हाई हील के सैंडिल अथवा जूते रोजाना इस्तेमाल करने से इनका असर पूरे शरीर पर पड़ता है और गर्भावस्था में ऐसी सैंडिलें पहनने से तो महिलाओं को गर्भपात का खतरा भी रहता है
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बुढ़ापा ला देते हैं। ऊँची एड़ी की सैंडिल से कैलकेनियम बोन बढ़ जाती है और एड़ी के साथ ही कमर एवं शरीर की अन्य हड्डियों में भी दर्द का कारण बन जाती है, अतः जहाँ तक संभव हो ऊँची एड़ी के सैंडिल का प्रयोग कम-से- कम करना चाहिए।
एक सर्वेक्षण के अनुसार हाई हील पहनने वाली महिलाओं में से करीब नब्बे फीसदी महिलाओं को पैरों में दर्द की शिकायत रहती है।
ऊँची एड़ी के जूते अथवा सैंडिल प्रकृति के नियमों के विरुद्ध भी है क्योंकि इनसे शरीर के भार का गुरुत्व केंद्र बदल जाता है। यदि आप अपने कद को ऊँचा उठाना चाहती हैं तो ऐसे जूते-चप्पल या सैंडिल पहनें, जो सभी तरफ से ऊँचे उठे हों, न कि केवल एड़ी की तरफ सेही। यह ज्यादा आरामदेह होगा। एक या दो इंच से अधिक एड़ी वाले सैंडिल तो कदापि नहीं पहनने चाहिए।
अपने स्वास्थ्य को दाँव पर लगाकर फैशन का अंधानुकरण किया जाना भला कहाँ की बुद्धिमानी है। पैरों में जूते या सैंडिल पहनने का उद्देश्य पैरों को सुरक्षित व आरामदायक स्थिति में रखना है, न कि फैशन के वशीभूत होकर पैरों व स्वयं को खतरे में डालना। यह कभी न भूलें कि जूते-चप्पल पैरों के लिए हैं, पैर जूते-चप्पलों के लिए नहीं।