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बिहार में भाजपा अब महिला प्रचारकों के भरोसे

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अनिल जैन

पटना , रविवार, 18 अक्टूबर 2015 (07:39 IST)
पटना। बिहार में दो दौर का मतदान निबट जाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैलियों में कटौती किए जाने के बाद अब भाजपा ने अपनी महिला नेताओं के जरिए अपने प्रचार अभियान को तेज करने का फैसला किया है। पहले दौर की तरह दूसरे दौर में भी महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले ज्यादा बहुत अच्छा रहा। इसलिए मतदान के बाकी बचे हुए तीन चरणों के लिए भाजपा अब अपनी सभी प्रमुख महिला नेताओं को बिहार में उतारने जा रही है।
 
पार्टी नेतृत्व की ओर से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी और अभिनेत्री सांसद हेमामालिनी को बिहार में ज्यादा से ज्यादा सभाएं करने के लिए कहा गया है। भाजपा के बिहारी नेता और चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार भी सुषमा स्वराज और हेमा मालिनी की ज्यादा से ज्यादा सभाएं कराना चाहते हैं। 
 
हालांकि स्मृति ईरानी पहले से ही बिहार में सक्रिय तौर पर प्रचार अभियान में जुटी हुई हैं। वे हर जगह अपनी सभाओं में लालू यादव या नीतीश कुमार का नाम लिए बगैर मतदाताओं को 'जंगल राज' का डर दिखा रही हैं। वे कह रही हैं कि अगर फिर से जंगल राज लौटा तो उसका सबसे पहला शिकार महिलाएं होंगी।
 
बहरहाल, पार्टी नेताओं को अपनी एक अन्य स्टार प्रचारक उमा भारती की कमी बेहद खल रही है। बताया जा रहा है कि वे बीमार हैं, इसलिए प्रचार में नहीं उतरी हैं। लेकिन उम्मीद की जा रही है कि मतदान के आखिरी दो चरणों से पहले वे प्रचार करेंगी। फिलहाल उनकी कमी पूरी करने के लिए उनकी जगह पार्टी उत्तर प्रदेश की फायरब्रांड महिला नेता और केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति को प्रचार में उतार रही है। हालांकि दिल्ली के चुनाव में प्रचार के दौरान उनके विवादित बयानों से पार्टी को नुकसान ही हुआ था।
 
स्टार प्रचारकों की सूची में एक और महिला नेता वसुंधरा राजे का नाम भी है, लेकिन वे प्रचार के लिए नहीं गई हैं। अलबत्ता गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदी पटेल को प्रचार में नहीं उतारा जा रहा है। क्योंकि उनके बारे में कहा जा रहा है कि वे प्रभावी वक्ता नहीं हैं।

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