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पासवान के दामाद ने की बगावत

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पटना। लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान के दामाद अनिल कुमार साधू ने बिहार विधानसभा चुनाव में टिकट से वंचित किए जाने के खिलाफ बगावत कर दी और राजग प्रत्याशियों को हराने के लिए सभी जिलों में दलित सेना के उम्मीदवारों को उतारने के अपने फैसले की घोषणा की।
 
दलित सेना के अध्यक्ष साधू ने दलित सेना के सभी जिलाध्यक्षों की बैठक की और जिस तरीके से पार्टी में टिकट का बंटवारा किया गया उसके खिलाफ रविवार को रामविलास पासवान का पुतला दहन करने का फैसला किया।
 
दलित सेना समाज के कमजोर तबके के लोगों का एक संगठन है जिसे रामविलास पासवान ने शुरू किया था।
 
साधू औरंगाबाद जिले में सुरक्षित सीट कुटुंबा से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन वह सीट पूर्व मुख्यमंत्री और हम के संस्थापक जीतन राम मांझी के पुत्र संतोष कुमार सुमन को आवंटित कर दी गई।
 
साधू ने कहा कि उन्हें टिकट नहीं दिया गया लेकिन रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति कुमार पारस और लोजपा प्रमुख के एक अन्य भाई रामचंद्र पासवान के बेटे प्रिंस राज को टिकट दे दिया गया।
 
साधू ने कहा कि मेरे दावे को इस तथ्य के बावजूद दरकिनार कर दिया गया कि मुझे साल 2010 में मसौढ़ी सीट से 53000 वोट मिले थे। उन्होंने कहा कि लोजपा प्रमुख का विरोध करने में उनकी पत्नी उनके साथ होंगी और समूचे बिहार में राजग प्रत्याशियों के खिलाफ प्रचार करेंगी।
 
दलित सेना प्रमुख ने आरोप लगाया कि लोजपा में टिकट बंटवारे में धन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और यह आरोप लगाया कि रामविलास पासवान और उनके पुत्र चिराग पासवान उन लोगों का समर्थन कर रहे हैं, जिन्होंने कथित तौर पर दलितों की हत्या की या उन पर हमला किया।
 
उल्लेखनीय है कि लोजपा ने शुक्रवार को अपने 12 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। सूची जारी करते हुए लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा था कि 40 में से 29 सीटों पर भाजपा और राजग के अन्य सहयोगियों के साथ आम सहमति है जबकि 11 अन्य सीटों को अंतिम रूप देने पर बातचीत जारी है। (भाषा)

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