चैन की नींद हमारे स्वास्थ्य और सौंदर्य दोनों ही दृष्टि से बहुत अधिक उपयोगी होती है। दिनभर की थकान और व्यस्ततम दिनचर्या के बाद यदि चैन की नींद मिल जाए तो क्या बात है। एक बढि़या नींद लेने के बाद हमारे चेहरे की चमक ही अलग हो जाती है। आजकल हमारी जीवनशैली इतनी अधिक परिवर्तित हो गई है कि हम सुबह जल्दी घर से निकलते हैं लेकिन देर रात को घर लौटते हैं। उस वक्त हम इतने अधिक थक जाते हैं कि सीधे बिस्तर की ओर रुख करते हैं किंतु कई बार बिस्तर पर लेटने के बाद भी रातभर हमें नींद नहीं आती। यह समस्या केवल आपकी अकेले की नहीं बल्कि आज इस परेशानी से भारत के 46 फीसदी वयस्क ग्रसित हैं। |
स्लीपर्स के विपरीत कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं, जिनसे हमारा दिमाग सक्रिय हो जाता है और हमें कम नींद आती है। ऐसे खाद्य पदार्थों को 'वेकर्स' कहते हैं। अक्सर देर रात तक काम करने वाले लोग जागने के लिए वेकर्स का सेवन करते हैं। |
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यदि हम सात से आठ घंटे चैन की नींद सोते हैं तो हमारा दिनभर अच्छा गुजरता है। यदि हमारी नींद पूरी नहीं होती है तो हम दिनभर थका-थका व बीमार-सा महसूस करते हैं। हमारी नींद का बहुत गहरा संबंध हमारे भोजन से होता है। हम जैसा भोजन लेते हैं वैसा ही हमारा शरीर काम करता है।
कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं, जिनके सेवन से हमें बहुत नींद आती है। इन्हें हम 'स्लीपर्स' कहते हैं। इन खाद्य पदार्थों में पनीर, चीज, सी-फूड, दालें आदि प्रमुख हैं। इनका सेवन करने पर हमारे शरीर की नसों में खिंचाव कम होता है, जिससे हमें अच्छी नींद आती है।
स्लीपर्स के विपरीत कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं, जिनसे हमारा दिमाग सक्रिय हो जाता है और हमें कम नींद आती है। ऐसे खाद्य पदार्थों को 'वेकर्स' कहते हैं। अक्सर देर रात तक काम करने वाले लोग जागने के लिए वेकर्स का सेवन करते हैं। चाय, कॉफी, चॉकलेट, कोला, स्नैक्स, अधिक शक्करयुक्त खाद्य पदार्थ वेकर्स की श्रेणी में आते हैं।
ट्रिप्टोफेन एक ऐसा अमीनो एसिड है, जो नींद लाने में सहायक केमिकल सेरोटोनिन व मेलाटोनिन प्रोड्यूस करता है, जिससे हमें नींद आ जाती है। अत: यदि हम स्लीपर्स को अपने भोजन में शामिल करें तो हमें नींद नहीं आने की समस्या से आसानी से निजात मिल सकती है। ध्यान रखें भरपूर नींद अच्छी सेहत का संकेत होती है।