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भाजपा ने दो दर्जन 'मौसम वैज्ञानिकों' को उम्मीदवार बनाया

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अनिल जैन

पटना , बुधवार, 14 अक्टूबर 2015 (17:44 IST)
पटना। बिहार की चुनावी जंग जीतने के अभियान में भाजपा ने अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया है। यहां तक कि अपने कुछ घोषित नीति-सिद्धांतों को भी। पार्टी का दावा रहा है कि वह सार्वजनिक जीवन में आचरण शुचिता को सर्वाधिक महत्व देती है लेकिन बिहार में उम्मीदवारों के चयन में उसने अपनी यह कथित प्रतिबद्धता सिरे से भुला दी।
 
किसी भी तरह चुनाव जीतने और सत्ता हासिल करने की चाहत में भाजपा के रणनीतिकारों ने उम्मीदवारों के चयन में अपने समर्पित कार्यकर्ताओं को, यहां तक कि कुछ मौजूदा विधायकों को भी दरकिनार कर दूसरे दलों से आए 'मेहमान कलाकारों' या 'मौसम वैज्ञानिकों' की चुनाव जीतने की काबिलियत पर यकीन किया है।
 
भाजपा का टिकट हासिल करने वाले ज्यादातर वे 'खिलाड़ी' हैं जो चुनाव के वक्त अपनी पार्टी का टिकट न मिलने पर दूसरे दल का दामन थामने में बिल्कुल भी संकोच और देरी नहीं करते हैं। ऐसे लोग अपने धनबल और बाहुबल के दम पर धूमधाम से न सिर्फ दलबदल करते हैं, बल्कि उस दल का टिकट भी हासिल कर लेते हैं। भाजपा नेतृत्व ने जनता दल (यू) और राष्ट्रीय जनता दल सहित अन्य दलों से आए लगभग दो दर्जन लोगों को भरोसा जता कर उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है।
 
रानीगंज विधानसभा क्षेत्र से पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट परमानंद ऋषिदेव चुनाव जीते थे। उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के उम्मीदवार को करीब 24 हजार वोटों के अंतर से हराया था। मगर इस बार भाजपा ने उनका टिकट काट रामजी ऋषिदेव को अपना उम्मीदवार बनाया। रामजी ऋषिदेव वर्ष 2005 का चुनाव भाजपा के टिकट पर जीते थे, लेकिन 2010 में जब उन्हें टिकट नहीं मिला तो उन्होंने भाजपा से नाता तोड़ लिया था। इस बार भाजपा फिर रामजी ऋषिदेव की चुनाव जीतने की क्षमता पर भरोसा जताया है।
 
नरपतगंज विधानसभा क्षेत्र में भी यही कहानी दोहराई गई है। यहां से भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक का टिकट काटकर राजद से आए नेता पर भरोसा जताया है। पिछले चुनाव में भाजपा की दमयंती यादव ने राजद उम्मीदवार को सात हजार वोटों से हराया था। यहां से इस बार भाजपा के उम्मीदवार बनाए गए जनार्दन यादव 2005 में भाजपा के टिकट पर ही चुनाव जीते थे लेकिन 2010 में टिकट नहीं मिलने के कारण नाराज होकर भाजपा छोड़कर राजद में शामिल हो गए थे।
 
सिकटी विधान सभा क्षेत्र से भी भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक आनंदी यादव पर भरोसा न करते हुए हाल ही राजद से भाजपा में शामिल हुए विजय मंडल को अपना उम्मीदवार बनाया है। पिछले विधानसभा चुनाव में आनंदी यादव ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के उम्मीदवार को लगभग 10 हजार मतों से पराजित किया था।
 
पिछले चुनाव में भाजपा ने 102 सीटों अपने उम्मीदवार उतारे थे। इस बार वह 160 सीटों चुनाव लड़ रही है। पिछले चुनाव में जद (यू) की लड़ी गई जो सीटें इस बार भाजपा के हिस्से में आई हैं, उनमें से भी कई सीटों पर टिकट की चाह में दूसरे दलों से आए नेताओं को अपना उम्मीदवार बनाया है। इनमें छातापुर से नीरज कुमार बबलू, साहेबगंज से राजू सिंह, राघोपुर से सतीश कुमार राय, समस्तीपुर से रेणु कुमारी कुशवाहा, बिहारशरीफ से डॉ. सुनील, बाढ़ से ज्ञानेंद्रसिंह ज्ञानू, मनेर से श्रीकांत निराला, काराकाट से राजेश्वर राज, पिपरा से विश्वमोहन कुमार, लौरिया से विनय बिहारी, झंझारपुर से नीतीश मिश्रा, जमुई से अजय प्रताप और नालंदा से कौशलेंद्र कुमार को उम्मीदवार बनाया है। ये सभी उम्मीदवार कुछ ही दिनों पहले जद (यू) से भाजपा में शामिल हुए हैं। 

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