-
अपेक्षा मजूमदार
एड़ियों के फटने के कई कारण हैं। सर्दियों में एड़ियाँ फटने की शिकायत अधिक होती है। सर्दियों के मौसम में पैर की त्वचा की स्वेद ग्रंथियों से सिबेशियस सेक्रिसन नामक एक प्रकार का स्राव निकलता है, जिसकी वजह से त्वचा सूखने लगती है और ठंडी हवा के संपर्क में आकर फटने लगती है। नंगे पैर घर के बाहर घूमने से भी एड़ियाँ फटने लगती हैं। होता यह है कि नंगे पैर घूमने से एक प्रकार की फफूँदी (फंगस) पैर के संपर्क में आ जाती है। ये फंगस धीरे-धीरे बढ़ने लगती है और पैर की एड़ियों में फैलकर त्वचा को फाड़ देती है। |
मोम, ग्लिसरीन तथा वैसलीन तीनों को समान मात्रा में मिलाकर भी एड़ियों के फटे स्थान पर लगा सकते हैं अथवा वैसलीन व कैस्टर ऑइल समान मात्रा में लेकर फटी एड़ियों पर लगाने से लाभ होता है। |
|
|
इसके अलावा घर में धुलाई व सफाई के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले डिटर्जेंट पावडर, साबुन की वजह से भी एड़ियाँ फटने लगती हैं। कीचड़ तथा पानी में अधिक देर तक रहने वालों के पैर भी फटने लगते हैं। प्लास्टिक के जूते-चप्पल पहनने से भी एड़ियाँ फटती हैं।
मधुमेह, मोटापे की वजह से शरीर का भार पैरों पर अधिक पड़ने से, शरीर में विटामिन, आयरन या कैल्शियम की कमी होने से एड़ियाँ फटने लगती हैं। एड़ियाँ फटने पर इसकी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि फटी एड़ियों में कीटाणुओं के संक्रमण होने का भय रहता है, जिसकी वजह से स्थिति खतरनाक भी हो सकती है।
एड़ियों को फटने से बचाने के लिए नंगे पैर इधर-उधर न घूमें, पैर में हमेशा चप्पल या जूते डाले रखें। कास्टिक सोडा, डिटर्जेंट या साबुन, बर्तन धोने वाले बार आदि से अपने पैरों को बचाएँ। एड़ियाँ फटी होने पर दो चम्मच पेट्रोलियम जैली या वैसलीन लेकर उसमें आधा चम्मच बोरिक एसिड मिलाकर अच्छे से फेंट लें और फटी एड़ियों पर सुबह-शाम लगाएँ।
मोम, ग्लिसरीन तथा वैसलीन तीनों को समान मात्रा में मिलाकर भी एड़ियों के फटे स्थान पर लगा सकते हैं अथवा वैसलीन व कैस्टर ऑइल समान मात्रा में लेकर फटी एड़ियों पर लगाने से लाभ होता है। तीनों उपाय में से कोई एक उपाय नियमित करने से 20 से 30 दिन में आपकी एड़ियाँ सुन्दर व कोमल हो जाएँगी। एड़ियाँ बार-बार फटने पर चर्म रोग विशेषज्ञ को जरूर दिखाएँ।