैंक्स माँ' दुनिया भर में सात फिल्म महोत्सवों में दिखाई जा चुकी है और हाल ही में घोषित किए गए 56वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में शम्स पटेल को इसी फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का पुरस्कार भी मिला है।

इस फिल्म को देखने कई निर्देशक पहुँचे जिनमें से एक डेविड धवन तो सबको ये फिल्म देखने की सलाह देते हैं। उन्होंने कहा कि थैंक्स माँ बहुत ही बेहतरीन फिल्म है और सभी कलाकारों ने खासकर बाल कलाकारों ने बखूबी अपना किरदार निभाया है। ये फिल्म बहुत ही यथार्थवादी और विश्वसनीय है। मैं कहूँगा कि सभी को ये फिल्म देखनी चाहिए।

इससे पहले इस विषय पर मीरा नायर की 'सलाम बॉम्बे' और डैनी बॉयल की 'स्लमडॉग मिलियनेअर' भी बन चुकी हैं। लेकिन निर्देशक और अभिनेता सतीश कौशिक मानते हैं कि इस तरह के सामाजिक मुद्दे पर अब तक इससे बेहतर कोई भी फिल्म नहीं बनी है।

उन्होंने कहा कि मैं इरफान कमल के निर्देशन को देख कर आश्चर्यचकित हो गया। इरफान ने इस फिल्म को बड़े दिल से बनाया है और सही मायनों में भारत को दर्शाया है।

'खूबसूरत', 'क्या दिल ने कहा' और 'मान गए मुगल-ए-आजम' जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके संजय छैल का कहना है कि हर तरह से ये फिल्म बहुत ही बेहतरीन है। वो कहते हैं कि मैंने पिछले कई सालों में इस तरह की फिल्म नहीं देखी है। फिल्म की स्क्रिप्ट, कलाकारों का अभिनय, सिनेमेटोग्राफ़ी और जिस तरह से इस सामाजिक मुद्दे को दर्शाया है वो लाजवाब है।

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