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जेपी के जन्मदिन पर 4 लाख की घूस ली : मोदी

हमें फॉलो करें जेपी के जन्मदिन पर 4 लाख की घूस ली : मोदी
जहानाबाद (भबुआ) , सोमवार, 12 अक्टूबर 2015 (12:02 IST)
जहानाबाद (भबुआ)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्टिंग वीडियो में जद(यू) के एक मंत्री को कथित तौर पर घूस लेते दिखाए जाने को लेकर नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि इन्होंने जयप्रकाश नारायण की विरासत का ‘अपमान’ किया है और इन्हें कोई ‘शर्म’ नहीं है।

जहानाबाद एवं भबुआ में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि महागठबंधन के नेता ‘भयभीत’ हैं। मोदी ने सोमवार को अपनी चुनावी रैली का सीधा प्रसारण करने पर रोक लगाने के लिए महागठबंधन की ओर से चुनाव आयोग से संपर्क साधने की भी आलोचना की।
 
राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण के मतदान से ठीक एक दिन पहले नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार को उस समय असहज स्थिति का सामना करना पड़ा जब एक स्टिंग वीडियो में वरिष्ठ मंत्री अवधेश प्रसाद कुशवाहा को रिश्वत लेते दिखाया गया। कुशवाहा को बाद में इस्तीफा देना पड़ा।
 
इस घटना का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि समाजवाद के प्रणेता माने जाने वाले जेपी की जयंती के दिन इससे खराब घटना और क्या हो सकती है। ऐसा काम उन लोगों ने किया जो जेपी की विरासत पर दावा करते हैं। जेपी का ऐसा अपमान कभी नहीं हुआ। इस घटना को बिहार के सम्मान से जोड़ते हुए मोदी ने कहा कि ऐसे लोगों ने बिहार के सम्मान को धूल में मिलाने का पाप किया है।
 
लालू प्रसाद पर तीखा प्रहार करते हुए मोदी ने कहा कि स्टिंग में अवधेश कुशवाहा ने कहा कि पांच मंत्री हैं (फायदा पाने वाले)। इन पांच मंत्रियों के नाम बताए। दो और यह पाप करते पकड़े गए लेकिन उनके नेता को इसमें कुछ भी बुरा नहीं लगता है। उन्हें इस पाप, जंगलराज या भ्रष्टाचार के बारे में खराब महसूस नहीं होता है।
 
मोदी ने सवाल किया कि ‘क्या बिहार को ऐसे लोगों के हाथों में छोड़ा जा सकता है जो बेशर्म हो गए हैं, ऐसे लोगों के हाथों में जिन्हें धन के ऐसे लेनदेन को लेकर शर्म महसूस नहीं होती। सार्वजनिक जीवन में शर्म जैसी चीज होती है, अगर कोई पाप करते पकड़ा जाता है तो वह घर बैठ जाता है, लेकिन यहां वे अकड़ दिखा रहे हैं।  
 
इस घटना के लिए नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद के गठबंधन को जिम्मेदार ठहराते हुए मोदी ने कहा कि जब तक भाजपा सरकार का हिस्सा थी, ऐसी कोई बात सामने नहीं आई, कोई भ्रष्टाचार नहीं था, लेकिन जब से उन्होंने (नीतीश) उस महान व्यक्ति से हाथ मिलाया है, जिन्हें ऐसे काम करने में महारत हासिल है, यह सब शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री को साजिश का भी आभास हुआ है और उन्होंने चुनाव आयोग से भभुआ क्षेत्र पर विशेष तौर पर ध्यान देने का आग्रह किया है।
 
उन्होंने कहा कि मैं कुछ साजिश की योजना देख रहा हूं और यह गंभीर मामला है। हालांकि उन्होंने इसका खुलासा नहीं किया। नीतीश कुमार के सुशासन के प्रचार की धार कुंद करने का प्रयास करते हुए मोदी ने कहा कि जब राष्ट्र जेपी को उनकी 113वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा था, तब आपको देखना है कि अपने आप को उनका अनुयायी बताने वाले, दिन-रात उनका नाम लेने वाले, उनके कदमों के अनुसरण की राजनीति का दावा करने वालों ने किस तरह से जेपी की जयंती मनाई।
 
चारा घोटाला मामले में दोषी ठहाराए गए लालू प्रसाद पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ‘अगर पैसे का यह खेल चलता रहा तो आप कहां जाएंगे। क्या आप चार लाख रुपए दे पायेंगे?  बिहार की जाति आधारित राजनीति के केंद्र माने जाने वाले जहानाबाद में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने लोगों को पिछड़े वर्ग के तेजतर्रार नेता जगदेव प्रसाद की 1974 में हुई हत्या की याद दिलाई जिन्हें ‘बिहार का लेनिन’ कहा जाता था। 
जगदेव प्रसाद की हत्या का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जगदेव बाबू की हत्या कब हुई? जगदेवजी वंचित वर्ग के लोगों के लिए लड़े। कांग्रेस के साथ गठजोड़ करने के लिए लालू और नीतीश पर बार बार निशाना साधने वाले प्रधानमंत्री ने कहा कि इस नेता की हत्या तब हुई थी जब बिहार में कांग्रेस सत्ता में थी।
 
उन्होंने कहा कि जगदेव बाबू मंत्री थे लेकिन उनकी हत्या कर दी गई। तब सरकार में कौन बैठे थे, जो आरोपों का सामना कर रहे थे। तब दलितों और वंचितों की आवाज को दबा दिया गया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले महागठबंधन को ‘महाअवसरवादी’ करार देते हुए उन्होंने लोगों से विकास के लिए भाजपा को वोट देने की अपील की।
 
लोगों से सावधानीपूर्वक अपने विकल्प चुनने का आग्रह करते हुए मोदी ने कहा ‍कि अगर आपको लगता है कि ऐसा करना सही है तो हमें मदद करें। मोदी ने इस घटना का जिक्र करते हुए कहा कि सबसे खराब बात यह है कि यह जेपी की सालगिरह पर हुआ। यह उन लोगों ने किया जो जेपी की विरासत का दावा किया करते हैं। जेपी का यह अपमान कभी नहीं होना चाहिए था।
 
प्रधानमंत्री ने प्रसाद से कुमार के गठबंधन के साथ इस घटना को जोड़ते हुए कहा कि जब तक भाजपा सरकार का हिस्सा थी, इस तरह का कोई स्टिंग, कोई भ्रष्टाचार नहीं था। लेकिन जब से उन्होंने (कुमार ने) उस महान शख्स से हाथ मिलाया, जिनके पास इस तरह की विशेषज्ञता है, यह होना शुरू हो गया। मोदी ने चारा घोटाला में प्रसाद की दोषसिद्धि का भी हवाला दिया। (भाषा)

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