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हाइड्रोफेशियल : फेशियल की नई प्रभावी तकनीक

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अप्रतिम गोयल

त्वचा की चमक को पुनर्जीवित करने के लिेए हायड्रोफेशियल को बहुत पसंद किया जा रहा है। यह एक तकनीक आधारित ट्रीटमेंट प्लान है। इस अनोखी डिवाइस के नतीजे बिल्कुल माइक्रोडर्माब्रेजन ट्रीटमेंट की तरह हैं। बस इन दोनों में एक फर्क है कि यह ट्रीटमेंट के साथ-साथ स्किन को हाइड्रेट भी करता रहता है। अपने नाम के अनुरूप यह ट्रीटमेंट स्किन में मॉइश्चर बनाए रखने के साथ-साथ एंटीऑक्सीडेंट्स तथा पोषक तत्व भी पहुंचाता है। यह स्किन केअर के क्षेत्र में नई सौगात है। यह लिक्विड बेस्ड एक्सफोलिएशन है। 

क्या होता है ट्रीटमेंट में
यह ट्रीटमेंट कई चरणों में पूरा होता है। इसमें क्लीनिंग, एक्सफोलिएशन, वैक्यूम बेस्ड पेनलैस एक्सट्रेक्शन, हाइड्रेशन और पोषक पदार्थों का सम्मिश्रण एक के बाद एक लगाया जाता है। 
पहला चरण - 
क्लीनिंग और एक्सफोलिएशन- एक छोटे औजार से भरे हुए रोमछि‍द्रों को फैलाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके बाद एक्सफोलिएशन किया जाता है। इसमें चेहरे की त्वचा की उपरी सतह पर लगे पुराने मेकअप, मृत त्वचा और कचरा साफ किया जाता है।
दूसरा चरण - 
एसिड पील- रोमछिद्रों को ठीला करने और खोलने के लिए ग्लायकोलिक तथा सेलिसिलिक एसिड पील को एक समान चेहरे की त्वचा पर लगाया जाता है। इससे सूखे हुए मुंहासे भी निकल जाते हैं और त्वचा का गहरा रंग भी हल्का हो जाता है। पीलिंग एजेंट्स से त्वचा को कोई नुकसान नहीं होता है केवल हल्की चिनमिनाहट होती है।
तीसरा चरण -
वैक्यूम एक्सट्रेक्शन- हायड्राफेशियल के आने के बाद हाथों से फेशि‍यल करना प्राचीनकाल की बात हो गई है। एक छोटे नोजल वाले औजार से वैक्यूम के माध्यम से त्वचाकूपों पर अर्से से जमा कचरा खींच लिया जाता है। यह मशीन के बेस पर लगे एक कप में जमा होता जाता है। कचरे की मात्रा देखकर किसी को भी आश्चर्य हो सकता है कि हमारी त्वचा पर कितना कचरा जमा रहता है।
चौथा चरण -
इंबि‍बिटेशन- इस चरण में औजार के जरिए एंटीऑक्सीडेंट्स, हायलूरोनिक एसिड और पेपटाइड से भरपूर सीरम त्वचाकूपों में पहुंचा दिया जाता है। इससे त्वचा का लचीलापन और नमी बरकरार हो जाती है। इस तरह हायड्राफेशि‍यल के जरिए युवाओं जैसी चमकदार त्वचा पुनः लौटाई जा सकती है। इसमें दर्द भी नहीं होता और त्वचा को औषधियों के जरिए पोषक तत्व भी मिल जाते हैं।
 क्या होगा फायदा
हायड्रेशन यानी नमी को पुनः त्वचा तक पहुंचाने से एक स्वस्थ और लंबे समय तक कायम रहने वाली चमक के लिए आधार प्रदान करता है। जब भी त्वचा में नमी की कमी होती है तो त्वचा के ऊतक पूरी क्षमता के साथ काम नहीं कर पाते हैं। इसकी वजह से वे क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और चेहरा समय से पहले बूढ़ा लगने लगता है। हायड्राफेशि‍यल से त्वचा साफ भी होती है और उसे पोषण भी मिलता है। 
किन्हें कराना चाहिए यह ट्रीटमेंट 
नई पीढ़ी के इस ट्रीटमेंट को किसी भी उम्र में और किसी भी तरह की त्वचा पर प्रयोग किया जा सकता है। बहुत संवेदनशील त्वचा भी इस ट्रीटमेंट को सहन कर सकती है। सक्रिय रसायनों से त्वचा को पोषित करना हमेशा ठीक होता है। 
विशेष बातें : 
1 यह प्रक्रिया त्वचा को विषैले तत्वों से मुक्त करती है और उसकी चमक पुनः लौट आती है। प्रक्रिया के बाद चेहरे पर चिकनी नमी 5 से 7 दिन तक कायम रहती है। महीने में एक बार यह प्रक्रिया कराने से चेहरे की त्वचा का गहरा रंग भी हल्का हो जाता है। महीन रेखाएं गायब हो जाती हैं। 
2 त्वचा पुनर्जीवित होती है और कोई तकलीफ नहीं होती है। 
3 ट्रीटमेंट के बाद मेकअप लगाया जा सकता है। आप तत्काल काम पर लौट सकते हैं।
4 ट्रीटमेंट में किसी तरह के बिजली के करंट का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। 

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