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प्रेगनेन्सी में स्किन केयर

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- नम्रता नदीम
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गर्भावस्था में शारीरिक बदलावों का महिला की त्वचा पर भी काफी असर पड़ता है। इन दिनों कई महिलाओं के चेहरे और शरीर की त्वचा बदरंग और धब्बेदार हो जाती है तो कई महिलाओं की त्वचा में इस दौरान एक खास तरह की चमक आ जाती है। गर्भावस्था में त्वचा के रंग में बदलाव के आने की मूल वजह शरीर में रक्त संचार का घटना, बढ़ना, गर्भावस्था में शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा में असंतुलन होना होता है, जिसकी वजह से कई महिलाओं के चेहरे पर दाने, मुहाँसे या अन्य और कई तरह की समस्याएँ हो जाती हैं।

सवाल है, क्या एहतियात बरतें ताकि गर्भावस्था में भी त्वचा रंग-बदरंग न हो।

* गर्भावस्था के दौरान सनस्क्रीन लोशन का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए, क्योंकि इन दिनों त्वचा बेहद संवेदनशील हो जाती है, जिसे सूर्य की घातक अल्ट्रावायलेट किरणें रूखा और बेजान बना देती हैं, जिसके कारण त्वचा पर झुर्रियाँ पड़ जाती हैं।

* अल्ट्रावायलेट किरणें हमारी त्वचा के कोमल तंतुओं को नष्ट कर देती हैं और जिससे त्वचा कैंसर होने का भी खतरा रहता है।

* गर्भावस्था के दौरान त्वचा काफी तैलीय हो जाती है। इसलिए इन दिनों त्वचा की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें।

* यदि त्वचा की साफ-सफाई ढंग से न की गई तो रोम छिद्रों में मैल फँसने से त्वचा मैली दिखती है। साथ ही इससे संक्रमण होने का खतरा बना रहता है।

* इन दिनों त्वचा की साफ-सफाई के लिए नियमित रूप से उपयुक्त क्लींजर का इस्तेमाल करें।
* मुलायम स्क्रब के जरिए भी त्वचा की नियमित साफ-सफाई की जा सकती है।

* इन दिनों त्वचा को नरम और मुलायम बनाए रखने के लिए मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करना चाहिए। जिन महिलाओं की त्वचा तैलीय होती है, उन्हें प्रतिदिन ऐसे मॉइश्चराइजर का प्रयोग करना चाहिए, जो ऑइल बेस्ट न हों। जल आधारित मॉइस्चराइजर हल्के होते हैं। ये त्वचा को नरम और मुलायम रखने में काफी सहायक होते हैं।

* यदि आपकी त्वचा रूखी है तो आपको तेलयुक्त मॉइस्चराइजर या क्रीम का इस्तेमाल करना चाहिए।

* ध्यान रखें, यदि आपकी त्वचा अधिक रूखी है तो आपको खुजली हो सकती है, इसलिए इन दिनों त्वचा की नमी को बनाए रखना बेहद जरूरी होता है।

* कई महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान शरीर, टाँगों में दर्द की शिकायत रहती है, जिसकी वजह से उन्हें नींद में काफी व्यवधान होता है। ऐसी स्थिति में सोने से पहले सिर या शरीर की मालिश काफी फायदेमंद होती है, जिससे त्वचा की माँसपेशियों को न केवल आराम मिलता है, बल्कि नींद भी गहरी आती है।

* पानी से भी त्वचा की साफ-सफाई होती है। पानी शरीर के भीतर के अवशोषकों को बाहर निकालने में काफी सहायक सिद्ध होता है। इसलिए त्वचा की साफ-सफाई हेतु नियमित 8 से 10 गिलास पानी रोज पिएँ।

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