आज हर कोई खूबसूरत और जवाँ दिखना चाहता है। इसके लिए हम सभी अपने चेहरे पर कई प्रकार के एक्सपेरीमेंट करते रहते हैं परंतु सौंदर्य प्रसाधनों के अधिक प्रयोग से हमारे चेहरे की कुदरती चमक धीरे-धीरे खोने होने लगती है और हमारे चेहरे पर झाइयाँ, मुँहासे व दाग-धब्बे उभरने लगते हैं। चेहरे पर असमय मुँहासे व किसी भी तरह के दाग-धब्बों का उभरना हमें कम उम्र में ही बूढे होने का अहसास दिलाता है। पुराने जमाने में जब सौंदर्य प्रसाधनों का चलन नहीं था, तब भी स्त्री-पुरुष सुंदर होते थे। उस वक्त वे घरेलू उपचारों से अपने चेहरे को कांतिमय बनाते थे। |
सौंदर्य प्रसाधनों के अधिक प्रयोग से हमारे चेहरे की कुदरती चमक धीरे-धीरे खोने होने लगती है और हमारे चेहरे पर झाइयाँ, मुँहासे व दाग-धब्बे उभरने लगते हैं। |
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भारतीय चिकित्सा पद्धतियों में आयुर्वेद एक ऐसी उपचार पद्धति है, जिसमें प्रकृति के खजाने से चुन-चुनकर लाई जड़ी-बूटियों से हर प्रकार की शारीरिक व्याधियों का उपचार किया जाता है।
इनमें कई औषधियाँ ऐसी हैं, जो हमारे सौंदर्य में अभिवृद्धि कर हमारी त्वचा को कांतिमय बनाती है।
मुँहासों से कैसे पाएँ छुटकारा :-
कुछ घरेलू उपचारों के द्वारा हम अपने चेहरे पर उभरे दाग-धब्बे, काले तिल व मुँहासों आदि से आसानी से छुटकारा पा सकते हैं -
* ताजे हरे धनिए की पत्तियों को पीसकर उस लेप को चेहरे पर लगाने से चेहरे पर उभरे काले तिलों से हमेशा के लिए निजात पाई जा सकती है।
* तुलसी की सूखी पत्तियाँ पानी के साथ पीसकर उसे चेहरे पर नियमित मलने से चेहरे के काले दाग धीरे-धीरे गायब होने लगते हैं।
* जायफल को पानी में घीसकर मलना भी बहुत फायदेमंद होता है।
* खड़ी मसूर को कागजी नींबू के रस में पीसकर दोनों गालों पर मलना बहुत लाभकारी होता है।
* चेहरे की रौनक बढ़ाने के लिए पानी में चंदन व हल्दी पावडर मिलाकर उसे चेहरे पर मलें।
* अमलतास की छाल, अनार की छाल, लोधी, आमा हल्दी और नागरमोथा की बराबर मात्रा पीसकर जल के साथ उसका गाढ़ा पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से जल्द ही मुँहासों से निजात पाई जा सकती है।