Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

रोगों का उपचार फूलों से

Advertiesment
हमें फॉलो करें रोगों का उपचार फूलों से
NDND
कमल- इसके पराग से मधुमक्खी शहद तो बनाती ही है, इसके फूलों से तैयार गुलकंद का उपयोग कब्ज के निवारण हेतु भी किया जाता है। इसका सबसे अधिक प्रयोग अंजन की भाँति नेत्रों में ज्योति बढ़ाने के लिए किया जाता है। पंखुड़ियों को पीसकर उबटन में मिलाकर चेहरे पर मलने से चेहरे की सुंदरता बढ़ती है।

केवड़ा- इसके पुष्प दुर्गंधनाशक होते हैं। केवड़े का तेल श्वास विकार में लाभकारी है। इसका इत्र सिरदर्द और गठिया में उपयोगी है।

इसकी मंजरी का उपयोग पानी में उबालकर स्नान द्वारा कुष्ठ, चेचक, खुजली आदि रोगों में किया जा सकता है। इसका अर्क बुखार में एक बूँद देने से पसीना बाहर आता है और इत्र की दो बूँद कान में डालने से कान का दर्द ठीक हो जाता है।

सूरजमुखी- इसमें विटामिन ए तथा डी होता है। यह सूर्य का प्रकाश न मिलने के कारण होने वाले रोगों को रोकता है। इसका तेल कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।

गुड़हल- यह शीतवर्धक, बाजीकारक तथा रक्तशोधक है। गुड़हल के पुष्प चबाने से मुँह के छाले दूर हो जाते हैं। इसके फूलों को पीसकर बालों में लेप करने से गंजापन मिटता है।

जूही- जूही के फूलों का चूर्ण या गुलकंद अम्लपित्त को नष्ट करके पेट के अल्सर तथा छाले को दूर करता है। निरंतर इसके सान्निध्य में रहने से क्षयरोग नहीं होता।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi