नारी ईश्वर की वह नायाब रचना है, सुंदरता ही जिसकी पहचान है। अपनी सुंदरता को बरकरार रखने के लिए सजना-सँवरना नारी के स्वभाव का एक हिस्सा है। सौंदर्य ही उसका मुख्य आकर्षण है। यदि हम आज के दौर की बात करें तो आज नारी की यही सुंदरता ही उसकी पहचान बनकर उसकी प्रतिभा को एक नया मंच दे रही है।सदाबहार सौंदर्य हर नारी की ख्वाहिश होती है। बाहरी साज-सज्जा व मेकअप से तो केवल कुछ समय के लिए ही सुंदरता पाई जा सकती है लेकिन कुदरती व सदाबहार सुंदरता पाने के लिए हमें प्रकृति द्वारा प्रदत्त सौंदर्य प्रसाधनों का ही उपयोग करना चाहिए। |
शकरकंद एक प्रकार का जमीकंद है। इसमें विटामिन ए पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, जो एंटीरिकल एजेंट के रूप में काम करता है। इसके नियमित सेवन से त्वचा कोमल और सुंदर बनती है। |
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त्वचा की कांति को कैसे रखें बरकरार :-
हमारे शरीर के लिए पानी बहुत अधिक आवश्यक है। पानी से त्वचा में कुदरती चमक आती है। रोजाना आठ से दस गिलास पानी पीना हमारी त्वचा व सेहत दोनों के लिए फायदेमंद है।
विटामिन 'बी', कॉपर, आयरन आदि हमारी त्वचा को पोषण देते हैं। इनकी कमी को पूरा करने के लिए हमको हर रोज कम से कम एक मौसमी फल का सेवन अवश्य करना चाहिए।
त्वचा के झुलस जाने पर उसे सामान्य बनाने के लिए अमरूद, संतरा, आँवला, गाजर, पालक आदि का सेवन करें। इससे झुलसी त्वचा जल्द ही सामान्य हो जाती है।
प्रकृति के वरदान :-
प्रकृति ने हमें फलों व सब्जियों के रूप में सौंदर्य के अनगिनत वरदान दिए हैं। इनके नियमित सेवन से हमारी त्वचा की खोई रौनक लौट आती है और त्वचा फिर से खिली-खिली व जवाँ-जवाँ सी लगने लगती है।
टमाटर :- यह त्वचा की खोई रौनक लौटाकर त्वचा को स्निग्ध व युवा बनाता है। टमाटर में विटामिन ए, सी व पोटेशियम पाया जाता है, जो त्वचा को सदाबहार सौंदर्य प्रदान करता है।
शकरकंद :- शकरकंद एक प्रकार का जमीकंद है, जो जमीन के नीचे उगता है। इसमें विटामिन ए पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है, जो एंटीरिकल एजेंट के रूप में काम करता है। इसके नियमित सेवन से त्वचा कोमल और सुंदर बनती है।