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क्या कहते हैं बिहार चुनाव के 'तीन चरण'

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, शनिवार, 31 अक्टूबर 2015 (16:55 IST)
पांच चरणों में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के तीन चरण संपन्न हो चुके हैं। इन चरणों में 243 सदस्यीय विधानसभा के 131 क्षेत्रों में मतदाताओं ने उम्मीदवारों के भाग्य पर अपनी मुहर लगा दी है। चौथे चरण में 1 नवंबर को 55 सीटों पर मतदान होगा, जबकि शेष सीटों के लिए 5 नवंबर को मतदाता अपनी राय जाहिर करेंगे। 8 नवंबर को मतगणना के साथ ही तय हो जाएगा कि बिहार की 'कुर्सी' किस गठबंधन या दल की झोली में जाने वाली है। 
 
पहले चरण में दस जिलों की 49 विधानसभा सीटों पर 12 अक्टूबर को मतदान हुआ था। इस चरण में 57 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था, जो वर्ष 2010 विधानसभा चुनाव के 50.85 प्रतिशत से 6.15 प्रतिशत अधिक है। इस चरण में दिलचस्प यह रहा कि महिलाओं (59.5 प्रतिशत) ने पुरुषों (54.5फीसदी) की तुलना में अधिक मतदान किया।
 
हालांकि बढ़ा हुआ मतदान प्रतिशत भाजपा के लिए खुशी की वजह हो सकता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि बढ़े मतदान का फायदा उसे ज्यादा मिलता है, लेकिन यह भी ध्यान रखने वाली बात है कि इस दौर में जहां-जहां मतदान हुआ वहां भाजपा के सहयोगी दलों का जनाधार कम, जबकि जदयू का जनाधार यहां तुलनात्मक रूप से ज्यादा था। 
 
राज्य में दूसरे चरण का मतदान 16 अक्टूबर को संपन्न हुआ। नक्सल प्रभावित 6 जिलों-  कैमूर, रोहतास, अरवल, जहानाबाद, औरंगाबाद और गया के नक्सल प्रभावित 32 विधानसभा क्षेत्रों में करीब 55 फीसदी मतदान हुआ। इस चरण में एनडीए के सहयोगी और बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री जीतनराम मांझी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी। यदि दलितों और महादलितों में उनका जादू चला तो निश्चित ही एनडीए को इसका फायदा मिलेगा। दूसरा, यदि असदुद्दीन ओवैसी मुस्लिम मतदाताओं को रिझा पाए तो इसका सीधा नुकसान महागठबंधन को ही होगा। हालांकि ऐसा भी माना जा रहा है कि मुस्लिम मतदाताओं में मतदान को लेकर कोई भ्रम नहीं था, लेकिन हकीकत तो मतगणना के बाद ही सामने आ पाएगी। 
 
तीसरे चरण यानी 28 अक्टूबर को राज्य में 6 जिलों की 50 सीटों पर 53.32 फीसदी मतदान हुआ, जो कि 2010 के चुनाव के मुकाबले करीब 3 प्रतिशत ज्यादा ही है। तीसरे चरण में चूंकि शहरी इलाकों में मतदान हुआ। अत: भाजपा तीसरे चरण को लेकर काफी उत्साहित है। भाजपा की मान्यता है कि शहरी इलाकों में उसे सर्वाधिक वोट मिलते हैं। 
 
हालांकि इस चरण में पटना में भी मतदान हुआ था, जहां एक सीट पटना साहिब से फिल्म अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा सांसद हैं, जो कि इन दिनों पार्टी से नाराज चल रहे हैं और पार्टी के विरोध में बयानबाजी भी कर रहे हैं। ऐसे में पार्टी को नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। तीसरे चरण में लालू यादव के गढ़ सारण और नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा में भी मतदान हुआ है और इन दोनों जगहों पर भी औसत मतदान हुआ है। बक्सर में औसत से ज्यादा मतदान हुआ है। वहां से भाजपा के अश्विनी चौबे सांसद हैं।
 
राज्य में चौथे चरण में 55 और अंतिम यानी पांचवें चरण में 57 सीटों पर वोटिंग होगी। एनडीए के स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी सभाओं में विकास, भ्रष्टाचार के साथ 'आरक्षण चोरी' को मुद्दा बना रहे हैं, वहीं वे कभी-कभी खुद के पिछड़े होने की बात कहना भी नहीं भूलते। एनडीए को रामविलास पासवान और जीतनराम मांझी के सहयोग से दलित वोट मिलने की भी उम्मीद है।
 
दूसरी महागठबंधन के नेता सांप्रदायिकता और महंगाई को मुद्दा बना रहे हैं। जातिवाद का मुद्दा भी राज्य में निर्णायक साबित हो सकता है। इसके अलावा लालू यादव को यादव और मुस्लिम वोटरों पर भरोसा है तो नीतीश को अपने कार्यकाल में किए गए कार्यों का। कांग्रेस तो यहां पूरी तरह नीतीश और लालू के जादू पर ही निर्भर है।हालांकि जीत के दावे तो सभी गठबंधन और पार्टियां कर रही हैं, लेकिन हकीकत तो 8 अक्टूबर को मतगणना के साथ ही सामने आएगी। 
 

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